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केंद्र ने एमएसई, स्टार्टअप्स और महिला उद्यमियों के लिए सरकारी ई-मार्केटप्लेस की पहुंच का किया विस्तार : जितिन प्रसाद
(source : IANS) ( Photo Credit : IANS)
नई दिल्ली, 26 जुलाई (आईएएनएस) । वाणिज्य और उद्योग राज्य मंत्री जितिन प्रसाद ने राज्यसभा में एक लिखित जवाब में कहा कि केंद्र ने एमएसई, स्टार्टअप्स और महिला उद्यमियों के बीच सरकारी ई-मार्केटप्लेस (जेम) की पहुंच बढ़ाने के लिए कई पहल की हैं।
उन्होंने कहा कि इसमें प्रत्यक्ष खरीद/एल1 खरीद पद्धति में एमएसएमई, स्टार्टअप्स और महिला उद्यमियों द्वारा उत्पाद कैटलॉग को अलग करने के लिए मार्केटप्लेस फिल्टर और उत्पाद कैटलॉग आइकन का प्रावधान, मूल उपकरण निर्माताओं (ओईएम) के लिए विक्रेता मूल्यांकन शुल्क में कमी आदि शामिल हैं।
इसके अलावा महिलाओं, स्टार्टअप्स, स्वयं सहायता समूहों, कारीगरों और बुनकरों, एक जिला एक उत्पाद (ओडीओपी), किसान उत्पादक संगठन (एफपीओ) आदि के लिए 8 वोकलफॉरलोकल जीईएम आउटलेट स्टोर के निर्माण के माध्यम से अग्रिम बाजार संपर्क और जेम पोर्टल पर टू-स्टेप सेलर ऑटो रजिस्ट्रेशन के लिए उद्यम एमएसएमई डेटा के साथ एप्लिकेशन प्रोग्रामिंग इंटरफेस (एपीआई) इंटीग्रेशन जैसे उपाय शामिल हैं।
राज्य मंत्री जितिन प्रसाद ने बताया कि सरकार प्रमुख संस्थाओं, जैसे लघु उद्योग भारती, फेडरेशन ऑफ इंडियन चैंबर्स ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री लेडीज ऑर्गनाइजेशन (एफएलओ), स्व-नियोजित महिला संघ (सेवा) और उद्योग, सरकार और गैर-लाभकारी क्षेत्र की अन्य संस्थाओं के साथ समझौता ज्ञापन (एमओयू) के माध्यम से रणनीतिक संबंध स्थापित करने पर ध्यान दे रही है।
इसके अलावा, इंडिया ट्रेड प्रमोशन ऑर्गनाइजेशन (आईटीपीओ)/ इंडिया एक्सपोजिशन मार्ट लिमिटेड (आईईएमएल) में आयोजित उद्योग प्रदर्शनियों, मेलों, रोडशो और आयोजनों आदि में भागीदारी बढ़ाई जा रही है।
राज्य मंत्री ने बताया कि अनुसूचित जातियों और जनजातियों के उद्यमियों की भागीदारी बढ़ाने के लिए जेम प्रत्यक्ष खरीद/एल1 खरीद पद्धति में अनुसूचित जातियों/अनुसूचित जनजातियों के उद्यमियों द्वारा उत्पाद कैटलॉग को अलग करने के लिए मार्केटप्लेस फिल्टर प्रदान करता है। इस प्रकार सरकारी खरीदारों द्वारा सूक्ष्म और लघु उद्यमों (एमएसई) आदेश, 2012 के लिए सार्वजनिक खरीद नीतियों के अनुपालन को सुगम बनाता है।
10 लाख से अधिक एमएसई जेम पोर्टल से जुड़ चुके हैं और वित्त वर्ष 2024-25 में जेम पर कुल लेनदेन मूल्य लगभग 5.40 लाख करोड़ रुपए तक पहुंच गया है।
यह प्लेटफॉर्म एम्स के लिए ड्रोन-एज-ए-सर्विस, 1.3 करोड़ से अधिक लोगों के लिए जीआईएस तथा बीमा और चार्टर्ड उड़ानों की वेट लीज़िंग तथा सीटी स्कैनर जैसी जटिल सेवाओं को भी सक्षम बना रहा है।
जेम को अब सभी 36 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में अपना लिया गया है, जिसमें उत्तर प्रदेश सबसे आगे है।
--आईएएनएस
एसकेटी/
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