मजबूत राजकोषीय और मौद्रिक नीतियों के कारण भारत में कॉर्पोरेट बिक्री में दिखा तेज उछाल: आरबीआई बुलेटिन

मजबूत राजकोषीय और मौद्रिक नीतियों के कारण भारत में कॉर्पोरेट बिक्री में दिखा तेज उछाल: आरबीआई बुलेटिन

मजबूत राजकोषीय और मौद्रिक नीतियों के कारण भारत में कॉर्पोरेट बिक्री में दिखा तेज उछाल: आरबीआई बुलेटिन

author-image
IANS
New Update
Corporate sales in India rebound sharply over fiscal and monetary policies: RBI Bulletin

(source : IANS) ( Photo Credit : IANS)

नई दिल्ली, 21 अक्टूबर (आईएएनएस)। भारत की कॉर्पोरेट बिक्री में वित्त वर्ष 2024-25 में 7.2 प्रतिशत की तेज वृद्धि देखी गई है। आरबीआई बुलेटिन में यह जानकारी दी गई।

Advertisment

कोरोना में हुई तेज गिरावट के बाद से देश की कॉर्पोरेट बिक्री में लगातार सुधार देखा जा रहा है। 2021-22 के दौरान, इसमें रिकॉर्ड 32.5 प्रतिशत का उछाल दर्ज किया गया था।

बीते पांच वर्षों में देश का कॉर्पोरेट का मुनाफा बढ़कर वित्त वर्ष 2024-25 में 7.1 लाख करोड़ रुपए पर पहुंच गया है, जो कि वित्त वर्ष 2020-21 में 2.5 लाख करोड़ रुपए पर था। साथ ही, इस दौरान शुद्ध मुनाफा मार्जिन बढ़कर 2024-25 में 10.3 प्रतिशत हो गया है, जो कि 2020-21 में 7.2 प्रतिशत था।

आरबीआई के अक्टूबर बुलेटिन के अनुसार, अच्छे मुनाफे के चलते सभी कंपनियों ने अपनी बैलेंसशीट को डीलीवरेज करना जारी रखा है और सभी आकार की कंपनियों के ऋण-से-इक्विटी अनुपात में सुधार हुआ। मैन्युफैक्चरिंग कंपनियों के लिए ब्याज कवरेज अनुपात में काफी सुधार हुआ, जो कोविड के बाद की अवधि के दौरान औसतन 7.7 तक पहुंच गया, जो ऋण भुगतान करने की मजबूत क्षमता को दर्शाता है।

आरबीआई ने बताया कि भारत के निजी कॉर्पोरेट सेक्टर ने कोविड-19 महामारी के कारण उत्पन्न आर्थिक व्यवधानों के बीच काफी मजबूती और अनुकूलनशीलता प्रदर्शित की है।

2019-20 के दौरान सुस्त निजी खपत और महामारी के कारण कमजोर घरेलू आर्थिक गतिविधि ने स्थिति को और बिगाड़ दिया था, जिससे बिक्री और मुनाफे में काफी गिरावट देखी गई थी।

इसके बाद, राजकोषीय और मौद्रिक नीतियों, दबी हुई मांग और प्रभावी लागत प्रबंधन के समर्थन से कॉर्पोरेट क्षेत्र में जोरदार उछाल आया।

बुलेटिन में कहा गया, परिचालन लाभ मार्जिन मजबूत बना हुआ है, बड़ी कंपनियां लगातार मध्यम और लघु उद्यमों से बेहतर प्रदर्शन कर रही थीं। चुनौतियों के बावजूद, लागत अनुकूलन रणनीतियों ने व्यवसायों को लाभप्रदता बनाए रखने में मदद की। विनिर्माण क्षेत्र ने स्थिर लाभ मार्जिन बनाए रखा, जबकि गैर-आईटी सेवाओं ने शुरुआती उतार-चढ़ाव के बाद, मजबूती से वापसी की। आईटी क्षेत्र में वृद्धि दर स्थिर रही।

मध्यम और लघु कंपनियों ने अपनी ऋण सेवा क्षमता में वृद्धि की, जिससे समग्र वित्तीय स्थिरता में योगदान मिला।

--आईएएनएस

एबीएस/

डिस्क्लेमरः यह आईएएनएस न्यूज फीड से सीधे पब्लिश हुई खबर है. इसके साथ न्यूज नेशन टीम ने किसी तरह की कोई एडिटिंग नहीं की है. ऐसे में संबंधित खबर को लेकर कोई भी जिम्मेदारी न्यूज एजेंसी की ही होगी.

Advertisment