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(source : IANS) ( Photo Credit : IANS)
नई दिल्ली, 16 दिसंबर (आईएएनएस)। भारत में बैंक क्रेडिट की वृद्धि लगातार मजबूत बनी हुई है और इसमें सालाना आधार पर 11.5 प्रतिशत का इजाफा देखने को मिला है। इससे यह साबित होता है कि देश की अर्थव्यवस्था के विभिन्न प्रमुख क्षेत्रों में लोन की मांग बनी हुई है और बैंकिंग सेक्टर में लोन देने का सिलसिला जारी है।
भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) द्वारा जारी नए आंकड़ों के मुताबिक, कुल बैंक क्रेडिट 28 नवंबर 2025 तक 195.3 लाख करोड़ रुपए तक पहुंच गया, जो पिछले साल इसी अवधि की तुलना में 11.5 प्रतिशत अधिक है।
वित्त मंत्रालय ने कहा कि बैंक क्रेडिट वृद्धि पिछले कुछ महीनों में 10 प्रतिशत से ऊपर रही है, जो यह दिखाता है कि मांग की स्थिति स्थिर है और उत्पादक क्षेत्रों को लोन की निरंतर आपूर्ति हो रही है।
रिपोर्ट के अनुसार, बैंक क्रेडिट की वृद्धि मुख्य रूप से खुदरा (रिटेल) और सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्योग (एमएसएमई) क्षेत्रों से आने वाली मजबूत मांग से प्रेरित है, जिसे ग्रामीण क्षेत्र की आर्थिक गतिविधि और उपभोग में सुधार ने बढ़ावा दिया है।
मंत्रालय ने यह भी बताया कि जीएसटी दरों का हालिया संशोधन भी मांग की स्थिति पर सकारात्मक असर डाल रहा है। इससे रिटेल क्रेडिट मार्केट में सुधार हुआ है और कर्ज की आपूर्ति, जैसे- घर लोन, ऑटो लोन और उपभोक्ता सामानों के लोन, में अच्छा प्रदर्शन देखा गया है।
मंत्रालय के मुताबिक, औद्योगिक क्रेडिट और कॉर्पोरेट लोन में सुधार के अच्छे संकेत मिले हैं। इससे यह पता चलता है कि व्यावसायिक विश्वास और आर्थिक गतिविधियों में बढ़ोतरी हो रही है, जो भारत की विकास दिशा को और मजबूत बना रहे हैं।
हाल ही में आई एक रिपोर्ट के मुताबिक, जीएसटी में सुधार से रिटेल क्रेडिट मार्केट को बढ़ावा मिला है, और सितंबर 2025 तिमाही में होम लोन, ऑटो लोन और कंज्यूमर ड्यूरेबल लोन जैसे सिक्योर्ड एसेट्स की क्रेडिट सप्लाई में सकारात्मक गति देखने को मिली है।
इस तिमाही में कुल क्रेडिट सप्लाई में अर्ध-शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों का योगदान 61 प्रतिशत रहा। सितंबर 2025 को समाप्त तिमाही में नए क्रेडिट लेने वालों की संख्या में पिछले वर्ष की तुलना में 5 प्रतिशत का इजाफा हुआ, जबकि 35 वर्ष से कम उम्र के क्रेडिट लेने वालों की संख्या में 12 प्रतिशत का उछाल आया।
हालांकि कुल संपत्ति गुणवत्ता (एसेट क्वालिटी) स्थिर रही है, लेकिन कुछ लोन सेगमेंट में जैसे माइक्रो-एलएपी और छोटे टिकट हाउसिंग लोन में दबाव बढ़ता हुआ दिखाई दे रहा है।
--आईएएनएस
दुर्गेश बहादुर/एबीएस
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