नई दिल्ली, 12 जून (आईएएनएस)। केंद्रीय पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने गुरुवार को कहा कि पिछले 11 वर्षों में भारत के ऑयल और गैस सेक्टर का काफी विस्तार हुआ है, जिसमें आधुनिक रिफाइनरियों और पाइपलाइनों के निर्माण से लेकर भंडार सुरक्षित करने और स्वच्छ ईंधन को बढ़ावा देना शामिल हैं।
केंद्रीय मंत्री ने कहा, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारत की ग्रोथ स्टोरी में इन्फ्रास्ट्रक्चर केंद्र में रहा है और पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस सेक्टर में इन प्रयासों ने देश की ऊर्जा सुरक्षा को मजबूत किया है और आत्मनिर्भर भविष्य की नींव रखी है।
पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस सेक्टर की उपलब्धियों पर प्रकाश डालते हुए पुरी ने कहा कि देश में अब 23 आधुनिक रिफाइनरियों का परिचालन हो रहा है, जिनकी कुल क्षमता 257 मिलियन मीट्रिक टन प्रति वर्ष है, जो पेट्रोल, डीजल, जेट ईंधन और एलपीजी जैसे पेट्रोलियम उत्पादों का उत्पादन करती हैं।
देश में घरेलू रसोई के लिए ग्रीन कुकिंग फ्यूल उपलब्ध कराने वाले पाइप्ड नेचुरल गैस (पीएनजी) इन्फ्रास्ट्रक्चर का विस्तार कर अब देश भर के 733 जिलों में कर दिया गया है।
इसके अलावा वाहनों को ईंधन देने के लिए कम्प्रेस्ड नेचुरल गैस (सीएनजी) देश भर में 8,000 खुदरा स्टेशनों पर उपभोक्ताओं को उपलब्ध कराई जा रही है।
उन्होंने आगे कहा कि मंत्रालय की कम्प्रेस्ड नेचुरल गैस (सीबीजी) पहल के परिणामस्वरूप 625 टीपीडी की संयुक्त क्षमता वाले 106 संयंत्र स्थापित किए गए हैं।
केंद्रीय मंत्री ने बताया कि पुदुर की भंडारण क्षमता 2.25 मिलियन मीट्रिक टन (एमएमटी) है, विशाखापत्तनम सुविधा में 1.33 एमएमटी कच्चे तेल के भंडारण की क्षमता है, जबकि मैंगलोर की भंडारण क्षमता 1.5 एमएमटी है।
इसके अलावा चंडीखोल में एक और रणनीतिक रिजर्व सुविधा बनाई जा रही है, जो समुद्र तट पर ही है।
उन्होंने कहा कि सार्वजनिक क्षेत्र की तेल विपणन कंपनियों ने छह कौशल विकास संस्थान स्थापित किए हैं, जो अब तक 16,000 से अधिक पेशेवरों को कौशल प्रदान करने में सफल रहे हैं।
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