बांग्लादेश : राजनीतिक दलों द्वारा दिसंबर तक चुनाव कराने की मांग के कारण यूनुस पर बढ़ा दबाव

बांग्लादेश : राजनीतिक दलों द्वारा दिसंबर तक चुनाव कराने की मांग के कारण यूनुस पर बढ़ा दबाव

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IANS
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Bangladesh: Pressure mounts on Yunus as political parties demand elections by December

(source : IANS) ( Photo Credit : IANS)

ढाका, 3 जून (आईएएनएस)। बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी (बीएनपी) के स्थायी समिति के सदस्य सलाहुद्दीन अहमद ने मंगलवार को कहा कि देश में दिसंबर से पहले राष्ट्रीय चुनाव कराना पूरी तरह संभव है, क्योंकि आम सहमति के आधार पर आवश्यक सुधार पूरा करने में एक महीने से भी कम समय लग सकता है।

मंगलवार को गोनो अधिकार परिषद द्वारा आयोजित एक चर्चा में स्थानीय मीडिया ने सलाहुद्दीन के हवाले से कहा, दिसंबर में बहुत देर हो चुकी है। उससे पहले चुनाव कराना संभव है। यदि संवैधानिक संशोधनों से संबंधित प्रस्तावों को छोड़कर सुधार प्रस्तावों को राष्ट्रीय सहमति से स्वीकार कर लिया जाता है, तो उन्हें एक महीने से भी कम समय में लागू किया जा सकता है।

सलाहुद्दीन ने दोहराया कि उन्हें अभी तक दिसंबर के बाद चुनाव टालने का कोई वैध तर्क नहीं मिला है। उन्होंने आगे कहा, हम सभी लोकतंत्र और लोगों के मतदान के अधिकार को स्थापित करने के लिए शीघ्र चुनाव के पक्ष में हैं। ऐसा एक भी कारण नहीं है जो दिसंबर के बाद चुनाव कराने को उचित ठहराए।

मुख्य सलाहकार मुहम्मद यूनुस के नेतृत्व वाली अंतरिम सरकार पर इस वर्ष के अंत तक चुनाव कराने के लिए बीएनपी सहित विभिन्न राजनीतिक दलों की ओर से दबाव बढ़ रहा है।

बीएनपी को चुनावों में बहुमत हासिल करने का भरोसा है, जबकि यूनुस, जो वर्तमान में देश की अराजक, हिंसक, अस्थिर राजनीति की प्रबल धाराओं के साथ बह रहे हैं, पहले लोकतांत्रिक सुधारों को लागू करने और चुनावों को जून 2026 तक टालने पर जोर दे रहे हैं।

पिछले महीने बीएनपी के कार्यवाहक अध्यक्ष तारिक रहमान ने युवाओं और देश की जनता से आग्रह किया था कि वे यह सुनिश्चित करें कि चुनाव दिसंबर तक हो जाएं।

रहमान ने लंदन से वर्चुअली बीएनपी की एक रैली को संबोधित करते हुए कहा, ऐतिहासिक रूप से, बांग्लादेश में कार्यवाहक सरकारों ने दिखाया है कि तीन महीने के भीतर राष्ट्रीय चुनाव आयोजित और निष्पादित किए जा सकते हैं। हालांकि, अपने कार्यकाल के 10 महीने बाद भी। यूनुस के नेतृत्व वाले अंतरिम प्रशासन ने अभी भी चुनाव की तारीख की घोषणा नहीं की है। बांग्लादेश के लोग इससे बेहतर के हकदार हैं। हम एक ऐसे राष्ट्र की तलाश कर रहे हैं जो तानाशाही से मुक्त हो, जिसका नेतृत्व निष्पक्ष वोट के माध्यम से चुनी गई सरकार करे और जो अपने नागरिकों के प्रति जवाबदेह हो।

उन्होंने कहा, यदि आपमें से कोई सत्ता में रहना चाहता है, तो अपने पदों से इस्तीफा दे दे, लोगों के साथ खड़ा हो। चुनाव लड़े और यदि जीत जाए तो सरकार का नेतृत्व करने के लिए वापस आ जाए।

इस बीच, बांग्लादेश की जमात-ए-इस्लामी (जेईआई) ने दिसंबर में चुनाव की तारीख का स्पष्ट रूप से समर्थन नहीं किया है। पार्टी के नायब-ए-अमीर और पूर्व सांसद सैयद अब्दुल्ला मोहम्मद ताहिर ने कहा कि पार्टी दिसंबर से अप्रैल के बीच चुनाव की रूपरेखा तैयार करना चाहती है।

उल्लेखनीय है कि बांग्लादेश के मुख्य न्यायाधीश रेफत अहमद की अध्यक्षता में सुप्रीम कोर्ट के सात सदस्यीय पूर्ण अपीलीय खंडपीठ ने रविवार को उच्च न्यायालय के उस फैसले को रद्द कर दिया, जिसमें जमात-ए-इस्लामी के राजनीतिक दल के रूप में पंजीकरण को अवैध घोषित किया था। इस फैसले ने जमात के राष्ट्रीय चुनावों में भाग लेने के खिलाफ सभी कानूनी बाधाओं को हटा दिया।

बीते सोमवार को यूनुस ने राष्ट्रीय सहमति आयोग (एनसीसी) की बैठक की अध्यक्षता की, जहां विभिन्न राजनीतिक दलों के नेताओं के बीच समय पर चुनाव कराने की आवश्यकता पर आम सहमति बनती दिखी।

मुख्य सलाहकार अभी हाल ही में जापान की अपनी यात्रा से स्वदेश लौटे हैं, जो पिछले 10 महीनों में उनकी 10वीं विदेश यात्रा है, जबकि बांग्लादेश में विरोध प्रदर्शन जारी है और नागरिक अलोकतांत्रिक, अस्थिर राजनीतिक और प्रतिकूल सामाजिक-सांस्कृतिक परिदृश्य में राजनीतिक और आर्थिक विकास को लेकर चिंतित हैं।

यूनुस बकरीद के बाद 10-13 जून तक लंदन की अपनी एक और विदेश यात्रा पर जाने वाले हैं।

--आईएएनएस

एकेएस/जीकेटी

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