बेंगलुरु : रमैया यूनिवर्सिटी में 'युवा शक्ति, भारत की शक्ति' कार्यक्रम का आयोजन

बेंगलुरु : रमैया यूनिवर्सिटी में 'युवा शक्ति, भारत की शक्ति' कार्यक्रम का आयोजन

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IANS
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Bengaluru's Ramaiah University joins AIU's national pledge 'Yuva Shakti, Bharat Ki Shakti'

(source : IANS) ( Photo Credit : IANS)

बेंगलुरु, 28 मई (आईएएनएस)। रमैया यूनिवर्सिटी ऑफ एप्लाइड साइंसेज (आरयूएएस) ने बुधवार को युवा शक्ति, भारत की शक्ति– एक युवा, एक राष्ट्र, एक संकल्प नामक कार्यक्रम का आयोजन किया। इसे एसोसिएशन ऑफ इंडियन यूनिवर्सिटीज (एआईयू) द्वारा संचालित किया गया।

देश भर के पांच विश्वविद्यालयों में आयोजित अपनी तरह की अनूठी पहल में अलग-अलग क्षेत्रों के छात्र एक साथ आए, जिन्होंने ‘एक भारत, श्रेष्ठ भारत’ और आत्मनिर्भर भारत जैसी पहलों का समर्थन करने की सामूहिक शपथ ली।

रमैया यूनिवर्सिटी ऑफ एप्लाइड साइंसेज में करीब 4,000 छात्र आत्मनिर्भर भारत, एक भारत श्रेष्ठ भारत और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विजन से प्रेरित होकर राष्ट्रीय युवा प्रतिज्ञा लेने के लिए एकत्र हुए।

शपथ का नेतृत्व कुलपति प्रो. कुलदीप कुमार रैना, प्रो. गोविंद आर. कदंबी, प्रो. कुलपति, डॉ. आर. वी. रंगनाथ, डीन अकादमिक, डॉ. शरत कुमार महाराणा, प्रोफेसर और डीन, डॉ. नैना पाटिल, एसोसिएट डीन अकादमिक - आरटीसी और छात्र समुदाय ने किया।

इससे पहले कुलपति ने सांस्कृतिक आह्वान और संबोधन किया। प्रो. कुलदीप कुमार रैना ने सभा को संबोधित करते हुए कहा, हम युवाओं के साथ हैं और हम अपने देश के युवा को सशक्त बनाने के लिए अपना पूरा समर्थन देने का संकल्प लेते हैं, जो हमें आत्मनिर्भर भारत की ओर ले जाएंगे। देश भर में युवाओं की शक्ति को एकीकृत करने के लिए राष्ट्रीय स्तर पर इस शपथ की शुरुआत करने के लिए हमें एसोसिएशन ऑफ इंडियन यूनिवर्सिटीज (एआईयू) पर बहुत गर्व है। हमारे देश के युवाओं को भारत के विवेक-रक्षक के रूप में आकार देने में एआईयू के साथ खड़े होना सम्मान की बात है।

कार्यक्रम में शामिल हुए एक छात्र ने कहा, यह शपथ केवल शब्द नहीं है, बल्कि भविष्य में भी हमारे प्रयासों को जारी रखने का वादा है।

एक अन्य छात्रा ने कहा, भारत में रहने वाले एक व्यक्ति के रूप में, मुझे वास्तव में गर्व महसूस होता है, क्योंकि इतनी सारी भाषाओं के बावजूद, हमें कभी भी कोई भाषायी बाधा महसूस नहीं हुई। हम सभी भारतीय के रूप में एकजुट हैं।

दूसरे छात्रा ने कहा, मेरा मानना ​​है कि यह केवल एक प्रतिज्ञा नहीं है, बल्कि हम सभी के लिए एक संदेश है कि हम भारतीय होने पर गर्व करें और राष्ट्रीय उद्देश्यों के लिए खुद को प्रतिबद्ध करें।

--आईएएनएस

एसके/जीकेटी

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