सिविल सेवक शासन की रीढ़ : सीएम माणिक साहा

सिविल सेवक शासन की रीढ़ : सीएम माणिक साहा

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IANS
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Civil servants are the backbone of governance: Tripura CM

(source : IANS) ( Photo Credit : IANS)

अगरतला, 18 मई (आईएएनएस)। त्रिपुरा के मुख्यमंत्री माणिक साहा ने रविवार को कहा कि जनप्रतिनिधि जनता के लाभ के लिए कई योजनाओं, स्कीमों और नीतियों के बारे में सोचते हैं, लेकिन अंततः इनका क्रियान्वयन सिविल सेवा अधिकारियों द्वारा किया जाता है।

अगरतला शहर के बाहरी इलाके कुंजाबन में सिविल सेवा अधिकारी संस्थान की आधारशिला रखने के बाद मुख्यमंत्री ने अधिकारियों से सही तरीके से काम करने और मुद्दों पर गहराई से विचार करने तथा चीजों को सही ढंग से समझने का आग्रह किया।

डेंटल सर्जन से राजनेता बने साहा ने कहा, मैंने कभी नहीं सोचा था कि मैं डॉक्टर बनूंगा और फिर कई पदों पर नियुक्त हो जाऊंगा। मेरे पास ऐसे कोई लक्ष्य नहीं थे। लेकिन आपको (अधिकारियों को) कोशिश करनी होगी और अगर आप लोगों के लिए काम करने की इच्छा रखते हैं तो आप अपनी मंजिल तक पहुंच जाएंगे।

ऐसे अधिकारी संस्थान देश के विभिन्न हिस्सों में स्थित हैं। फिर मैंने सोचा, त्रिपुरा में क्यों नहीं? हमें राज्य के बाहर से आने वाले अधिकारियों के बारे में सोचना चाहिए। अगर मैं राज्य से बाहर जाता हूं और मुझे उचित आवास और अन्य सुविधाएं नहीं मिलती हैं, तो मैं भी यहां अगरतला वापस आना चाहूंगा।

सीएम माणिक साहा ने यह भी याद दिलाया कि सरदार वल्लभभाई पटेल ने एक बार कहा था कि सिविल सेवा अधिकारी भारत का स्टील फ्रेम हैं।

उन्होंने कहा कि अधिकारियों का सबसे महत्वपूर्ण मामला जनता के साथ संबंध है। जनप्रतिनिधि और निर्वाचित नेता जनता को लाभ पहुंचाने के लिए अनेक योजनाएं, स्कीमें और नीतियां बनाते हैं, लेकिन अंततः इनका क्रियान्वयन अधिकारियों द्वारा ही किया जाता है।

मुख्यमंत्री माणिक साहा ने कहा, हमारी (भाजपा) सरकार के (2018 में) सत्ता में आने के बाद हमने कभी भी अधिकारियों पर दबाव नहीं बनाया, जो पिछली सरकारों में किया जाता था। अगर ऐसी चीजें (गैर-दबाव) जारी रहती हैं, तो यहां एक स्वस्थ माहौल ही बनेगा। लोग विशुद्ध रूप से काम के उद्देश्य से सिविल सेवाओं में शामिल हो रहे हैं। पारदर्शी नीतियों के कारण, प्रतिभाशाली लोग त्रिपुरा में सिविल सेवाओं में शामिल हो रहे हैं।

उन्होंने बताया कि वर्तमान में 59 आईएएस अधिकारी, 42 आईपीएस अधिकारी, 40 आईएफएस अधिकारी, 470 त्रिपुरा सिविल सेवा (टीसीएस) अधिकारी, 152 त्रिपुरा पुलिस सेवा (टीपीएस) अधिकारी और 50 त्रिपुरा वन सेवा (टीएफएस) अधिकारी कार्यरत हैं।

मुख्यमंत्री माणिक साहा ने कहा, कुछ आईएएस अधिकारी राज्य से बाहर तैनात हैं। जब मैंने पूर्वोत्तर परिषद (एनईसी) का पूर्ण अधिवेशन आयोजित करने का फैसला किया तो अधिकारियों के प्रयासों के कारण यह सफल रहा। कई राज्यपाल और मुख्यमंत्री यहां आए हैं और चाहते हैं कि एनईसी का पूर्ण अधिवेशन बार-बार त्रिपुरा में आयोजित किया जाए और इसका श्रेय आप सभी को जाता है।

उन्होंने कहा कि पिछले वर्ष बाढ़ जैसी स्थिति के दौरान अधिकारियों ने अथक परिश्रम किया और मेरा मानना है कि यदि हम मिलकर काम करें तो हम लोगों की बुनियादी समस्याओं का समाधान कर सकते हैं तथा केन्द्र तथा राज्य सरकार की परियोजनाओं को क्रियान्वित करके उनकी मदद कर सकते हैं।

उन्होंने कहा कि सभी योजनाओं का सफल क्रियान्वयन सिविल सेवा अधिकारियों पर निर्भर है, जिनकी वजह से लोगों को लाभ मिलता है।

कार्यक्रम के दौरान मुख्य सचिव जे.के. सिन्हा, पुलिस महानिदेशक अनुराग, सचिव किरण गित्ते और आर.के. शामल तथा अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।

--आईएएनएस

एकेएस/एकेजे

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डिस्क्लेमरः यह आईएएनएस न्यूज फीड से सीधे पब्लिश हुई खबर है. इसके साथ न्यूज नेशन टीम ने किसी तरह की कोई एडिटिंग नहीं की है. ऐसे में संबंधित खबर को लेकर कोई भी जिम्मेदारी न्यूज एजेंसी की ही होगी.

      
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