अंडमान सागर में गुयाना के आकार के कई तेल क्षेत्र मिलने की उम्मीद : हरदीप पुरी

अंडमान सागर में गुयाना के आकार के कई तेल क्षेत्र मिलने की उम्मीद : हरदीप पुरी

अंडमान सागर में गुयाना के आकार के कई तेल क्षेत्र मिलने की उम्मीद : हरदीप पुरी

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IANS
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Hopeful to find several Guyana-sized oilfields, particularly in Andaman Sea: Hardeep Puri

(source : IANS) ( Photo Credit : IANS)

नई दिल्ली, 17 जुलाई (आईएएनएस)। केंद्रीय पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने गुरुवार को कहा कि उन्हें उम्मीद है कि भारत में शुरू हो रहे हाइड्रोकार्बन एक्सप्लोरेशन के नए दौर में गुयाना के आकार के कई बड़े तेल क्षेत्र मिलेंगे।

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केंद्रीय मंत्री ने ऊर्जा वार्ता 2025 कार्यक्रम के दौरान कहा, हम ओएएलपी (ओपन एकरेज लाइसेंसिंग पॉलिसी) राउंड-10 के तहत 2,00,000 वर्ग किलोमीटर से अधिक क्षेत्र में अधिक हाइड्रोकार्बन की खुदाई और एक्सप्लोर करेंगे। हमारा लक्ष्य 2025 तक एक्सप्लोरेशन सेक्टर को 5 लाख वर्ग किलोमीटर और 2030 तक 10 लाख वर्ग किलोमीटर तक बढ़ाना है। मुझे पूरा विश्वास है कि हमें गुयाना के आकार के कई क्षेत्र खासकर अंडमान सागर में मिलेंगे।

केंद्रीय मंत्री पुरी ने कहा, हम एक्सप्लोरर्स के लिए उच्च-गुणवत्ता वाले डेटा की उपलब्धता, वित्तीय प्रोत्साहन, स्थिर नियामक ढांचे, निवेश को जोखिम-मुक्त बनाने और ईज-ऑफ डूइंग बिजनेस जैसे क्षेत्रों पर काम कर रहे हैं ताकि भारत को ऑयल एंड गैस एक्सप्लोरेशन और प्रोडक्शन (ईएंडपी) के लिए अगला वैश्विक अग्रणी बनाया जा सके।

केंद्रीय मंत्री ने यह भी बताया कि ऊर्जा वार्ता 2025 में आयोजित मंच मंत्री का कार्यक्रम में उनकी उत्साहवर्धक बातचीत हुई। यह भारत के ऊर्जा क्षेत्र के प्रमुखों, पेट्रोलियम मंत्रालय के अधिकारियों, ऊर्जा पेशेवरों और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के निर्णायक और गतिशील नेतृत्व में ऊर्जा सुरक्षा और हरित ऊर्जा परिवर्तन की दिशा में भारत की यात्रा के हितधारकों का एक अनूठा सम्मेलन था।

उन्होंने बताया कि दुनिया के कई हिस्सों में भू-राजनीतिक तनावों के बावजूद, भारत ने ऊर्जा को लेकर तीन बड़ी चुनौतियों उपलब्धता, सामर्थ्य और स्थिरता का सफलतापूर्वक सामना किया है।

केंद्रीय मंत्री ने बताया कि देश के नागरिकों की ऊर्जा जरूरतें सरकार की प्राथमिकता बनी हुई हैं और जिन देशों से तेल और गैस का आयात किया जाता है, उनका दायरा भी विस्तृत हो गया है।

केंद्रीय मंत्री ने उपस्थित लोगों को बताया, साथ ही, एचईएलपी जैसे दूरदर्शी सुधारों के साथ, लगभग दस लाख वर्ग किलोमीटर के अब तक के नो ओपन एरिया को ओपन किया जा रहा है और ऑयलफिल्ड्स रेगुलेशन एंड डेवलपमेंट (ओआरडी) अधिनियम में संशोधन किए जा रहे हैं। भारत नए क्षेत्रों की खोज करक घरेलू हाइड्रोकार्बन उत्पादन को बढ़ावा देने के प्रयासों के दौर से गुजर रहा है।

इस आयोजन में विभिन्न राज्यों के ऊर्जा मंत्री, शीर्ष सरकारी अधिकारी और ऑयल एंड गैस सेक्टर के उद्योग जगत के दिग्गज शामिल हुए।

ऊर्जा वार्ता 2025 का उद्देश्य भारत के ऊर्जा परिदृश्य के भविष्य को आकार देने और ऊर्जा क्षेत्र में सस्टेनेबिलिटी और इनोवेशन के प्रति देश की प्रतिबद्धता को मजबूत करने के लिए एक महत्वपूर्ण मंच बनना है।

--आईएएनएस

एसकेटी/

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