साल 2025 में रिकॉर्ड ऊंचाई से 30 प्रतिशत गिरा बिटकॉइन, फिर भी क्रिप्टो मार्केट में उम्मीदें बरकरार

साल 2025 में रिकॉर्ड ऊंचाई से 30 प्रतिशत गिरा बिटकॉइन, फिर भी क्रिप्टो मार्केट में उम्मीदें बरकरार

साल 2025 में रिकॉर्ड ऊंचाई से 30 प्रतिशत गिरा बिटकॉइन, फिर भी क्रिप्टो मार्केट में उम्मीदें बरकरार

author-image
IANS
New Update
Bitcoin slumps 30 pc from record highs in 2025

(source : IANS) ( Photo Credit : IANS)

मुंबई, 28 दिसंबर (आईएएनएस)। इस वर्ष 2025 में बिटकॉइन की कीमतों में बड़ी गिरावट देखने को मिली और यह अपने अब तक के सबसे ऊंचे स्तर से लगभग 30 प्रतिशत नीचे आ गया है। कमजोर खरीद-बिक्री, तकनीकी कारणों और लंबे समय से बिटकॉइन रखने वाले निवेशकों की लगातार बिकवाली के कारण कीमतों पर दबाव बना रहा।

Advertisment

हालांकि, कीमतों में गिरावट आई है, फिर भी लंबे समय के लिए बाजार को लेकर उम्मीद बनी हुई है। बेहतर नियम-कानून, बड़ी कंपनियों और संस्थानों की बढ़ती भागीदारी और ब्लॉकचेन तकनीक के बढ़ते इस्तेमाल से माना जा रहा है कि 2026 क्रिप्टो मार्केट के लिए वापसी का साल हो सकता है।

साल 2025 में क्रिप्टो जगत में कई सकारात्मक बदलाव देखने को मिले। डिसेंट्रलाइज्ड फाइनेंस (डीईएफआई) प्लेटफॉर्म का विस्तार हुआ, स्टेबलकॉइन का भुगतान और लेन-देन में ज्यादा इस्तेमाल होने लगा और कई देशों ने सेंट्रल बैंक डिजिटल करेंसी (सीबीडीसी) के परीक्षण शुरू किए।

डेवलपर्स की एक्टिविटी भी मजबूत बनी रही, खासकर एशिया-प्रशांत क्षेत्र और अन्य देशों में। लाखों डेवलपर्स ब्लॉकचेन नेटवर्क पर नए ऐप्स और तकनीक बना रहे हैं।

इन सभी बातों से यह साफ होता है कि कीमतों में उतार-चढ़ाव के बावजूद लोगों की ब्लॉकचेन तकनीक में रुचि बढ़ रही है।

बिटकॉइन की कीमतों में कमजोरी के पीछे तकनीकी और बाजार से जुड़े कई कारण रहे। जब कीमत 365 दिनों के अहम औसत स्तर से नीचे गई, तो इससे और ज्यादा बिकवाली शुरू हो गई।

कीमतों में गिरावट के बावजूद 2025 में क्रिप्टो बाजार से जुड़े कई बड़े फैसले भी हुए। साल की शुरुआत में अमेरिका ने स्ट्रैटेजिक बिटकॉइन रिजर्व बनाने की घोषणा की। इससे यह साफ संकेत मिला कि बिटकॉइन को अब देश के स्तर पर भी अहम माना जा रहा है।

इस कदम को डिजिटल संपत्तियों को पारंपरिक फाइनेंशियल सिस्टम में स्वीकार करने की दिशा में बड़ा संकेत माना गया।

इस साल के दौरान नियम-कानून भी पहले से बेहतर हुए। 2025 के मध्य तक अमेरिका में जीनियस एक्ट पास हुआ, जिससे डॉलर से जुड़े स्टेबलकॉइन के लिए साफ नियम तय हुए।

इससे निवेशकों का भरोसा बढ़ा और उम्मीद है कि आगे चलकर कंपनियां और बैंक स्टेबलकॉइन को ज्यादा अपनाएंगे।

दिसंबर में एक और महत्वपूर्ण उपलब्धि हासिल हुई, जब अमेरिका की कमोडिटी फ्यूचर्स ट्रेडिंग कमीशन (सीएफटीसी) ने रजिस्टर्ड फ्यूचर्स एक्सचेंजों पर स्पॉट क्रिप्टो प्रोडक्ट्स की ट्रेडिंग की अनुमति दी।

इस फैसले से क्रिप्टो मार्केट में बेहतर निगरानी, ज्यादा पारदर्शिता और बड़े निवेशकों की भागीदारी बढ़ने की उम्मीद है, खासकर अंतरराष्ट्रीय स्तर पर।

एक्सपर्ट्स का कहना है कि मजबूत नियम, बड़ी संस्थाओं की बढ़ती रुचि और डेवलपर्स की लगातार मेहनत से आने वाले समय में बाजार को सहारा मिलेगा और जब निवेशकों का भरोसा लौटेगा, तब क्रिप्टो बाजार में फिर से तेजी आ सकती है।

--आईएएनएस

डीबीपी/एबीएम

डिस्क्लेमरः यह आईएएनएस न्यूज फीड से सीधे पब्लिश हुई खबर है. इसके साथ न्यूज नेशन टीम ने किसी तरह की कोई एडिटिंग नहीं की है. ऐसे में संबंधित खबर को लेकर कोई भी जिम्मेदारी न्यूज एजेंसी की ही होगी.

Advertisment