बांग्लादेश : पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना को अदालत की अवमानना के मामले में छह महीने की सजा

बांग्लादेश : पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना को अदालत की अवमानना के मामले में छह महीने की सजा

बांग्लादेश : पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना को अदालत की अवमानना के मामले में छह महीने की सजा

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IANS
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Bangladesh : A file picture of Bangladesh Prime Minister Sheikh Hasina who resigned from her position

(source : IANS) ( Photo Credit : IANS)

ढाका, 2 जुलाई (आईएएनएस)। बांग्लादेश की अंतरराष्ट्रीय अपराध न्यायाधिकरण (आईसीटी) ने बुधवार को पूर्व प्रधानमंत्री और अवामी लीग की प्रमुख शेख हसीना को अदालत की अवमानना के मामले में छह महीने की कारावास की सजा सुनाई है।

मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, तीन सदस्यीय ट्राइब्यूनल की अध्यक्षता कर रहे न्यायमूर्ति गोलाम मुर्तुजा माजुमदार ने यह फैसला सुनाया। इस मामले में अवामी लीग की छात्र इकाई ‘छात्र लीग’ के नेता शकील अकांडा बुलबुल को भी दो महीने की सजा दी गई है।

यह सजा सोशल मीडिया पर वायरल हुए एक ऑडियो क्लिप के आधार पर दी गई, जिसमें कथित तौर पर शेख हसीना को न्यायिक प्रक्रिया में हस्तक्षेप करते और ट्राइब्यूनल को धमकी देते सुना गया था। इसके आधार पर ट्राइब्यूनल ने पिछले महीने हसीना और बुलबुल को शो-कॉज नोटिस जारी किया था। शेख हसीना अगस्त 2024 में देश छोड़कर चली गई थीं।

अवामी लीग ने इस पूरे मामले की निंदा करते हुए इसे एक “शो ट्रायल” (नकली मुकदमा) करार दिया और कहा कि यह सत्तारूढ़ अंतरिम सरकार द्वारा राजनीतिक प्रतिशोध के तहत शुरू किया गया है।

पार्टी ने संयुक्त राष्ट्र द्वारा आईसीटी में निष्पक्ष सुनवाई और प्रक्रिया की पारदर्शिता को लेकर जताई गई चिंता का हवाला देते हुए कहा कि मौजूदा प्रशासन ने केवल अवामी लीग नेताओं को निशाना बनाया है, जबकि आम नागरिकों, पत्रकारों, धार्मिक अल्पसंख्यकों और महिलाओं पर हुए अत्याचारों को नजरअंदाज किया गया है।

अवामी लीग ने यह भी आरोप लगाया कि सरकार के कई अधिकारी पहले ही सार्वजनिक मंचों पर शेख हसीना को दोषी ठहरा चुके हैं, जिससे निष्पक्ष सुनवाई की संभावना ही खत्म हो गई है।

गौरतलब है कि यह वही ट्राइब्यूनल है, जिसे शेख हसीना की सरकार ने 1971 के मुक्ति संग्राम के दौरान पाकिस्तानी सेना और उनके सहयोगियों द्वारा किए गए युद्ध अपराधों की जांच और सजा के लिए स्थापित किया था।

राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि यह सजा वर्तमान कार्यवाहक प्रधानमंत्री मुहम्मद यूनुस के नेतृत्व वाली सरकार के राजनीतिक प्रतिशोध की एक कड़ी है, जिसने शेख हसीना की सत्ता से बेदखली के तुरंत बाद उन पर और उनके समर्थकों पर कई मामले दर्ज किए।

शेख हसीना, बांग्लादेश के राष्ट्रपिता शेख मुजीबुर रहमान की बेटी हैं और देश में लोकतंत्र की बहाली की एक प्रमुख आवाज रही हैं।

--आईएएनएस

डीएससी/एबीएम

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