चालू वित्त वर्ष की दूसरी छमाही में बैंक ऋण में 11-12 प्रतिशत की वृद्धि होने का अनुमान : रिपोर्ट

चालू वित्त वर्ष की दूसरी छमाही में बैंक ऋण में 11-12 प्रतिशत की वृद्धि होने का अनुमान : रिपोर्ट

चालू वित्त वर्ष की दूसरी छमाही में बैंक ऋण में 11-12 प्रतिशत की वृद्धि होने का अनुमान : रिपोर्ट

author-image
IANS
New Update
Bank credit to grow 11–12 pc this fiscal on 2nd half boost: Report

(source : IANS) ( Photo Credit : IANS)

नई दिल्ली, 15 सितंबर (आईएएनएस) । चालू वित्त वर्ष की दूसरी छमाही में भारत में बैंक ऋण में 11-12 प्रतिशत की वृद्धि होने की उम्मीद है। सोमवार को आई एक रिपोर्ट में बैंक ऋण को लेकर अनुमान जताए गए हैं।

Advertisment

क्रिसिल रेटिंग्स के अनुसार, यह वृद्धि पिछले वित्त वर्ष की तुलना में और पिछले दशक में दर्ज औसत वृद्धि दोनों से अधिक होगी।

रेटिंग एजेंसी ने कहा कि यह वृद्धि मुख्य रूप से वर्ष की दूसरी छमाही में होगी, जिसे सरकारी और नियामकीय सहायता तथा खपत में वृद्धि से मदद मिलेगी।

इस वृद्धि का नेतृत्व रिटेल क्रेडिट द्वारा किए जाने की उम्मीद है और यह पिछले वित्त वर्ष के 11.7 प्रतिशत की तुलना में इस वित्त वर्ष 13 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज कर सकता है।

रिटेल लेंडिंग में बढ़ती उपभोक्ता मांग और पिछले वर्ष के निम्न आधार के कारण असुरक्षित ऋणों में तेजी से वृद्धि हो सकती है।

रिटेल क्रेडिट का आधे से ज्यादा हिस्सा बनाने वाले होम लोन को कम ब्याज दरों से फायदा मिलेगा, जबकि गोल्ड लोन हिस्सेदारी में कम होने के बावजूद अपनी मजबूत वृद्धि जारी रख सकता है।

क्रिसिल रेटिंग्स के मुख्य रेटिंग अधिकारी, कृष्णन सीतारमन ने कहा कि जीएसटी सुधार, कम ब्याज दरें, मुद्रास्फीति में नरमी और केंद्रीय बजट में घोषित आयकर में कटौती सभी मिलकर उपभोग को बढ़ावा देंगे और रिटेल क्रेडिट की मांग को बढ़ाएंगे।

रेपो रेट कटौती में बैंक लेंडिंग पूरी तरह से प्रदर्शित होने के बाद बॉन्ड की ओर प्रतिस्थापन की प्रवृत्ति भी कम हो सकती है।

गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों (एनबीएफसी) को ऋण देने में भी दूसरी छमाही में तेजी आने की उम्मीद है।

साथ ही, इंफ्रास्ट्रक्चर पर आधारित मांग सीमेंट, स्टील और एल्युमीनियम जैसे उद्योगों को ऋण देने के लिए प्रेरित कर सकती है।

बैंक ऋण का 17 प्रतिशत हिस्सा बनाने वाले एमएसएमई को ऋण लगभग 14 प्रतिशत पर स्थिर रहने की उम्मीद है।

क्रिसिल ने कहा कि डिजिटलीकरण, औपचारिकीकरण और बेहतर डेटा पहुंच ने बैंकों को इस सेक्टर को अधिक कुशलता से सेवा प्रदान करने में मदद की है, हालांकि कुछ निर्यात-उन्मुख एमएसएमई को अभी भी चुनौतियों का सामना करना पड़ सकता है।

पर्याप्त वर्षा और अच्छी फसल की उम्मीदों के कारण इस वित्त वर्ष में कृषि ऋण में लगभग 10 प्रतिशत की वृद्धि का अनुमान है।

--आईएएनएस

एसकेटी/

डिस्क्लेमरः यह आईएएनएस न्यूज फीड से सीधे पब्लिश हुई खबर है. इसके साथ न्यूज नेशन टीम ने किसी तरह की कोई एडिटिंग नहीं की है. ऐसे में संबंधित खबर को लेकर कोई भी जिम्मेदारी न्यूज एजेंसी की ही होगी.

Advertisment