बलूचिस्तान में लोगों को बलपूर्वक गायब कर रहा पाकिस्तान, 'पांक' ने की आलोचना

बलूचिस्तान में लोगों को बलपूर्वक गायब कर रहा पाकिस्तान, 'पांक' ने की आलोचना

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IANS
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Baloch rights body slams Pakistan govt for intensifying wave of forceful disappearances

(source : IANS) ( Photo Credit : IANS)

क्वेटा, 19 मई (आईएएनएस)। पाकिस्तान सरकार द्वारा बलूचिस्तान क्षेत्र से लोगों को जबरन गायब करने की घटनाएं लगातार बढ़ रही है। एक मानवाधिकार संस्था ने पाकिस्तान के इस कृत्य को मानवता के विरुद्ध अपराध बताया है।

बलूच नेशनल मूवमेंट के मानवाधिकार विभाग, पांक ने सोमवार को खुलासा किया कि, पाकिस्तानी सेना ने सात और बलूचों को जबरन गायब कर दिया है। रविवार को, मस्तुंग के किल्ली शेखान इलाके के निवासी वजीर खान के बेटे वकास बलूच को पाकिस्तानी सुरक्षा बलों ने जबरन हिरासत में लिया और उसके घर से ले गए। मई महीने में ऐसी घटना कई बार हो चुकी है।

अन्य पीड़ितों का खुलासा करते हुए पांक ने कहा, 18 मई, 2025 को, पाकिस्तानी सेना ने ग्वादर जिले के पसनी तहसील के जिमुरी इलाके के निवासी इज्जत बलूच के बेटे नवीद बलूच को, मस्तुंग के किल्ली शादी खान इलाके के निवासी सालेह मुहम्मद शाद के बेटे एडवोकेट चीफ अत्ताउल्लाह बलूच को जबरन उसके घर से हिरासत में लिया और फिर गायब कर दिया। 16 मई को पाकिस्तानी अधिकारियों ने बरपी के बेटे शाह नवाज बलूच को उसके पिता के साथ मिलिटरी कैंप नाली बुलाया था, जो अवारन जिले के मश्कई तहसील के लकी इलाके में रहता था। उसके पिता को जाने की अनुमति दे दी गई, लेकिन शाह नवाज को अवैध रूप से हिरासत में रखा गया और तब से वह गायब है।

एक अन्य घटना में, 17 मई को, नसीराबाद के निवासी अमीन उल्लाह बलूच को सेना ने कलात के शेखरी इलाके से जबरन गायब कर दिया था। उसी दिन से, नसीराबाद के निवासी 13 वर्षीय फियाज अली का कोई पता नहीं चल रहा है।

मानवाधिकार संस्था ने आगे बताया कि शनिवार को, नसीराबाद के निवासी पेशे से जमींदार नियाज अली को कलात के शेखरी इलाके से जबरन गायब कर दिया गया था।

पिछले सप्ताह पांक ने खुलासा किया था, अप्रैल और मई के बीच, बलूचिस्तान के कई जिलों में पांच और लोगों को जबरन गायब कर दिया गया था। लगातार हो रही ये घटनाएं क्षेत्र में भय, दंड से मुक्ति और राज्य दमन के निरंतर माहौल को दिखा रही हैं।

रिपोर्ट में कहा गया, पीड़ितों को अक्सर बिना किसी कानूनी प्रक्रिया, वारंट के ले जाया जाता है, और परिवार अपने प्रियजनों के ठिकाने या उनकी भलाई के बारे में कोई जानकारी न होने के कारण हमेशा मुश्किल में पड़े रहते हैं। जबरन गायब करने की प्रथा को मानवता के खिलाफ अपराध के रूप में मान्यता दी जानी चाहिए, और अपराधियों को अंतरराष्ट्रीय कानून के तहत जवाबदेह ठहराया जाना चाहिए।

पांक ने अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार संगठनों, जिनमें जबरन या अनैच्छिक गायब किए जाने पर संयुक्त राष्ट्र कार्य समूह और व्यापक अंतरराष्ट्रीय समुदाय शामिल है, से आग्रह किया था कि वे पाकिस्तान पर दबाव डालें और जबरन गायब किए गए सभी व्यक्तियों को तुरंत रिहा करे और बलूचिस्तान में अपनी दमनकारी नीतियों को समाप्त करे।

मानवाधिकार विभाग ने बताया कि, बलूचिस्तान में बलूचों को जबरन गायब करने की हो रही लगातार घटना व्यापक और व्यवस्थित नीति को दर्शाती हैं।

--आईएएनएस

पीएके/एएस

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