घर में पकाई जाने वाली खाने की थाली फरवरी में हुई सस्ती : रिपोर्ट

घर में पकाई जाने वाली खाने की थाली फरवरी में हुई सस्ती : रिपोर्ट

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IANS
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Home-cooked veg thali gets cheaper in Nov, non-veg thali remains stable

(source : IANS) ( Photo Credit : IANS)

नई दिल्ली, 10 मार्च (आईएएनएस)। घर पर पकाई जाने वाली शाकाहारी और मांसाहारी थाली की लागत में जनवरी की तुलना में फरवरी में 5 प्रतिशत की कमी दर्ज की गई है। सोमवार को जारी क्रिसिल की लेटेस्ट रिपोर्ट में यह जानकारी दी गई।

रिपोर्ट में कहा गया है कि शाकाहारी थाली के लिए यह गिरावट सब्जियों की कीमत घटने के साथ देखी गई। खासकर प्याज, टमाटर और आलू की कम कीमतों के कारण शाकाहारी थाली की लागत कम हुई। जबकि, मांसाहारी थाली के लिए, ब्रॉयलर (चिकन) की कीमतों में कमी के कारण लागत में कमी दर्ज की गई।

रबी की नई फसलों के आने से सब्जियों की कीमतों में कमी आने की उम्मीद है, जिससे शाकाहारी थाली की लागत में लगातार राहत बनी रहेगी।

रिपोर्ट में कहा गया है कि हालांकि, मार्च में तापमान की स्थिति सामान्य से अधिक रही, जिससे प्याज की शेल्फ लाइफ और क्वालिटी प्रभावित हो सकती है। इसे देखते हुए प्याज को अगले छह महीनों तक स्टोर करने की जरूरत होगी। साथ ही गेहूं की मात्रा और क्वालिटी भी प्रभावित हो सकती है, जो रबी सीजन की सबसे महत्वपूर्ण फसल है।

घर पर थाली तैयार करने की औसत लागत की गणना उत्तर, दक्षिण, पूर्व और पश्चिम भारत में प्रचलित इनपुट कीमतों के आधार पर की जाती है।

महीने में होने वाला बदलाव आम आदमी के खर्च पर पड़ने वाले प्रभाव को दर्शाता है। डेटा में थाली की लागत में बदलाव लाने वाली सामग्री जैसे अनाज, दालें, ब्रॉयलर, सब्जियां, मसाले, खाद्य तेल और रसोई गैस की भी जानकारी मिलती है।

आईसीआरए की रिपोर्ट आधिकारिक आंकड़ों के अनुरूप है कि भारत की खुदरा मुद्रास्फीति नीचे की ओर बढ़ रही है। सांख्यिकी मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार, जनवरी में उपभोक्ता मूल्य सूचकांक पर आधारित मुद्रास्फीति 5 महीने के निचले स्तर 4.31 प्रतिशत पर आ गई, क्योंकि महीने के दौरान सब्जियों और दालों की कीमतों में कमी आई, जिससे घरेलू बजट को राहत मिली।

अक्टूबर में 14 महीने के उच्चतम स्तर 6.21 प्रतिशत को छूने के बाद मुद्रास्फीति में कमी लगातार गिरावट की प्रवृत्ति को दर्शाती है। नवंबर में सीपीआई मुद्रास्फीति घटकर 5.48 प्रतिशत और दिसंबर में 5.22 प्रतिशत हो गई थी।

जनवरी 2025 में खाद्य मुद्रास्फीति 6.02 प्रतिशत पर अगस्त 2024 के बाद सबसे कम है।

वैश्विक अनिश्चितताओं के बीच विकास को गति देने के लिए मौद्रिक नीति समीक्षा में आरबीआई गवर्नर संजय मल्होत्रा ​​ने नीतिगत दर में 25 आधार कटौती की घोषणा की, जिसे 6.5 प्रतिशत से घटाकर 6.25 प्रतिशत कर दिया गया।

उन्होंने कहा कि मुद्रास्फीति में गिरावट आई है और उम्मीद है कि इसमें और कमी आएगी तथा यह धीरे-धीरे आरबीआई के लक्ष्य के अनुरूप हो जाएगी।

खुदरा मुद्रास्फीति में गिरावट जारी रहने के कारण आरबीआई के पास व्यवसायों और उपभोक्ताओं को अधिक ऋण उपलब्ध कराने के लिए नरम मुद्रा नीति का पालन करने के लिए अधिक गुंजाइश होगी, जिससे आर्थिक विकास को बढ़ावा मिलेगा।

--आईएएनएस

एसकेटी/एबीएम

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