नागपुर आयुध कारखाने के पूर्व डीजीएम पर सीबीआई ने भ्रष्टाचार का मामला दर्ज किया

नागपुर आयुध कारखाने के पूर्व डीजीएम पर सीबीआई ने भ्रष्टाचार का मामला दर्ज किया

नागपुर आयुध कारखाने के पूर्व डीजीएम पर सीबीआई ने भ्रष्टाचार का मामला दर्ज किया

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IANS
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CBI books Nagpur ordnance factory's ex-DGM in corruption case

(source : IANS) ( Photo Credit : IANS)

नई दिल्ली, 2 सितंबर (आईएएनएस)। सीबीआई ने नागपुर के अंबाझरी आयुध कारखाने के एक पूर्व डिप्टी जनरल मैनेजर और एक निजी सप्लायर कंपनी के अधिकारी के खिलाफ भ्रष्टाचार और साजिश के आरोप में मामला दर्ज किया है। इस मामले में सरकारी खजाने को लाखों रुपये का नुकसान हुआ है।

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सीबीआई ने बताया कि 25 अगस्त को दर्ज की गई एफआईआर में निजी कंपनी ऑटोमेशन इंजीनियरिंग एंड इंडस्ट्रियल सर्विसेज, नागपुर के तत्कालीन डीजीएम दीपक लांबा और कंपनी के मालिक मोहित ठोलिया का नाम शामिल है।

सीबीआई ने चार जगहों पर तलाशी ली, जिसमें आरोपियों के कार्यालय और घर शामिल थे। इस दौरान कई आपत्तिजनक दस्तावेज और सामान बरामद किए गए, जिसमें डिजिटल सबूत भी शामिल हैं।

यह कार्रवाई निजी कंपनी, इसके मालिक और कुछ अज्ञात सरकारी कर्मचारियों/निजी व्यक्तियों के खिलाफ मिली शिकायत के आधार पर की गई।

शिकायत में आरोप है कि लांबा ने ओएफएजे, नागपुर में उप महाप्रबंधक के रूप में कार्य करते हुए एक प्रोप्राइटरशिप फर्म स्थापित की। इसके बाद उन्होंने टेंडर की शर्तों को अपने हिसाब से बदलकर अपनी ही कंपनी को टेंडर दिलवा दिया। शिकायत में यह भी आरोप लगाया गया है कि कंपनी ने टेंडर हासिल करने के लिए एक जाली या झूठा अनुभव प्रमाण पत्र जमा किया था।

शिकायत में यह भी आरोप है कि आरोपी उप महाप्रबंधक ने अपने स्वयं के बैंक खाते और अपने परिवार के सदस्यों के बैंक खातों के माध्यम से निजी फर्म के साथ कई वित्तीय और बैंकिंग लेनदेन किए।

सरकारी कर्मचारियों से जुड़े एक अलग मामले में, सीबीआई ने चेन्नई एयरपोर्ट कार्गो में सोने के निर्यात धोखाधड़ी के संबंध में एक प्राथमिकी (एफआईआर) दर्ज की, जहां सीमा शुल्क अधिकारियों और आभूषण व्यापारियों के गठजोड़ ने कथित तौर पर 2020 और 2022 के बीच केंद्र सरकार को सालाना 1 हजार करोड़ रुपए से अधिक का नुकसान पहुंचाया। एफआईआर में 13 आरोपियों के नाम हैं, जिनमें पांच सीमा शुल्क अधिकारी, एक आभूषण मूल्यांकनकर्ता, एक सीमा शुल्क एजेंट और चार स्वर्ण आभूषण निर्माता शामिल हैं।

आरोपियों में कस्टम सुपरिटेंडेंट जे सुरेशकुमार, आलोक शुक्ला, पी तुलसीराम, ज्वैलरी मूल्यांकनकर्ता एन सैमुअल, कस्टम एजेंट मरियप्पन और निर्माता दीपक सिरोया, संतोष कोठारी, सुनील परमार और सुनील शर्मा शामिल हैं।

जांच के अनुसार, इन लोगों ने ड्यूटी-फ्री इम्पोर्ट ऑथराइजेशन (डीएफआईए) स्कीम के तहत 24 कैरेट सोने की छड़ें आयात की, जिन्हें 22 कैरेट के गहनों में बदलकर दोबारा निर्यात करना था। लेकिन, उन्होंने कथित तौर पर सोने की जगह पीतल और तांबे के गहनों या घटिया क्वालिटी के गहनों का निर्यात किया और मुनाफा कमाकर सरकारी खजाने को भारी नुकसान पहुंचाया।

--आईएएनएस

पीएसके/एएस

डिस्क्लेमरः यह आईएएनएस न्यूज फीड से सीधे पब्लिश हुई खबर है. इसके साथ न्यूज नेशन टीम ने किसी तरह की कोई एडिटिंग नहीं की है. ऐसे में संबंधित खबर को लेकर कोई भी जिम्मेदारी न्यूज एजेंसी की ही होगी.

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