आईएसआई की मदद से बांग्लादेश में आईआरजीसी जैसी सेना चाहते हैं यूनुस, भारत पर कितना पड़ेगा असर?

आईएसआई की मदद से बांग्लादेश में आईआरजीसी जैसी सेना चाहते हैं यूनुस, भारत पर कितना पड़ेगा असर?

आईएसआई की मदद से बांग्लादेश में आईआरजीसी जैसी सेना चाहते हैं यूनुस, भारत पर कितना पड़ेगा असर?

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IANS
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Bangladesh's DGFI under siege as ISI and Jamaat push for a loyal security apparatus

(source : IANS) ( Photo Credit : IANS)

नई दिल्ली, 11 अक्टूबर (आईएएनएस)। बांग्लादेश में मुहम्मद यूनुस की अंतरिम सरकार ने सेना खुफिया महानिदेशालय (डीजीएफआई) को खत्म करने की दिशा में कदम बढ़ा दिए हैं। यूनुस एक ऐसी सेना चाहते हैं जो देश के लिए नहीं, सरकार के लिए वफादार हो।

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यूनुस पर बांग्लादेशी सेना की जगह इस्लामिक रिवोल्यूशनरी आर्मी (आईआरए) को लाने का दबाव है। आईआरए देश के बजाय सरकार के प्रति वफादार होगी।

दरअसल पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई बांग्लादेश में ईरान के इस्लामिक रिवोल्यूशनरी गार्ड कॉर्प्स (आईआरजीसी) जैसी एक सेना चाहती है, जो भारत में उसके काम को अंजाम देने में मददगार बन सके। इसका मतलब है कि डीजीएफआई की तर्ज पर एक नई एजेंसी आईआरए के साथ मिलकर काम करेगी।

एक समय था जब डीजीएफआई आईएसआई के इशारे पर काम कर रहा था। डीजीएफआई ने आईएसआई के अधिकारियों के साथ कई बैठकों में हिस्सा लिया और भारत में घुसपैठ बढ़ाने की योजना बनाई थी। इसका उद्देश्य भारत की जनसांख्यिकी को बदलना था।

आईएसआई के कहने पर, डीजीएफआई ने इस मिशन के लिए जमात-ए-इस्लामी को शामिल किया। हालांकि, पिछले कुछ वर्षों में डीजीएफआई ने बांग्लादेशी सेना के साथ मिलकर काम किया और आतंकवादी संगठनों के खिलाफ कई सफलतापूर्वक अभियान चलाए हैं। इतना ही नहीं उल्फा से लड़ने के लिए भारतीय खुफिया एजेंसियों के साथ मिलकर भी काम किया। इससे भी महत्वपूर्ण बात यह है कि यह बांग्लादेश को अंतरराष्ट्रीय आतंकवाद से मुक्त रखने में कामयाब रहा। यही वजह है कि आईएसआई डीजीएफआई से नाखुश है।

डीजीएफआई के काम करने का तरीका आईएसआई को पसंद नहीं आया। यही कारण है कि मुहम्मद यूनुस शासन ने डीजीएफआई को खत्म करना शुरू कर दिया है और उसकी जगह एक ऐसी एजेंसी स्थापित करना चाहता है जो आईएसआई के साथ मिलकर काम करे।

मुहम्मद यूनुस की अंतरिम सरकार ने न केवल अवामी लीग को चुनाव लड़ने से रोककर उसे गैरकानूनी घोषित किया, बल्कि पार्टी के कई नेताओं और डीजीएफआई के वरिष्ठ अधिकारियों के खिलाफ आरोपपत्र भी दायर किया है।

अधिकारियों का कहना है कि इसका मुख्य उद्देश्य डीजीएफआई और अंततः सेना को खत्म करना है। डीजीएफआई ने 2024 में हसीना के खिलाफ हुए विरोध प्रदर्शनों में अहम भूमिका निभाई थी। आईएसआई और जमात इससे खुश नहीं थे और अब जब उनके पास सत्ता है तो वे इन संगठनों को खत्म करने पर तुले हुए हैं।

--आईएएनएस

केके/वीसी

डिस्क्लेमरः यह आईएएनएस न्यूज फीड से सीधे पब्लिश हुई खबर है. इसके साथ न्यूज नेशन टीम ने किसी तरह की कोई एडिटिंग नहीं की है. ऐसे में संबंधित खबर को लेकर कोई भी जिम्मेदारी न्यूज एजेंसी की ही होगी.

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