बांग्लादेश: यूनुस पर भड़की अवामी लीग, सरकारी रेड को बताया 'दमन का हथियार'

बांग्लादेश: यूनुस पर भड़की अवामी लीग, सरकारी रेड को बताया 'दमन का हथियार'

बांग्लादेश: यूनुस पर भड़की अवामी लीग, सरकारी रेड को बताया 'दमन का हथियार'

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IANS
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Dhaka: Muhammad Yunus Inaugurates Police Week 2025

(source : IANS) ( Photo Credit : IANS)

ढाका, 6 सितंबर (आईएएनएस)। बांग्लादेश की अवामी लीग ने शनिवार को मुहम्मद यूनुस के नेतृत्व वाली अंतरिम सरकार पर देश में पुलिस रेड और सुरक्षा अभियानों को दमन के औजारों में बदलने का आरोप लगाया। पार्टी का दावा है कि ये अभियान बांग्लादेश के नागरिकों को सुरक्षित करने के बजाय, हत्यारों और चरमपंथी आतंकवादियों को बचा रहे हैं।

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इसमें कहा गया है कि संदेश स्पष्ट है कि अंतरिम सरकार की प्राथमिकता न्याय या जन सुरक्षा नहीं, बल्कि अपना अस्तित्व बचाना है।

अवामी लीग के अनुसार, दुनिया भर के अधिकांश लोकतांत्रिक देशों में, पुलिस छापे या रेड अलर्ट वास्तविक खतरों के रिस्पॉन्स में होते हैं, जैसे अगर आतंकवादी सक्रिय हैं, चरमपंथी नेटवर्क को ध्वस्त किया जाना है, या नागरिकों की सुरक्षा मुहैया कराने की आवश्यकता है। लेकिन, बांग्लादेश में, पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना के नेतृत्व वाली लोकतांत्रिक रूप से चुनी गई सरकार के गिरने और यूनुस के सत्ता में आने के बाद से पिछले 11 महीनों में इन्हीं शब्दों को हथियार बनाया गया है।

अवामी लीग ने आगे कहा, “जब यूनुस की सरकार रेड अलर्ट घोषित करती है, तो उसका उद्देश्य आतंकवादियों को पकड़ना कम और उन्हें जवाबदेही से बचाना ज्यादा होता है। दोषियों को बरी करना, मुकदमे वापस लेना और गुप्त समझौते उचित प्रक्रिया की जगह ले लेते हैं। इस बीच, वही सरकारी मशीनरी नागरिक विरोध प्रदर्शनों, विपक्षी आंदोलनों और यहां तक कि आवाज उठाने की हिम्मत करने वाले आम नागरिकों पर भी हिंसक कार्रवाई करती है। शांतिपूर्ण प्रदर्शनकारियों को खतरा करार दिया जाता है, जबकि खून से सने हाथ खुलेआम घूमते हैं। राज्य का रक्षक ही उसका मुख्य भक्षक बन गया है।”

यूनुस शासन के दौरान बांग्लादेश के सूचना एवं संचार प्रौद्योगिकी (आईसीटी) अधिनियम के दुरुपयोग पर प्रकाश डालते हुए, पार्टी ने दावा किया कि जिस कानून को कभी साइबर अपराध के खिलाफ एक हथियार के रूप में देखा जाता था, अब उसका इस्तेमाल असहमति को दबाने के लिए किया जा रहा है।

इसमें कहा गया है कि विपक्षी नेताओं को मनगढ़ंत आरोपों में अदालतों में घसीटा जाता है, पक्षपातपूर्ण गवाहों को आज्ञाकारी न्यायाधीशों के सामने पेश किया जाता है, जबकि छापे, गिरफ्तारियां और मुकदमे न्याय के मामलों के रूप में नहीं, बल्कि राजनीतिक बदले के तमाशे के रूप में सामने आते हैं।

अवामी लीग ने कहा कि यह कानून का शासन नहीं, बल्कि कानून द्वारा शासन है, जिसे खोखला करके उन्हीं लोगों के खिलाफ हथियार के रूप में इस्तेमाल किया जा रहा है जिनकी रक्षा के लिए इसे बनाया गया था।

पार्टी ने कहा, इसके परिणाम विनाशकारी हैं। चरमपंथी समूह—जिनके सार्वजनिक नरसंहार और सड़क पर बर्बर हत्याओं को लेकर अंतरराष्ट्रीय स्तर पर चिंता जताई गई थी—अब बेपरवाह होकर काम कर रहे हैं। इस बीच, नागरिकों के पास लोकतंत्र की मांग करने के अलावा और कुछ नहीं रह गया है। उन्हें मनमानी, यातना और उत्पीड़न का सामना करना पड़ रहा है। यह राज्य के उद्देश्य के उलट है, जो अब उग्रवादियों की सुरक्षा और नागरिकों का उत्पीड़न हो गया है।

बांग्लादेश पर घेराबंदी का आरोप लगाते हुए, पार्टी ने कहा कि सुरक्षा बल जो कभी जनता की सुरक्षा के संरक्षक के लिए काम करते थे, अब एक पागल शासन के प्रवर्तक के रूप में काम कर रहे हैं।

पार्टी ने कहा कि बांग्लादेश में यूनुस शासन के तहत, असहमति दमन को आमंत्रित करती है और विरोध प्रदर्शन से जान जोखिम में डाली जाती है।

--आईएएनएस

केआर/

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