बलूचिस्तान में पाकिस्तानी अधिकारियों का दमनात्मक रवैया, चार बलूची जबरन गायब

बलूचिस्तान में पाकिस्तानी अधिकारियों का दमनात्मक रवैया, चार बलूची जबरन गायब

बलूचिस्तान में पाकिस्तानी अधिकारियों का दमनात्मक रवैया, चार बलूची जबरन गायब

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IANS
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Balochistan: Four family members forcibly disappeared by Pakistani authorities

(source : IANS) ( Photo Credit : IANS)

क्वेटा, 15 दिसंबर (आईएएनएस)। बलूचिस्तान में एक ही परिवार के कम से कम चार लोगों को कथित तौर पर पाकिस्तानी अधिकारियों ने जबरन गायब कर दिया है। एक प्रमुख मानवाधिकार संगठन ने सोमवार को यह जानकारी दी।

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मानवाधिकार संस्था बलूच यकजहती कमेटी (बीवाईसी) के अनुसार, शनिवार को क्वेटा में एक इनडोर स्थल पर अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार दिवस के अवसर पर एक जागरूकता संगोष्ठी आयोजित की गई थी। संगठन का कहना है कि इस कार्यक्रम के दौरान न तो कोई सड़क अवरुद्ध की गई और न ही राज्य के कामकाज में कोई बाधा डाली गई।

इसके बावजूद, बीवाईसी के अनुसार, संगोष्ठी में कथित भागीदारी के संदेह में एक बलूच परिवार के चार सदस्यों को शनिवार रात क्वेटा के सरियाब थाने बुलाया गया, जिसके बाद उन्हें जबरन गायब कर दिया गया।

बीवाईसी ने बताया कि जब रविवार सुबह इन लोगों की बरामदगी के लिए अदालत में याचिका दायर की गई, तो पाकिस्तानी अधिकारी उन्हें न्यायाधीश के समक्ष पेश नहीं कर सके। इसके बजाय अदालत को सूचित किया गया कि चारों को क्वेटा के डिप्टी कमिश्नर कार्यालय में मेंटेनेंस ऑफ पब्लिक ऑर्डर (एमपीओ) कानून के तहत हिरासत में रखा गया है। यह कानून सरकार को ‘सार्वजनिक व्यवस्था के संभावित खतरे’ के आधार पर निवारक हिरासत की अनुमति देता है।

मानवाधिकार संगठन का आरोप है कि हिरासत को उचित ठहराने वाले कोई भी कानूनी दस्तावेज अदालत में पेश नहीं किए गए।

इस घटना की निंदा करते हुए बीवाईसी ने कहा कि यह स्पष्ट संकेत है कि बलूचिस्तान में प्रभावी रूप से “अघोषित सैन्य मार्शल लॉ” लागू है, जहां न्यायाधीशों से लेकर डिप्टी कमिश्नरों तक, सभी पाकिस्तान की सेना और खुफिया एजेंसियों के साथ मिलकर काम कर रहे हैं।

बीवाईसी ने कहा, “अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार दिवस पर कार्यक्रम आयोजित करना अपने आप में एक मौलिक मानव और संवैधानिक अधिकार है। केवल इसी आधार पर एक परिवार के चार लोगों को जबरन गायब करना और बिना किसी कानूनी औचित्य के एमपीओ के तहत हिरासत में रखना इस बात का प्रमाण है कि पाकिस्तान सरकार बलूचिस्तान को औपनिवेशिक तरीके से चला रही है।”

संगठन ने अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार संस्थाओं से अपील की कि वे इस कथित राज्य दमन के खिलाफ प्रभावी और व्यावहारिक कदम उठाएं, यह कहते हुए कि इस समय चुप रहना पाकिस्तानी अधिकारियों द्वारा किए जा रहे उत्पीड़न को मजबूत करने के समान है।

--आईएएनएस

डीएससी

डिस्क्लेमरः यह आईएएनएस न्यूज फीड से सीधे पब्लिश हुई खबर है. इसके साथ न्यूज नेशन टीम ने किसी तरह की कोई एडिटिंग नहीं की है. ऐसे में संबंधित खबर को लेकर कोई भी जिम्मेदारी न्यूज एजेंसी की ही होगी.

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