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(source : IANS) ( Photo Credit : IANS)
धर्मशाला, 22 अक्टूबर (आईएएनएस)। तिब्बती आध्यात्मिक नेता दलाई लामा ने जापान की प्रधानमंत्री साने ताकाइची को पत्र लिखकर उन्हें देश की पहली महिला नेता बनने पर बधाई दी है।
अपने पत्र में, दलाई लामा ने कहा, निःसंदेह, आपका देश इतिहास के इस महत्वपूर्ण मोड़ पर खड़ा है और जब दुनिया बड़ी चुनौतियों का सामना कर रही है, तो ऐसे में आपके कई दशकों की जनसेवा जापान का नेतृत्व करने में आपके बहुत काम आएगी।
जापान की लौह महिला के रूप में जानी जाने वाली अति रूढ़िवादी 64 वर्षीय ताकाइची ने देश की 104वीं प्रधानमंत्री बनकर इतिहास रच दिया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने भी नए जापानी प्रधानमंत्री को अपनी शुभकामनाएं दी थीं।
शांति के प्रति जापान की दीर्घकालिक प्रतिबद्धता की प्रशंसा करते हुए, दलाई लामा ने कहा, परमाणु हथियारों से हमले के परिणामस्वरूप भारी कष्ट सहने के बाद, जापान ने दुनिया में शांति स्थापित करने के प्रयासों में दृढ़ता से अगुवाई की है। यह परमाणु निरस्त्रीकरण का स्पष्ट समर्थक रहा है।
उन्होंने आगे कहा, खासकर ऐसे समय में, जब दुनिया के कई हिस्सों में इतनी अनिश्चितता और उथल-पुथल है, यह बेहद जरूरी है कि बातचीत और कूटनीति के जरिए समस्याओं को सुलझाने के लिए ठोस प्रयास किए जाएं।
जापान की पहली महिला प्रधानमंत्री के रूप में चुने जाने का स्वागत करते हुए, नोबेल शांति पुरस्कार विजेता ने लिखा, मेरा मानना ​​है कि महिलाएं दूसरों की भावनाओं के प्रति अधिक दयालु और संवेदनशील होती हैं - ये गुण मैंने पहली बार अपनी प्यारी मां से सीखे थे। वैज्ञानिक प्रमाण भी दर्शाते हैं कि महिलाएं दूसरों के दर्द के प्रति अधिक संवेदनशील होती हैं। इसलिए, मेरा दृढ़ विश्वास है कि यदि हमारी ज्यादातर नेता महिलाएं होतीं, तो दुनिया ज्यादा समझदार और शांतिपूर्ण होती।
दलाई लामा ने आगे कहा, मैं जापान और पूरी दुनिया में खुशहाली बहाल करते वक्त सामने आने वाली चुनौतियों में आपको सफलता मिले इसकी कामना करता हूं।
--आईएएनएस
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