दिल्ली विधानसभा अध्यक्ष विजेंद्र गुप्ता ने एमएसएमई को बढ़ावा देने पर दिया जोर

दिल्ली विधानसभा अध्यक्ष विजेंद्र गुप्ता ने एमएसएमई को बढ़ावा देने पर दिया जोर

दिल्ली विधानसभा अध्यक्ष विजेंद्र गुप्ता ने एमएसएमई को बढ़ावा देने पर दिया जोर

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IANS
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Delhi Assembly Speaker Vijender Gupta calls for promoting MSMEs

(source : IANS) ( Photo Credit : IANS)

नई दिल्ली, 19 अगस्त (आईएएनएस)। दिल्ली विधानसभा अध्यक्ष विजेंद्र गुप्ता ने सोमवार को कहा कि भारत के कुल निर्यात में सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमों (एमएसएमई) का योगदान लगभग 45 प्रतिशत है और यदि सही नीति, वैश्विक साझेदारी और नवाचार मिलें, तो यह 60 से 70 प्रतिशत तक पहुंच सकता है।

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विजेंद्र गुप्ता एमएसएमई समिट में मुख्य अतिथि के रूप में पहुंचे थे। इस समिट का आयोजन उद्योग संगठनों और सेवा निर्यात संवर्धन परिषद (एसईपीसी) ने मिलकर किया था। समिट का मुख्य विषय था एमएसएमई को सशक्त बनाना, वैश्विक रूप से जोड़ना, जिसमें आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, डिजिटल तकनीकों को अपनाने, निर्यात रणनीति, महिलाओं और युवाओं की उद्यमिता, और अंतरराष्ट्रीय प्रतिस्पर्धा जैसे विषयों पर चर्चा हुई।

विजेंद्र गुप्ता ने कहा कि यह समिट पीएम मोदी के लोकल से ग्लोबल के आह्वान को साकार करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।

समिट में अमेरिका, ब्रिटेन, रूस और यूएई समेत 20 से अधिक देशों के व्यापार प्रतिनिधियों ने हिस्सा लिया।

गुप्ता ने कहा, भारत की ताकत केवल बड़ी कंपनियों में नहीं है, बल्कि उन लाखों छोटे-छोटे सपनों में है जिन्हें एमएसएमई उद्यमी हर दिन साकार कर रहे हैं। यही छोटे सपने मिलकर भारत को विकसित राष्ट्र बनने की राह दिखा रहे हैं।

उन्होंने उद्यमियों से मेक इन इंडिया से आगे बढ़कर मेड फॉर द वर्ल्ड की दिशा में काम करने का आग्रह किया। उन्होंने कहा कि नवाचार, गुणवत्ता में सुधार और वैश्विक आपूर्ति श्रृंखलाओं से जुड़ना इस लक्ष्य को हासिल करने की कुंजी है।

गुप्ता ने महिलाओं और युवाओं से भी आह्वान किया कि वे सरकार की योजनाओं, अंतरराष्ट्रीय सहयोग और ऐसे समिट के माध्यम से उपलब्ध अवसरों का पूरा लाभ उठाएं।

उन्होंने कहा, आइए हम सभी मिलकर यह संकल्प लें कि भारत के एमएसएमई को व्यापार और नवाचार में वैश्विक नेतृत्वकर्ता बनाएंगे।

अंत में उन्होंने कहा कि यदि हम अपनी उद्यमशीलता, तकनीकी प्रगति और सांस्कृतिक ताकत का सही इस्तेमाल करें, तो हम आत्मनिर्भर ही नहीं बल्कि समावेशी विकास को बढ़ावा देने वाली एक मजबूत अर्थव्यवस्था बना सकते हैं।

यह समिट दुनियाभर के राजनयिकों, उद्योगपतियों, विद्वानों और नवोन्मेषी उद्यमियों की उपस्थिति में संपन्न हुआ।

--आईएएनएस

वीकेयू/डीएससी

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