यूनुस के नेतृत्व में बर्बाद हो रहा बांग्लादेश, पाकिस्तान का बढ़ रहा दखल 'खतरनाक': पूर्व अवामी लीग सांसद

यूनुस के नेतृत्व में बर्बाद हो रहा बांग्लादेश, पाकिस्तान का बढ़ रहा दखल 'खतरनाक': पूर्व अवामी लीग सांसद

यूनुस के नेतृत्व में बर्बाद हो रहा बांग्लादेश, पाकिस्तान का बढ़ रहा दखल 'खतरनाक': पूर्व अवामी लीग सांसद

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IANS
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Yunus govt wants to give country's reigns to Pakistan & turn it into terror state: Ex-B'desh MP Bahauddin Nasim

(source : IANS) ( Photo Credit : IANS)

कोलकाता, 24 दिसंबर (आईएएनएस)। बांग्लादेश के पूर्व सांसद एएफएम बहाउद्दीन नसीम का मानना है कि वर्तमान अंतरिम सरकार देश को तबाही के कगार पर लेकर पहुंच गई है। यूनुस सरकार बांग्लादेश को एक आतंकवादी देश में बदल रही है और पूरी बागडोर पाकिस्तान को सौंपने की कोशिश कर रही है, जो एक खतरनाक संकेत है।

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आईएएनएस से ​​खास बातचीत में, अवामी लीग के संयुक्त महासचिव नसीम ने कहा कि यूनुस सरकार ने दंगों, हत्याओं और कानून-व्यवस्था को पूरी तरह से खत्म कर बांग्लादेश को बर्बादी के कगार पर पहुंचा दिया है।

पूर्व सांसद ने कहा, दंगे, तोड़फोड़ और संपत्तियों को जलाना आम बात हो गई है। हत्याएं हो रही हैं। अवामी लीग के सदस्यों को मारा जा रहा है, धार्मिक अल्पसंख्यकों को निशाना बनाया जा रहा है और उनके घरों में आग लगाई जा रही है। आम आदमी या राजनीतिक कार्यकर्ता जिन्होंने अवामी लीग को वोट दिया था, उन्हें निशाना बनाया जा रहा है। यह पिछले 16 महीनों से चल रहा है। इस अराजकता का मकसद बांग्लादेश को बर्बादी के कगार पर ले जाना है।

अवामी लीग नेता का यह बयान बांग्लादेश में पिछले कई महीनों से फैली बड़े पैमाने पर हिंसा के बाद आया है, जिसके परिणामस्वरूप संपत्तियों को बर्बाद किया जा रहा है। दंगे भड़के हैं और धार्मिक अल्पसंख्यकों, खासतौर पर हिंदुओं, पर हमले बढ़े हैं।

नसीम ने कहा, बांग्लादेश में कट्टरपंथी समूह या आतंकवादी समूह सिर उठा रहे हैं। वे जमात-ए-इस्लामी, इस्लामी छात्र शिविर और यहां तक ​​कि बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी से जुड़े हुए हैं। वे फासीवादी यूनुस सरकार से जुड़ गए हैं, जो देश को बर्बादी के कगार पर ले जा रही है। ऐसा लगता है कि यूनुस सरकार का मुख्य लक्ष्य बांग्लादेश को एक आतंकवादी राज्य में बदलना और देश की बागडोर पाकिस्तान को सौंपना है। आज बांग्लादेश में कानून का राज नहीं है। कोई प्रशासन नहीं है, लोगों के कोई लोकतांत्रिक और मौलिक अधिकार नहीं बचे हैं। बोलने की कोई आजादी नहीं है और न ही मानवाधिकार हैं। प्रेस भी आजाद नहीं है।

अगस्त 2024 में पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना के नेतृत्व वाली अवामी लीग सरकार को हटाए जाने के बाद नसीम भारत आ गए थे। आईएएनएस से ​​बात करते हुए, अवामी लीग के संयुक्त महासचिव ने कहा कि बांग्लादेश का हाल पिछले 14 महीनों से बेहाल है। उन्होंने कहा कि आजकल बांग्लादेश में पाकिस्तानी और इंटर-सर्विसेज इंटेलिजेंस (आईएसआई) का काफी प्रभाव है।

नसीम ने आगे कहा, मुहम्मद यूनुस पाकिस्तान समर्थक हैं और आईएसआई के साथ उनका जुड़ाव साफ दिखता है। हम देखते हैं कि कराची से बांग्लादेश में अनाज लेकर जहाज आ रहे हैं। पिछले 54 सालों में हमने ऐसा कभी नहीं देखा। हम भारत से सही दाम पर चावल आयात करते थे। अब हमें पाकिस्तान से चावल आयात करने के लिए मजबूर किया जा रहा है। क्या पाकिस्तान चावल उगाता है? वे किसे आर्थिक रूप से फायदा पहुंचाने की कोशिश कर रहे हैं? बांग्लादेश पाकिस्तान को आर्थिक रूप से आगे बढ़ाने के लिए नहीं है। बांग्लादेश एक आजाद देश है। हमने पाकिस्तानियों के खिलाफ लड़ाई लड़ी थी। हम बांग्लादेश को उन्हें थाली में सजाकर नहीं दे सकते।

उन्होंने यह भी कहा, बांग्लादेश बंगालियों का है। हम किसी के सामने सिर नहीं झुकाते। हम दोस्ताना रिश्ते बनाए रखने में विश्वास करते हैं। हम दोस्ती और भाईचारे में विश्वास करते हैं। हम एक-दूसरे का सम्मान करते हैं। यही हमारी परंपरा और विरासत है।

अवामी लीग नेता के अनुसार, बांग्लादेश की मौजूदा अंतरिम सरकार इतिहास को फिर से लिखने और इसे पाकिस्तान समर्थकों का अड्डा बनाने की कोशिश कर रही है।

पूर्व बांग्लादेशी सांसद ने कहा, यूनुस सरकार का लक्ष्य मुक्ति योद्धाओं (स्वतंत्रता सेनानियों) के बलिदानों और सपनों को मिटाना है। उनका लक्ष्य बांग्लादेश को पाकिस्तान समर्थक समर्थकों का अड्डा बनाना है। आईएसआई एजेंट और पाकिस्तान स्थित आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा के सहयोगी संगठन घूम रहे हैं और ऐसा लगता है कि वे कब्जा करना चाहते हैं। अब आप बांग्लादेश में जय बांग्ला के नारे नहीं लगा सकते। आज आप बंगबंधु शेख मुजीबुर रहमान का नाम नहीं ले सकते, जिन्होंने हमें पाकिस्तान से आजाद कराया था। वे इतिहास की किताबों को फिर से लिखने और मुक्ति योद्धाओं के योगदान को मिटाने की कोशिश कर रहे हैं। वे 1971 के बांग्लादेश मुक्ति युद्ध में अपनी हार का बदला लेने के लिए इतिहास की नई किताबें लिखना चाहते हैं।

--आईएएनएस

केआर/

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