बांग्लादेश में युनूस सरकार का दमनकारी रवैया जारी, पूर्व चुनाव आयुक्त काजी हबीबुल अव्वल गिरफ्तार

बांग्लादेश में युनूस सरकार का दमनकारी रवैया जारी, पूर्व चुनाव आयुक्त काजी हबीबुल अव्वल गिरफ्तार

बांग्लादेश में युनूस सरकार का दमनकारी रवैया जारी, पूर्व चुनाव आयुक्त काजी हबीबुल अव्वल गिरफ्तार

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IANS
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Bangladesh: Police arrests former CEC Kazi Habibul Awal

(source : IANS) ( Photo Credit : IANS)

ढाका, 25 जून (आईएएनएस)। बांग्लादेश में युनूस सरकार का दमनकारी रवैया जारी है। पूर्व मुख्य चुनाव आयुक्त (सीईसी) काजी हबीबुल अव्वल को बुधवार को ढाका मेट्रोपोलिटन पुलिस ने गिरफ्तार किया। बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी (बीएनपी) ने तीन राष्ट्रीय चुनावों में लापरवाही और अनुचित आचरण को लेकर शिकायत दर्ज कराई थी, जिसके बाद उनकी गिरफ्तारी हुई।

डीएमपी के डिप्टी कमिश्नर और प्रवक्ता तालेबुर रहमान ने इस गिरफ्तारी की पुष्टि की। बताया गया कि शेर-ए-बांग्ला नगर पुलिस थाने में बीएनपी द्वारा दायर मामले के आधार पर यह कार्रवाई की गई।

इससे दो दिन पहले बीएनपी ने 2014, 2018 और 2024 के आम चुनावों में कथित धांधली, पक्षपातपूर्ण व्यवहार और चुनावी अनियमितताओं के आरोप में 24 लोगों के खिलाफ केस दर्ज किया था। इनमें पूर्व मुख्य चुनाव आयुक्तों, आयुक्तों और अन्य अधिकारियों के नाम शामिल हैं।

इससे पहले सोमवार को, पूर्व सीईसी और मुक्ति संग्राम सेनानी के.एम. नुरुल हुडा को भी इसी मामले में गिरफ्तार किया गया था। रविवार को हुडा के साथ हुई भीड़ हिंसा की घटना ने पूरे देश में आक्रोश फैला दिया। कुछ लोगों ने उनके घर में घुसकर उन्हें बाहर खींचा और जूते की माला पहनाकर सार्वजनिक रूप से अपमानित किया। इसके बाद उन्हें पुलिस ने हिरासत में ले लिया।

बांग्लादेश की दो प्रमुख मानवाधिकार संस्थाओं ने घटना की कड़ी निंदा करते हुए इसे मानवाधिकारों का उल्लंघन और शर्मनाक बताया। ढाका की एक अदालत ने नुरुल हुडा को 4 दिन की पुलिस रिमांड पर भेज दिया है। पुलिस ने कोर्ट से 10 दिन की रिमांड की मांग की थी।

इसी बीच 30 प्रतिष्ठित नागरिकों ने संयुक्त बयान जारी कर कहा, हुडा के साथ हुई भीड़ हिंसा के दोषियों के खिलाफ अब तक कोई ठोस कानूनी कार्रवाई नहीं हुई है, जबकि हमलावरों के वीडियो और तस्वीरें सार्वजनिक हो चुकी हैं। अगर पिछले 8-10 महीनों से हो रही ऐसी घटनाओं में सख्त कानूनी कार्रवाई होती, तो शायद यह दोहराव नहीं होता।

आवामी लीग ने भी इस घटना की आलोचना करते हुए कहा, पूर्व मुख्य चुनाव आयुक्त और नुरुल हुडा के साथ जो हुआ, वह बांग्लादेश की आत्मा को चोट पहुंचाने जैसा है। उन्हें भीड़ हिंसा के ज़रिए अपमानित कर गिरफ्तार करना संवैधानिक मर्यादा का उल्लंघन है।

पार्टी ने मौजूदा यूनुस अंतरिम सरकार पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि यह सरकार सत्ता से चिपकी हुई है और लोकतंत्र का गला घोंट रही है।

--आईएएनएस

डीएससी/

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