नकली और घटिया उर्वरक बेचने वालों के खिलाफ करें सख्त कार्रवाई, केंद्र ने राज्यों को लिखा पत्र

नकली और घटिया उर्वरक बेचने वालों के खिलाफ करें सख्त कार्रवाई, केंद्र ने राज्यों को लिखा पत्र

नकली और घटिया उर्वरक बेचने वालों के खिलाफ करें सख्त कार्रवाई, केंद्र ने राज्यों को लिखा पत्र

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IANS
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Centre tells states to take strict action against those selling fake, poor quality fertilisers

(source : IANS) ( Photo Credit : IANS)

नई दिल्ली, 13 जुलाई (आईएएनएस)। केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के मुख्यमंत्रियों को पत्र लिखकर किसानों को नकली और घटिया उर्वरक बेचने वालों के खिलाफ तत्काल और सख्त कार्रवाई करने को कहा है।

सरकार द्वारा जारी बयान में कहा गया कि यह पत्र नकली उर्वरकों की बिक्री, सब्सिडी वाले उर्वरकों की कालाबाजारी और देश भर में जबरन टैगिंग जैसी अवैध गतिविधियों पर अंकुश लगाने के लिए जारी किया गया है।

केंद्रीय मंत्री द्वारा लिख गए इस पत्र में इस बात पर जोर दिया है कि कृषि भारतीय अर्थव्यवस्था की रीढ़ है और किसानों की आय में स्थिरता सुनिश्चित करने के लिए, उन्हें सही समय पर, किफायती दामों पर और मानक गुणवत्ता वाले गुणवत्तापूर्ण उर्वरक उपलब्ध कराना आवश्यक है।

उन्होंने आगे कहा कि उर्वरक (नियंत्रण) आदेश, 1985, जो आवश्यक वस्तु अधिनियम, 1955 के अंतर्गत आता है, के तहत नकली या घटिया उर्वरकों की बिक्री प्रतिबंधित है।

शिवराज सिंह चौहान ने पत्र में आगे कहा कि जहां भी आवश्यकता हो, सही स्थानों पर उर्वरकों की पर्याप्त उपलब्धता सुनिश्चित करना राज्यों की जिम्मेदारी है। राज्यों को कालाबाजारी, अधिक मूल्य निर्धारण और सब्सिडी वाले उर्वरकों के दुरुपयोग जैसी गतिविधियों पर कड़ी निगरानी रखनी चाहिए और उनके विरुद्ध त्वरित कार्रवाई करनी चाहिए।

केंद्रीय मंत्री ने उर्वरक उत्पादन और बिक्री की नियमित निगरानी करने के साथ-साथ नमूनाकरण और परीक्षण के माध्यम से नकली और घटिया उत्पादों पर कड़ी निगरानी रखने को कहा है।

केंद्रीय मंत्री ने आगे कहा कि पारंपरिक उर्वरकों के साथ नैनो-उर्वरकों या जैव-उत्तेजक उत्पादों की जबरन टैगिंग तुरंत बंद की जानी चाहिए।

पत्र में केंद्रीय मंत्री ने यह भी सिफारिश की है कि दोषियों के खिलाफ लाइसेंस रद्द करने और एफआईआर दर्ज करने सहित सख्त कानूनी कार्रवाई की जानी चाहिए और दोषसिद्धि सुनिश्चित करने के लिए प्रभावी अभियोजन सुनिश्चित किया जाना चाहिए।

इसके अलावा, राज्यों को निगरानी प्रक्रिया में किसानों को शामिल करने के लिए फीडबैक और सूचना प्रणाली विकसित करने और असली-नकली उत्पादों की पहचान करने के बारे में किसानों को शिक्षित करने के लिए विशेष प्रयास करने के निर्देश दिए गए हैं।

--आईएएनएस

एबीएस/

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