नई दिल्ली, 7 जुलाई (आईएएनएस)। दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने सोमवार को उत्तर प्रदेश के अपने समकक्ष योगी आदित्यनाथ को पत्र लिखा। इसमें उन्होंने अनुरोध किया कि वे दोनों राज्यों की सीमा के निकट यमुना के डूब क्षेत्र में अवैध रेत खनन को रोकने के लिए उनकी सरकार के साथ मिलकर काम करें।
अपने पत्र में दिल्ली की मुख्यमंत्री ने कहा कि इस अवैध खनन के कारण यमुना के तटबंध कमजोर हो रहे हैं, जिससे नदी के किनारे रहने वाले दिल्लीवासियों के लिए बाढ़ का खतरा बढ़ रहा है।
मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री को अवैध रेत खनन से संबंधित राष्ट्रीय हरित अधिकरण (एनजीटी) की चिंताओं से भी अवगत कराया।
दिल्ली की सीएम ने कहा कि अवैध खनन से गंभीर पारिस्थितिक क्षति भी हो रही है, जिससे यमुना को गंभीर नुकसान पहुंच सकता है और नदी के किनारे रहने वाली आबादी की सुरक्षा को खतरा हो सकता है।
सीएम गुप्ता ने कहा कि यह अंतरराज्यीय प्रकृति का मुद्दा है, इसलिए इस अवैध रेत खनन पर प्रभावी रोक लगाने के लिए दिल्ली और उत्तर प्रदेश सरकार के बीच समन्वित और संयुक्त प्रवर्तन तंत्र की आवश्यकता है।
दिल्ली की मुख्यमंत्री ने यूपी के सीएम को बताया कि राष्ट्रीय हरित अधिकरण भी यमुना में अवैध रेत खनन पर लगातार चिंता व्यक्त करता रहा है।
उन्होंने कहा कि एनजीटी ने बार-बार अवैध रेत के प्रतिकूल प्रभाव की ओर इशारा किया है और इस मुद्दे पर तत्काल नियामक प्रवर्तन और अंतरराज्यीय समन्वय का सुझाव भी दिया है।
सीएम गुप्ता ने अपने पत्र में लिखा है कि सीएम आदित्यनाथ के सहयोग से हम इस समस्या का प्रभावी समाधान निकाल सकेंगे। उन्होंने यूपी के सीएम से कहा कि वे अपने अधिकारियों को इस मुद्दे पर संयुक्त अंतरराज्यीय सीमांकन करने का निर्देश दें, ताकि दोनों राज्यों के प्रशासन के समन्वित प्रयासों से क्षेत्र के पारिस्थितिक संतुलन को प्रभावी ढंग से संरक्षित किया जा सके।
इस मुद्दे पर दिल्ली के शीर्ष अधिकारियों ने मुख्यमंत्री को बताया है कि वे उत्तर प्रदेश के संबंधित क्षेत्रों के शीर्ष अधिकारियों से लगातार पत्राचार कर रहे हैं। उन्हें बता रहे हैं कि यमुना नदी के किनारे, खासकर दिल्ली और उत्तर प्रदेश की क्षेत्रीय सीमा के अंतर्गत आने वाले क्षेत्राधिकार में और उसके आसपास अवैध रेत खनन का खतरा बढ़ रहा है।
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