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(source : IANS) ( Photo Credit : IANS)
ढाका, 12 दिसंबर (आईएएनएस)। बांग्लादेश में एक तरफ चुनावी शोर है, तो दूसरी ओर राजनीतिक हिंसा भी देखने को मिल रही है। हाल के कुछ दिनों में बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी (बीएनपी) में आए दिन आंतरिक कलह की वजह से हिंसा की खबरें सामने आ रही थीं।
ताजा रिपोर्ट में स्थानीय मीडिया की ओर से साझा जानकारी के अनुसार ढाका यूनिवर्सिटी के कम से कम तीन शिक्षकों को ढाका यूनिवर्सिटी सेंट्रल स्टूडेंट्स यूनियन (डीयूसीएसयू) के स्टूडेंट्स के एक ग्रुप ने कथित तौर पर परेशान किया और उन पर हमला किया। ये तीनों शिक्षक अवामी लीग के सपोर्टर टीचर्स पैनल नील दल से जुड़े हैं।
यह मामला गुरुवार की दोपहर यूनिवर्सिटी के कैंपस से जुड़ा है, जब तीनों शिक्षकों ने कुलपति के ऑफिस में एक मेमोरेंडम दिया। इसमें क्लास लेने से रोके गए शिक्षकों को वापस बुलाने की मांग की गई थी।
इस घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर जमकर शेयर हुआ, जिसमें डीयूसीएसयू के सोशल वेलफेयर सेक्रेटरी एबी जुबैर फैकल्टी ऑफ सोशल साइंसेज बिल्डिंग में नील दल के कन्वीनर अबुल कासिम मोहम्मद जमाल उद्दीन को पकड़ता हुआ नजर आ रहा है। जब प्रोफेसर भागने की कोशिश कर रहे थे, जुबैर उनका पीछा कर रहा था और उन्हें कार में घुसने से रोकने की कोशिश कर रहा था।
बांग्लादेश के अखबार द डेली स्टार ने जमालुद्दीन के हवाले से कहा, हमने कुलपति के ऑफिस में सात पॉइंट का मेमोरेंडम दिया, जिसमें क्लास लेने से रोके गए शिक्षकों को वापस बुलाने की मांग भी शामिल थी। इसके बाद, जब सभी शिक्षक लाउंज में चाय पी रहे थे, उस समय छात्रों का समूह अंदर आया, हमें फासिस्टों का साथी कहा और कहा कि वे हमें जाने नहीं देंगे।
इसके अलावा जमालुद्दीन ने आरोप लगाया कि हाथापाई के दौरान उनका स्वेटर खींच लिया गया और उनका बैग, जिसमें चेक बुक, बैंक कार्ड और किताब थी, छीन लिया गया। उन्होंने यह भी कहा कि बॉटनी डिपार्टमेंट के एक और शिक्षक अजमल हुसैन भुइयां को भी परेशान किया गया।
वहीं, घटना पर हैरानी जताते हुए ढाका यूनिवर्सिटी टीचर्स एसोसिएशन की जनरल सेक्रेटरी जीनत हुदा ने सवाल किया, ढाका यूनिवर्सिटी जैसे कैंपस में शिक्षकों के साथ ऐसी घटना दिनदहाड़े कैसे हो सकती है? बता दें, जीनत को भी फैकल्टी ऑफ सोशल साइंसेज बिल्डिंग के लाउंज में परेशान किया गया था।
ढाका यूनिवर्सिटी टीचर्स एसोसिएशन ने इस घटना की कड़ी आलोचना की और एक निष्पक्ष जांच कमेटी बनाने की मांग की, ताकि उन लोगों को जिम्मेदार ठहराया जाए।
स्थानीय मीडिया ने बताया कि इससे पहले मुहम्मद यूनुस की अंतरिम सरकार ने इन शिक्षकों पर पिछले साल जुलाई के प्रदर्शनों के दौरान पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना का समर्थन करने का आरोप लगाया था और ढाका यूनिवर्सिटी के अलग-अलग विभाग के 50 से ज्यादा शिक्षकों को अनवांटेड घोषित कर दिया गया था।
राजनीतिक बदले की भावना से, यूनिवर्सिटी एडमिनिस्ट्रेशन ने इन शिक्षकों को एकेडमिक गतिविधियों से सस्पेंड करते हुए फैक्ट-फाइंडिंग कमेटी भी बनाई। हालांकि, कई महीनों बाद भी उन शिक्षकों को वापस क्लासरूम में नहीं लाया गया।
रिपोर्ट्स के अनुसार, यूनुस के सत्ता में आने के बाद बांग्लादेश के कई विश्वविद्यालयों में कई छात्रों और शिक्षकों को बिना सोचे-समझे सस्पेंड कर दिया गया। मुहम्मद यूनुस की अंतरिम सरकार के राज में बांग्लादेश में कानून-व्यवस्था की हालत आए दिन बिगड़ती जा रही है। देश में हालात बद से बदतर हो चुके हैं और काम करने के हालात असुरक्षित हो गए हैं। इसके साथ ही, राजनीतिक दखल, पढ़ाई-लिखाई की आजादी पर रोक और असहमति जताने वालों पर हमलों को लेकर चिंताएं बढ़ रही हैं।
—आईएएनएस
केके/एएस
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