कोलकाता, 10 अक्टूबर (आईएएनएस)। पश्चिम बंगाल स्वास्थ्य विभाग ने कोलकाता के सरकारी आर.जी. कर मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल में अनुपयुक्त मेडिकल किट की आपूर्ति के संबंध में शिकायतों के आधार पर जांच के आदेश दिए हैं। इस साल अगस्त में एक जूनियर रेजिडेंट महिला डॉक्टर के साथ बलात्कार और हत्या के बाद अस्पताल पूरे देश में चर्चा का केंद्र बन गया है।
आर.जी. कर के जूनियर डॉक्टरों ने दावा किया है कि हाल ही में सील बंद सर्जिकल दस्तानों की एक खेप राजकीय मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल के ट्रॉमा केयर सेंटर पहुंची तो सीलबंद पैकेटों में कई दस्तानों पर सूखे खून के धब्बे देखे गए।
जूनियर डॉक्टरों ने दावा किया है कि अगर खून के धब्बे वाले इन सर्जिकल दस्तानों का इस्तेमाल किया जाता तो मरीजों को संक्रमण हो सकता था।
प्रदर्शनकारी जूनियर डॉक्टरों ने यह भी आरोप लगाया है कि सर्जिकल दस्तानों की ऐसी अनफिट खेप के अलावा उनमें फंगस भी पाया गया है। पश्चिम बंगाल स्वास्थ्य विभाग ने मामले की विस्तृत जांच के आदेश दिए हैं।
राज्य के स्वास्थ्य सचिव नारायण स्वरूप निगम ने दावा किया है कि सेंट्रल मेडिकल स्टोर, जहां से सर्जिकल दस्तानों की आपूर्ति की गई है, को मामले की जांच करने का निर्देश दिया गया है।
इस बीच, बलात्कार और हत्या के खिलाफ अपना विरोध जारी रखने वाले जूनियर डॉक्टरों ने दावा किया है कि उनका विरोध विभिन्न राजकीय अस्पतालों में ऐसी अनियमितताओं के खिलाफ भी है जो मरीजों के लिए खतरनाक हो सकती हैं।
प्रदर्शन कर रहे एक जूनियर डॉक्टर ने कहा, अगर मरीजों के इलाज के दौरान खून के धब्बे वाले सर्जिकल दस्ताने का इस्तेमाल किया जाता है, तो मरीजों के संक्रमित होने की आशंका हमेशा बनी रहती है। सरकारी मेडिकल कॉलेजों और अस्पतालों में अनफिट मेडिकल किट की आपूर्ति की ऐसी शिकायतें कोई नई बात नहीं है।
बलात्कार और हत्या मामले की जांच करने के अलावा, केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) आर.जी. कर में वित्तीय अनियमितताओं की समानांतर जांच भी कर रही है।
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