शेख हसीना के खिलाफ गवाही के लिए पूर्व आईजीपी को जबरन बनाया गया गवाह, अवामी लीग ने किया विरोध

शेख हसीना के खिलाफ गवाही के लिए पूर्व आईजीपी को जबरन बनाया गया गवाह, अवामी लीग ने किया विरोध

शेख हसीना के खिलाफ गवाही के लिए पूर्व आईजीपी को जबरन बनाया गया गवाह, अवामी लीग ने किया विरोध

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IANS
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Bangladesh: Army imposes indefinite ban on public gatherings in several areas of Dhaka (File image)

(source : IANS) ( Photo Credit : IANS)

ढाका, 20 अगस्त (आईएएनएस)। बांग्लादेश के पूर्व पुलिस महानिरीक्षक (आईजीपी) चौधरी अब्दुल्ला अल मामून को बुधवार को अंतरराष्ट्रीय अपराध न्यायाधिकरण (आईसीटी) में पेश किया गया। उन्हें पिछले वर्ष जुलाई में हुए प्रदर्शनों के दौरान कथित मानवता विरोधी अपराधों से जुड़े एक मामले में गवाही देने के लिए अदालत में लाया गया।

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सूत्रों के मुताबिक, अल मामून को जेल से लाकर पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना और पूर्व गृह मंत्री असदुज्जमान खान कमाल के खिलाफ गवाही देने के लिए पेश किया गया। आईसीटी की तीन सदस्यीय पीठ, जिसकी अध्यक्षता ट्रिब्यूनल-1 के चेयरमैन न्यायमूर्ति गोलाम मुर्तजा मजुमदर कर रहे हैं, हसीना और अन्य दो आरोपियों के खिलाफ 13वीं गवाही दर्ज कर रही है।

पिछले महीने स्थानीय मीडिया ने रिपोर्ट किया था कि आईसीटी ने शेख हसीना, पूर्व गृह मंत्री कमाल और पूर्व आईजीपी अल मामून के खिलाफ आरोप तय किए हैं। इसके बाद खबर आई कि मामून को जबरन राज्य का गवाह बनाया गया है।

इस पर प्रतिक्रिया देते हुए अवामी लीग ने कड़ा विरोध जताया। पार्टी ने आरोप लगाया कि मामून को अमानवीय यातना और दबाव देकर गवाह बनाया गया है और यह सब एक झूठे और हास्यास्पद मामले के तहत हो रहा है। अवामी लीग ने बयान जारी कर कहा, “यह बांगबंधु की बेटी, पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना और अन्य को फंसाने का एक घिनौना प्रयास है। पार्टी इस कृत्य की कड़े शब्दों में निंदा करती है।”

इसी बीच, ढाका की एक अदालत ने गाजीपुर सिटी कॉरपोरेशन के पूर्व कार्यवाहक मेयर असदुर रहमान किरोन को पिछले साल जुलाई में हुए प्रदर्शनों के दौरान व्यापारी इश्तियाक महमूद की हत्या के प्रयास के मामले में तीन दिन की रिमांड पर भेजा है। साथ ही अदालत ने ढाका नॉर्थ सिटी कॉरपोरेशन (डीएनसीसी) के पूर्व मेयर अतिकुल इस्लाम को भी इसी मामले में गिरफ्तार दिखाने का आदेश दिया।

इन घटनाक्रमों को मोहम्मद यूनुस के नेतृत्व वाली अंतरिम सरकार द्वारा अवामी लीग नेताओं और उनसे जुड़े अधिकारियों पर चल रहे राजनीतिक अभियान का हिस्सा माना जा रहा है। विश्लेषकों का मानना है कि अगस्त 2024 में शेख हसीना के सत्ता से हटते ही उनके खिलाफ कई फर्जी मामलों की बाढ़ ला दी गई, जो राजनीतिक प्रतिशोध का हिस्सा है।

--आईएएनएस

डीएससी/

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