पाकिस्तान और ईरान से लौटे अफगान नागरिकों ने तालिबान शासन से मांगी मदद

पाकिस्तान और ईरान से लौटे अफगान नागरिकों ने तालिबान शासन से मांगी मदद

पाकिस्तान और ईरान से लौटे अफगान नागरिकों ने तालिबान शासन से मांगी मदद

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IANS
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People cross border into Pakistan at the border crossing point of Torkham between Pakistan and Afghanistan on Sept. 5, 2021,

(source : IANS) ( Photo Credit : IANS)

काबुल, 4 अगस्त (आईएएनएस)। पाकिस्तान और ईरान द्वारा अफगान नागरिकों को निर्वासित करने के बीच काबुल कैंप में लौटे कई लोगों ने अपनी भयानक जीवन स्थिति को लेकर चिंता जताई। निर्वासित लोगों ने तालिबान शासन और मानवीय संगठनों से अनुरोध किया है कि उन्हें विभिन्न प्रांतों में बसाने, आवश्यक सहायता प्रदान करने, रोजगार के अवसर पैदा करने और उनके बच्चों की शिक्षा सुनिश्चित करने में मदद की जाए।

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अफगान लौटने वाले लोगों ने बताया कि बेरोजगारी, आश्रय की कमी और बुनियादी सुविधाओं के अभाव के कारण वे कठिन परिस्थितियों में जी रहे हैं।

अफगानिस्तान स्थित टोलो न्यूज की रिपोर्ट के अनुसार, ईरान से निर्वासित अदिना समादी ने तालिबान प्रशासन से वतन वापस लौटने वालों की स्थिति पर ध्यान देने की मांग की।

समादी ने कहा, हमारी मांग है कि सरकार लौटे हुए लोगों की स्थिति पर ध्यान दे। मैं वाहन से आई थी और रास्ते में मेरी मां बीमार हो गईं। हमें कई समस्याओं का सामना करना पड़ा और हम देर से पहुंचे, क्योंकि पिछले 20 दिनों से हमें तखर जैसे शहर तक जाने के लिए कोई गाड़ी भी नहीं मिली है, जहां हम जाना चाहते हैं।

ईरान से लौटे एक अन्य निर्वासित खैबर ने तालिबान से जल्द से जल्द सहायता प्रदान करने की मांग की, जिसमें घर और जीविका के साधन शामिल हैं।

उन्होंने कहा, अभी हमारे पास कोई घर नहीं है। हम चार दिनों से इस कैंप में सो रहे हैं, और हमारे पास जाने के लिए कोई जगह भी नहीं है।

काबुल कैंप में रह रहे एक अन्य निर्वासित जलमई ने कहा कि उन्हें कुंदुज स्थानांतरित किया जाना है, और मुझे उम्मीद है कि लौटने वाले प्रवासियों के लिए वहां उचित सुविधाएं उपलब्ध होंगी।

उन्होंने कहा, हम सरकार से मदद मांगते हैं। अभी हमारे पास रहने की कोई जगह नहीं है और हम इस कैंप में हैं। हमें नहीं पता कि कुंदुज में भी कोई कैंप है या नहीं और अगर है, तो क्या वे हमें स्वीकार करेंगे? वरना, हमारे पास सड़क किनारे एक कंबल के साथ सोने के अलावा कोई विकल्प नहीं होगा।

इस बीच, शरणार्थी मामलों के आयोग ने कहा कि वह पड़ोसी देशों, खासकर ईरान और पाकिस्तान से लौटने वालों के लिए सुविधाएं प्रदान करने की कोशिश कर रहा है। इस्लाम कला के रास्ते 544 परिवार अफगानिस्तान वापस लौटे हैं।

अफगान लौटे लोगों को समाज में ठीक से बसाने के लिए और प्रयास करने की मांग करते हुए प्रवासी अधिकार कार्यकर्ता ने कहा, अब तक किए जा रहे प्रयास काफी नहीं हैं। मौजूदा समस्याओं को हल करने और लौटे हुए लोगों को समाज में सही तरीके से शामिल करने के लिए और काम करने की जरूरत है। यह ऐसा मुद्दा है जिसे इस्लामी अमीरात को प्राथमिकता देनी चाहिए।

31 जुलाई को संयुक्त राष्ट्र शरणार्थी उच्चायुक्त (यूएनएचसीआर) की एक रिपोर्ट में कहा गया कि सितंबर 2023 से लगभग 12 लाख अफगान पाकिस्तान से लौटे हैं।

रिपोर्ट में यूएनएचसीआर ने उल्लेख किया कि लौटने वाले कई अफगान कठिन परिस्थितियों का सामना कर रहे हैं और मानवीय संकट को और गहराने से रोकने के लिए तत्काल सहायता की आवश्यकता है।

अफगानिस्तान लौटने के बाद से 1,56,000 से अधिक लौटने वालों, जिनमें 98,000 पंजीकृत कार्डधारक शामिल हैं, को मानवीय सहायता मिली है।

यूएनएचसीआर ने बताया कि सहायता प्राप्त करने वालों में लगभग आधी संख्या महिलाओं और लड़कियों की है, जबकि लौटने वाले सभी लोगों में से लगभग 2.2 प्रतिशत विशेष रूप से अक्षम लोग हैं।

एजेंसी ने कहा कि 2025 में ही 315,000 से अधिक अफगान अफगानिस्तान लौटे हैं, जिनमें 51,000 को पाकिस्तानी अधिकारियों द्वारा जबरन निर्वासित किया गया।

रिपोर्ट के अनुसार, कई अफगानी नागरिक बदतर परिस्थितियों का सामना कर रहे हैं, जिनमें उचित आवास, नौकरी और आवश्यक सेवाओं तक पहुंच की कमी शामिल है। सहायता एजेंसियों ने अफगान अधिकारियों और अंतरराष्ट्रीय समुदाय से समर्थन बढ़ाने का आह्वान किया है।

--आईएएनएस

एफएम/

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