केंद्र ने चालू सीजन में एमएसपी पर 256 एलएमटी गेहूं खरीदा, 62 हजार करोड़ रुपए से ज्यादा का किया भुगतान

केंद्र ने चालू सीजन में एमएसपी पर 256 एलएमटी गेहूं खरीदा, 62 हजार करोड़ रुपए से ज्यादा का किया भुगतान

केंद्र ने चालू सीजन में एमएसपी पर 256 एलएमटी गेहूं खरीदा, 62 हजार करोड़ रुपए से ज्यादा का किया भुगतान

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IANS
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1.66 लाख मीट्रिक टन गेहूं और 0.17 लाख मीट्रिक टन चावल की बिक्री हुई

(source : IANS) ( Photo Credit : IANS)

नई दिल्ली, 1 मई (आईएएनएस)। केंद्र सरकार ने चालू सीजन में अब तक न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर 256.3 लाख मीट्रिक टन (एलएमटी) गेहूं की खरीद की है और इसके लिए 21.03 लाख किसानों को 62,155.96 करोड़ रुपए का भुगतान किया गया है। गुरुवार को जारी किए गए आधिकारिक बयान में यह जानकारी दी गई।

सरकारी बयान के मुताबिक, इस साल 30 अप्रैल तक खरीदे गए गेहूं की मात्रा पिछले साल की इसी तारीख तक की कुल खरीद 205.41 एलएमटी से 24.78 प्रतिशत अधिक है। पंजाब, हरियाणा, मध्य प्रदेश, राजस्थान और उत्तर प्रदेश जैसे सभी 5 प्रमुख गेहूं खरीद राज्यों ने पिछले साल की तुलना में इस साल अधिक गेहूं खरीदा है।

आकड़ों के मुताबिक, गेहूं खरीद में 103.89 एलएमटी के साथ पंजाब सबसे ऊपर था, उसके बाद 67.57 एलएमटी के साथ मध्य प्रदेश और 65.67 एलएमटी के साथ हरियाणा तीसरे स्थान पर था। राजस्थान और उत्तर प्रदेश क्रमशः 11.44 एलएमटी और 7.55 एलएमटी के साथ चौथे एवं पांचवे स्थान पर थे। इस वर्ष की खरीद का कुल लक्ष्य 312 एलएमटी तय किया गया है।

आधिकारिक बयान में कहा गया है कि चालू रबी मार्केटिंग सीजन में खरीद के लिए अभी भी पर्याप्त समय बचा हुआ है और देश केंद्रीय पूल के लिए गेहूं खरीद पिछले वर्ष के आंकड़ों को काफी बड़े अंतर से पार करने की राह पर है।

इस वर्ष गेहूं खरीद की मात्रा में बढ़त खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण विभाग द्वारा पिछले वर्षों से सीखों के आधार पर राज्य-विशिष्ट कार्य योजना तैयार करने से शुरू हुए ठोस प्रयासों का परिणाम है।

बयान में कहा गया है कि ज्यादातर मामलों में किसानों को 24 से 48 घंटों के भीतर एमएसपी का भुगतान कर दिया गया। खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण विभाग द्वारा किए गए उपायों में गेहूं स्टॉक पोर्टल के माध्यम से स्टॉकहोल्डिंग सीमा को अनिवार्य करना, एफएक्यू मानदंडों में छूट के लिए समय पर मंजूरी देना, जमीनी स्थिति का आकलन करने के लिए अधिकारियों द्वारा पहचाने गए जिलों का दौरा करना शामिल है जिससे आवश्यकता पड़ने पर समय पर कार्रवाई की जा सके।

--आईएएनएस

एबीएस/

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