ढाका, 11 जुलाई 2025 (आईएएनएस)। बांग्लादेश की अवामी लीग पार्टी ने पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना और अन्य नेताओं के खिलाफ अंतर्राष्ट्रीय अपराध न्यायाधिकरण (आईसीटी) में दायर एक मामले को झूठा और हास्यास्पद करार देते हुए कड़ी निंदा की है। पार्टी ने आरोप लगाया है कि पूर्व पुलिस महानिरीक्षक (आईजीपी) अब्दुल्ला अल मामून को सरकारी गवाह बनने के लिए अमानवीय यातनाएं दी गईं और बलप्रयोग किया गया।
अवामी लीग ने इसे शेख हसीना और पूर्व गृह मंत्री असदुज्जमां खान कमाल को फंसाने का दुर्भावनापूर्ण प्रयास बताया है।
स्थानीय मीडिया के अनुसार, पिछले साल जुलाई में हुए विद्रोह के दौरान कथित मानवता के खिलाफ अपराधों से जुड़े एक मामले में आईसीटी ने शेख हसीना, पूर्व गृह मंत्री कमाल और पूर्व आईजीपी अल मामून के खिलाफ आरोप तय किए हैं।
हालांकि, अल मामून को इस मामले में सरकारी गवाह बनाया गया है। अवामी लीग ने गुरुवार को जारी अपने बयान में कहा कि यह मुकदमा पूरी तरह से राजनीति से प्रेरित है और इसका मकसद शेख हसीना को बदनाम करना है।
पार्टी का कहना है कि अभियोजन पक्ष के पास शेख हसीना के खिलाफ कोई ठोस सबूत नहीं है। बयान में कहा गया, लंबी जांच के बाद भी जब अभियोजन पक्ष कोई तथ्यात्मक सबूत पेश नहीं कर सका, तो उसने अल मामून को सरकारी गवाह बनाने के लिए दबाव डाला। यह दर्शाता है कि यह मामला पूरी तरह से निराधार है और जबरदस्ती की गई गवाही पर आधारित है।
अवामी लीग ने इसे राजनीतिक प्रतिशोध का हिस्सा बताया, जो शेख हसीना की सरकार द्वारा 1971 के युद्ध अपराधियों पर मुकदमा चलाने के जवाब में चलाया जा रहा है।
पार्टी ने दावा किया कि अल मामून को न केवल जेल में अमानवीय यातनाएं दी गईं, बल्कि उनके परिवार को भी धमकियां दी गईं। बयान के अनुसार, अल मामून को कहा गया कि अगर वे सरकारी गवाह नहीं बने, तो उन्हें फांसी दी जाएगी और उनके परिवार को भी जेल में डालकर यातनाएं दी जाएंगी।
इसके उलट, अगर वे सरकार के पक्ष में गवाही देते हैं, तो उन्हें रिहा करने का वादा किया गया। अवामी लीग ने इस व्यवहार को अवैध, गैरकानूनी और असंवैधानिक बताया और इसे कानून के शासन का उल्लंघन करार दिया।
अवामी लीग ने अंतरिम सरकार पर फासीवादी और अवैध होने का आरोप लगाते हुए कहा कि यह मुकदमा शेख हसीना से राजनीतिक बदला लेने का प्रयास है। पार्टी ने बांग्लादेश के लोगों और वैश्विक समुदाय से इस अन्याय और उत्पीड़न के खिलाफ आवाज उठाने की अपील की है।
यह विवाद बांग्लादेश की राजनीति में चल रही उथल-पुथल को और गहरा करता है। अवामी लीग का कहना है कि शेख हसीना के नेतृत्व में देश ने प्रगति की थी, और यह मुकदमा उस उपलब्धि को कमजोर करने की साजिश है। इस मामले पर अंतरराष्ट्रीय समुदाय की नजरें टिकी हैं, क्योंकि यह बांग्लादेश में कानून और न्याय की स्थिति पर सवाल उठाता है।
--आईएएनएस
वीकेयू/केआर
डिस्क्लेमरः यह आईएएनएस न्यूज फीड से सीधे पब्लिश हुई खबर है. इसके साथ न्यूज नेशन टीम ने किसी तरह की कोई एडिटिंग नहीं की है. ऐसे में संबंधित खबर को लेकर कोई भी जिम्मेदारी न्यूज एजेंसी की ही होगी.