केंद्र ने भारत के क्लाइमेट फाइनेंस टैक्सोनॉमी को विकसित करने के लिए मांगे विचार

केंद्र ने भारत के क्लाइमेट फाइनेंस टैक्सोनॉमी को विकसित करने के लिए मांगे विचार

author-image
IANS
New Update
ministry of finance,  finance ministry,

(source : IANS) ( Photo Credit : IANS)

नई दिल्ली, 8 मई (आईएएनएस)। वित्त मंत्रालय के आर्थिक मामलों के विभाग ने भारत के जलवायु वित्त वर्गीकरण (क्लाइमेट फाइनेंस टैक्सोनॉमी) के विकास के लिए ड्राफ्ट फ्रेमवर्क पर एक्सपर्ट्स के कमेंट्स को आमंत्रित किया। इसका उद्देश्य क्लाइमेट-फ्रेंडली टेक्नोलॉजीज और गतिविधियों के लिए ज्यादा रिसोर्स फ्लो की सुविधा लाना है ताकि देश के 2070 तक शुद्ध शून्य (नेट जीरो) उत्सर्जन का लक्ष्य हासिल किया जा सके।

केंद्रीय बजट 2024-25 पेश करते हुए वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा था, हम जलवायु अनुकूलन के लिए पूंजी की उपलब्धता बढ़ाने के लिए क्लाइमेट फाइनेंस के लिए एक टैक्सोनॉमी विकसित करेंगे। यह देश की जलवायु प्रतिबद्धताओं और ग्रीन ट्रांजिशन की प्राप्ति का समर्थन करेगा।

इस घोषणा के बाद ही क्लाइमेट फाइनेंस टैक्सोनॉमी का एक ड्राफ्ट फ्रेमवर्क विकसित किया गया है। यह फ्रेमवर्क दृष्टिकोण, उद्देश्यों और सिद्धांतों को रेखांकित करता है, जो टैक्सोनॉमी का मार्गदर्शन करेंगे।

आधिकारिक बयान के अनुसार, इसमें भारत की जलवायु प्रतिबद्धताओं में योगदान देने वाली गतिविधियों, परियोजनाओं और उपायों को वर्गीकृत करने की कार्यप्रणाली का भी विवरण दिया गया है। साथ ही 2047 तक विकसित भारत को प्राप्त करने से जुड़े लक्ष्यों को भी ध्यान में रखा गया है।

बयान में कहा गया है कि ड्राफ्ट फ्रेमवर्क क्षेत्रीय अनुबंधों (सेक्टोरल एनेक्सर्स) को विकसित करने का आधार होगी, जो जलवायु-समर्थक माने जाने वाले उपायों, गतिविधियों, परियोजनाओं और ट्रांजिशन को बढ़ावा देने के लिए पहचाने जाने वाले उपायों की रूपरेखा तैयार करेगी।

भारत के क्लाइमेट फाइनेंस टैक्सोनॉमी का उद्देश्य क्लाइमेट-फ्रेंडली टेक्नोलॉजीज और गतिविधियों के लिए ज्यादा रिसोर्स फ्लो की सुविधा लाना है, जिससे देश 2070 तक नेट जीरो होने के दृष्टिकोण को प्राप्त करने में सक्षम हो सके। साथ ही विश्वसनीय और सस्ती ऊर्जा तक दीर्घकालिक पहुंच सुनिश्चित हो सके।

क्लाइमेट फाइनेंस टैक्सोनॉमी देश के जलवायु कार्रवाई लक्ष्यों और ट्रांजिशन मार्ग के अनुरूप गतिविधियों की पहचान करने के लिए एक उपकरण के रूप में काम करेगा।

कमेंट्स ऑन द ड्राफ्ट फ्रेमवर्क फॉर द टैक्सोनॉमी सब्जेक्ट के साथ कमेंट्स 25 जून तक अदिति डॉट पाठक एट द रेट जीओवी डॉट इन पर मेल किए जा सकते हैं।

बयान में कहा गया है कि सार्वजनिक परामर्श के माध्यम से प्राप्त टिप्पणियों पर विधिवत विचार किया जाएगा और उनकी जांच की जाएगी, जिसके बाद आर्थिक मामलों का विभाग भारत के क्लाइमेट फाइनेंस टैक्सोनॉमी का फ्रेमवर्क जारी करेगा।

--आईएएनएस

एसकेटी/

Advertisment

डिस्क्लेमरः यह आईएएनएस न्यूज फीड से सीधे पब्लिश हुई खबर है. इसके साथ न्यूज नेशन टीम ने किसी तरह की कोई एडिटिंग नहीं की है. ऐसे में संबंधित खबर को लेकर कोई भी जिम्मेदारी न्यूज एजेंसी की ही होगी.

      
Advertisment