'लोकतंत्र को दबाने का प्रयास': मानवाधिकार संगठन ने पाकिस्तानी जेलों में बलूच कार्यकर्ताओं की सुनवाई पर जताया ऐतराज

'लोकतंत्र को दबाने का प्रयास': मानवाधिकार संगठन ने पाकिस्तानी जेलों में बलूच कार्यकर्ताओं की सुनवाई पर जताया ऐतराज

'लोकतंत्र को दबाने का प्रयास': मानवाधिकार संगठन ने पाकिस्तानी जेलों में बलूच कार्यकर्ताओं की सुनवाई पर जताया ऐतराज

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IANS
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'Deliberate attempt to suppress democracy': Rights body condemns jail hearing of Baloch activists in Pakistan

(source : IANS) ( Photo Credit : IANS)

क्वेटा, 12 अक्टूबर (आईएएनएस)। बलूच यकजेहती समिति (बीवाईसी) ने बीवाईसी नेताओं महरंग बलूच, बीबो बलूच, गुलजादी बलूच, बीबर्ग बलूच और सिबगतुल्लाह शाहजी की जेल की चारदीवारी के बीच हुई सुनवाई की आलोचना की है। उन्होंने इसे पारदर्शिता को दबाने, सार्वजनिक जांच को बाहर करने और बलूचिस्तान में शांतिपूर्ण राजनीतिक असहमति के अपराधीकरण को संस्थागत बनाने का गंभीर और जानबूझकर किया गया प्रयास करार दिया है।

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शनिवार को, बीवाईसी ने कहा कि हिरासत में लिए गए सभी बीवाईसी नेताओं की न्यायिक हिरासत 10 दिनों के लिए और बढ़ा दी गई है। बीवाईसी कार्यकर्ताओं ने कहा कि मार्च में गिरफ्तारी के बाद से उन्हें लगातार अनुचित तरीके से हिरासत में रखा गया है और उनके कानूनी प्रतिनिधियों से मिलने से बार-बार रोका जा रहा है।

एक्स पर साझा किए गए एक बयान में, बीवाईसी ने कहा: संस्थागत दमन के एक और विचलित करने वाले प्रदर्शन में, बलूच यकजेहती समिति (बीवाईसी) के नेतृत्व की सुनवाई, जिसमें डॉ. महरंग बलूच, बीबो बलूच, गुलजादी बलूच, बीबर्ग बलूच और सिबगतुल्लाह शाहजी शामिल थे, आज खुली अदालत के बजाय जेल परिसर में हुई। इस बंद कमरे में हुई सुनवाई में, हिरासत में लिए गए सभी बीवाईसी नेताओं की न्यायिक हिरासत दस दिनों के लिए और बढ़ा दी गई। जेल में सुनवाई का यह बदलाव पारदर्शिता को दबाने, सार्वजनिक जांच को बाहर करने और बलूचिस्तान में शांतिपूर्ण राजनीतिक असहमति के अपराधीकरण को और संस्थागत बनाने का एक गंभीर और जानबूझकर किया गया प्रयास है।

इसमें आगे कहा गया है, कार्यवाही को जेल की चारदीवारी के पीछे ले जाकर, राज्य प्रभावी रूप से परिवारों, पत्रकारों और तटस्थ पर्यवेक्षकों को इस प्रक्रिया को देखने से रोकता है, जो पाकिस्तान के अपने संविधान और निष्पक्ष सुनवाई व उचित प्रक्रिया के अंतर्राष्ट्रीय मानकों का सीधा उल्लंघन है। मार्च 2025 में जबरन गायब किए गए लोगों के लिए न्याय की मांग करते हुए एक शांतिपूर्ण विरोध प्रदर्शन के बाद उनकी गिरफ्तारी के बाद से, बीवाईसी नेतृत्व लगातार गैर कानूनी तरीकों के जाल में फंसाया जाता रहा है, जिसमें रिमांड की अनुचित अवधि बढ़ाना और उनके कानूनी प्रतिनिधियों से बार-बार संपर्क न करने देना भी शामिल है।

महरंग बलूच और अन्य बीवाईसी सदस्यों को क्वेटा सिविल अस्पताल पर हमला करने और लोगों को हिंसा के लिए उकसाने के आरोप में 22 मार्च को गिरफ्तार किया गया था।

पाकिस्तान के प्रमुख दैनिक डॉन की रिपोर्ट के अनुसार, जबरन गायब किए गए लोगों के खिलाफ विरोध प्रदर्शन कर रहे बीवाईसी नेताओं को एक दिन बाद गिरफ्तार किया गया।

बीवाईसी प्रमुख को लोक व्यवस्था बनाए रखने संबंधी कानून (एमपीओ) की धारा 3 के तहत गिरफ्तार किया गया था। यह कानून अधिकारियों को लोक व्यवस्था के लिए खतरा पैदा करने के संदिग्ध लोगों को गिरफ्तार करने और हिरासत में रखने का अधिकार देता है। यह कानून पहली बार 30 दिनों के लिए लगाया गया था। बाद में अप्रैल में, बलूचिस्तान गृह विभाग ने उनकी हिरासत अवधि को 30 दिनों के लिए और बढ़ा दिया। प्रांतीय सरकार ने जून में बीवाईसी नेताओं की तीन महीने की हिरासत पूरी होने के बाद चौथा विस्तार आदेश जारी किया।

एमपीओ के तहत गिरफ्तारी के बाद, महरंग बलूच और अन्य बीवाईसी नेताओं के खिलाफ आतंकवाद विरोधी अधिनियम और पाकिस्तान दंड संहिता की विभिन्न धाराओं के तहत मामले दर्ज किए गए। हिरासत में रहने के दौरान बीवाईसी नेताओं की रिमांड कई बार बढ़ाई गई है।

--आईएएनएस

केआर/

डिस्क्लेमरः यह आईएएनएस न्यूज फीड से सीधे पब्लिश हुई खबर है. इसके साथ न्यूज नेशन टीम ने किसी तरह की कोई एडिटिंग नहीं की है. ऐसे में संबंधित खबर को लेकर कोई भी जिम्मेदारी न्यूज एजेंसी की ही होगी.

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