बांग्लादेश में सांप्रदायिक हमलों के बीच बढ़ती असुरक्षा का सामना कर रहा ईसाई समुदाय: रिपोर्ट

बांग्लादेश में सांप्रदायिक हमलों के बीच बढ़ती असुरक्षा का सामना कर रहा ईसाई समुदाय: रिपोर्ट

बांग्लादेश में सांप्रदायिक हमलों के बीच बढ़ती असुरक्षा का सामना कर रहा ईसाई समुदाय: रिपोर्ट

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IANS
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Radical Hefazat islamists vandalized the police station-5 injured by fire in Ctg 20 in Dhaka: Police andthe islamists injured in Dhaka

(source : IANS) ( Photo Credit : IANS)

नई दिल्ली, 26 दिसंबर (आईएएनएस)। बीते कुछ महीनों में ढाका में ईसाई संस्थानों पर हुए हमलों की एक सीरीज के बाद बांग्लादेश के ईसाई समुदायों में डर और गहरा गया है। इसे देखते हुए अधिकारियों ने क्रिसमस और नए साल के मौके पर ईसाई समुदायों पर संभावित हमलों को रोकने के लिए राजधानी के चर्चों में पुलिस तैनात की है।

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यूनियन ऑफ कैथोलिक एशियन (यूसीए) न्यूज की एक रिपोर्ट के अनुसार, 8 अक्टूबर को ढाका के होली रोजरी चर्च पर देसी बम फेंके गए थे। इसी तरह के बम 7 नवंबर को सेंट मैरी कैथेड्रल और 8 नवंबर को राजधानी के सेंट जोसेफ हायर सेकेंडरी स्कूल और कॉलेज पर भी फेंके गए।

बीते महीने, बांग्लादेश के चरमपंथी समूह तौहीदी मुस्लिम जनता ने नोट्रे डेम कॉलेज और होली क्रॉस कॉलेज को धमकी भरे पत्र जारी किए थे, जिसमें उन पर धार्मिक धर्मांतरण गतिविधियों में शामिल होने का आरोप लगाया गया था।

यूसीए न्यूज ने होली रोजरी चर्च के पादरी फादर एस. गोम्स के हवाले से कहा, इन सभी घटनाओं ने क्रिसमस से पहले डर का माहौल बना दिया है। यहां डर का माहौल है। हमें बोलने से पहले दो बार सोचना पड़ता है।

रिपोर्ट में बताया गया है कि ईसाइयों के बीच संभावित हमलों का डर है। गोम्स ने कहा कि ढाका के चर्चों ने क्रिसमस और नए साल की सेवाओं की तैयारी में उपासकों की सिक्योरिटी के लिए सुरक्षा समितियां बनाई हैं। इसके साथ ही सीसीटीवी कैमरे लगाए हैं।

रिपोर्ट में बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों पर होने वाले अत्याचारों पर प्रकाश डालते हुए, ढाका स्थित मानवाधिकार समूह ऐन ओ सालिश केंद्र का उल्लेख किया गया है, जिसने 2024 में 128 भीड़ द्वारा पीट-पीटकर हत्या के मामले दर्ज किए, जो पिछले साल की तुलना में दोगुने से भी ज्यादा हैं।

रिपोर्ट के अनुसार, इस वर्ष के शुरुआती 7 महीनों में मॉब वायलेंस में 111 अन्य लोग मारे गए, जबकि अहमदियों, महिलाओं, रहस्यवादी गायकों और सूफी दरगाहों सहित धार्मिक अल्पसंख्यकों को भी निशाना बनाया गया है।

बांग्लादेश कैथोलिक शिक्षा बोर्ड ने स्कूलों को छुट्टियों के दौरान सतर्क रहने की सलाह दी है। बोर्ड सेक्रेटरी ज्योति एफ. गोम्स ने कहा, हम घबराना नहीं चाहते, लेकिन हमें सतर्क रहना चाहिए। अगर चुनाव निष्पक्ष तरीके से होते हैं, तो यह देश के लिए अच्छा होगा, लेकिन इसकी कोई गारंटी नहीं है।

बांग्लादेश में ईसाई अल्पसंख्यक हैं। यह देश की लगभग 170 मिलियन आबादी का 0.5 प्रतिशत से भी कम है, जिनमें से लगभग 4,00,000 कैथोलिक हैं और शेष प्रोटेस्टेंट हैं।

--आईएएनएस

आरएसजी

डिस्क्लेमरः यह आईएएनएस न्यूज फीड से सीधे पब्लिश हुई खबर है. इसके साथ न्यूज नेशन टीम ने किसी तरह की कोई एडिटिंग नहीं की है. ऐसे में संबंधित खबर को लेकर कोई भी जिम्मेदारी न्यूज एजेंसी की ही होगी.

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