कांग्रेस ने सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर जताई संतुष्टि, भाजपा पर लगाया तथ्य तोड़-मरोड़ कर पेश करने का आरोप

कांग्रेस ने सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर जताई संतुष्टि, भाजपा पर लगाया तथ्य तोड़-मरोड़ कर पेश करने का आरोप

कांग्रेस ने सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर जताई संतुष्टि, भाजपा पर लगाया तथ्य तोड़-मरोड़ कर पेश करने का आरोप

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IANS
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Congress welcomes SC order on Bihar voter roll review, slams BJP for ‘disinformation’

(source : IANS) ( Photo Credit : IANS)

नई दिल्ली, 12 जुलाई (आईएएनएस)। बिहार में मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) को लेकर सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर कांग्रेस पार्टी ने संतोष जताया है और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) पर गलत सूचना फैलाने और तथ्यों को तोड़-मरोड़ कर पेश करने का आरोप लगाया है।

कांग्रेस ने स्पष्ट किया कि विपक्ष की ओर से एसआईआर पर रोक लगाने की कोई मांग नहीं की गई थी।

कांग्रेस वर्किंग कमेटी के सदस्य और सांसद डॉ. अभिषेक मनु सिंघवी ने शनिवार को कांग्रेस मुख्यालय पर प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने आधार कार्ड, वोटर आईडी और राशन कार्ड को पहचान प्रमाण के तौर पर स्वीकार किया है, जो कि एसआईआर के तहत मांगे जा रहे नागरिकता प्रमाण के मुद्दे पर लगभग 90 प्रतिशत प्रभावित लोगों को राहत देता है।

उन्होंने कहा कि इस प्रक्रिया के कारण करीब 2 करोड़ मतदाता सूची से बाहर हो सकते हैं, जिनका नाम 2003 के बाद जोड़ा गया है और जिन्हें अब नागरिकता का प्रमाण देने के लिए कहा जा रहा है। डॉ. सिंघवी ने जोर देकर कहा कि चुनाव आयोग का नागरिकता सत्यापन करना उसके अधिकार क्षेत्र में नहीं आता।

उन्होंने सवाल किया कि जब 2003 के बाद पिछले दो दशकों में 10 चुनाव कराए जा चुके हैं, तो अब बिहार चुनाव से ठीक पहले इस पुनरीक्षण की अचानक जरूरत क्यों आन पड़ी? उन्होंने बताया कि 2003 में जब विशेष पुनरीक्षण हुआ था, तब वह लोकसभा चुनावों से एक साल और विधानसभा चुनावों से दो साल पहले हुआ था, न कि चुनाव के ठीक पहले।

डॉ. सिंघवी ने चिंता जताई कि यह प्रक्रिया गरीब, हाशिए पर खड़े, वंचित और अल्पसंख्यक मतदाताओं को सबसे ज्यादा प्रभावित करेगी।

उन्होंने कहा कि जुलाई-अगस्त के महीनों में अधिकांश मज़दूर वर्ग धान की बुआई के कारण राज्य से बाहर रहते हैं। वहीं बिहार में बाढ़ का खतरा भी रहता है। ऐसे में इन वर्गों के लिए इतने कम समय में अपने माता-पिता के जन्म प्रमाण जैसे दस्तावेज़ जुटा पाना लगभग असंभव है।

उन्होंने आधार कार्ड को पहचान के सबसे व्यापक और प्रामाणिक दस्तावेज़ों में से एक बताया और कटाक्ष करते हुए कहा, “भारत का जीवन आधार से चलता है, लेकिन चुनाव में इसे अचानक परीकथा बना दिया जाता है?”

उन्होंने तंज कसते हुए कहा, “आपने कानून में संशोधन कर आधार को अपनाया, और अब चुनावी मंडी से उसे बाहर कर दिया।”

कुल मिलाकर, कांग्रेस ने सुप्रीम कोर्ट के निर्णय को लोगों के अधिकारों की रक्षा करने वाला करार दिया और चुनाव आयोग की प्रक्रिया पर गंभीर सवाल खड़े किए।

--आईएएनएस

डीएससी/जीकेटी

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