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(source : IANS) ( Photo Credit : IANS)
नई दिल्ली, 2 नवंबर (आईएएनएस)। सरकार ने रविवार को कहा कि डिजिटल लाइफ सर्टिफिकेट (डीएलसी) अभियान 4.0 का लक्ष्य संतृप्ति-आधारित आउटरीच दृष्टिकोण के माध्यम से 2,000 से अधिक शहरों और कस्बों में दो करोड़ पेंशनभोगियों तक पहुंचना है।
केंद्रीय मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह सोमवार को नई दिल्ली स्थित एनडीएमसी कन्वेंशन सेंटर में राष्ट्रव्यापी डीएलसी अभियान 4.0 के अंतर्गत एसबीआई मेगा कैंप में भाग लेंगे।
वे चेहरे के माध्यम से डीएलसी सुविधा का लाभ उठा रहे पेंशनभोगियों से बातचीत करेंगे और भारतीय स्टेट बैंक, इंडिया पोस्ट पेमेंट्स बैंक (डीओपी), यूआईडीएआई और एनआईसी सहित विभिन्न हितधारक संगठनों द्वारा आयोजित प्रदर्शनों का अवलोकन करेंगे।
डीआईसी, पेंशनभोगियों के डिजिटल सशक्तिकरण के सरकार के दृष्टिकोण के तहत एक महत्वपूर्ण पहल है, जो डिजिटल इंडिया और जीवन सुगमता मिशनों के साथ संरेखित है।
यह अभियान आधार-आधारित चेहरा प्रमाणीकरण तकनीक के उपयोग पर जोर देता है, जिससे पेंशनभोगी बिना बायोमेट्रिक उपकरणों की आवश्यकता के आसानी से अपना जीवन प्रमाण पत्र जमा कर सकते हैं।
इंडिया पोस्ट पेमेंट्स बैंक (डाक विभाग) की डोरस्टेप डीएलसी सेवा के माध्यम से अति वरिष्ठ और दिव्यांग पेंशनभोगियों पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस बात पर प्रकाश डाला है कि कैसे डिजिटल जीवन प्रमाण पत्र जैसी डिजिटल इंडिया पहलों ने देश भर के वरिष्ठ नागरिकों के लिए पेंशन प्रक्रिया को सरल बना दिया है।
यह अभियान बैंकों, इंडिया पोस्ट पेमेंट्स बैंक, यूआईडीएआई, एमईआईटीवाई, एनआईसी, सीजीडीए, रेलवे और पेंशनभोगी कल्याण संघों सहित सभी प्रमुख हितधारकों को पेंशनभोगियों के डिजिटल समावेशन के लिए सहयोगात्मक रूप से काम करने के लिए एक साथ लाता है।
एनआईसी डीएलसी पोर्टल विभिन्न एजेंसियों द्वारा डीएलसी निर्माण की वास्तविक समय निगरानी प्रदान करता है।
सरकार निरंतर सुधारों और डिजिटल जीवन प्रमाणपत्र अभियान जैसी प्रौद्योगिकी-संचालित पहलों के माध्यम से पेंशनभोगियों के जीवन को आसान बनाने और डिजिटल सशक्तिकरण सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध है।
डॉ. सिंह के अनुसार, डिजिटल जीवन प्रमाणपत्र अभियान ने पेंशन वितरण में क्रांति ला दी है। सिंह ने पहले बताया था कि इस अभियान ने बुजुर्गों के लिए पेंशन प्राप्त करना आसान बनाने के लिए प्रौद्योगिकी का उपयोग किया। इसने कई पुराने नियमों को भी समाप्त कर दिया जो इस प्रक्रिया में बाधा डाल रहे थे।
--आईएएनएस
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