बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों पर अत्याचार बढ़े, अवामी लीग ने यूनुस के नेतृत्व वाली अंतरिम सरकार की आलोचना की

बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों पर अत्याचार बढ़े, अवामी लीग ने यूनुस के नेतृत्व वाली अंतरिम सरकार की आलोचना की

बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों पर अत्याचार बढ़े, अवामी लीग ने यूनुस के नेतृत्व वाली अंतरिम सरकार की आलोचना की

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IANS
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Awami League slams Yunus-led interim govt over rising minority persecution in Bangladesh

(source : IANS) ( Photo Credit : IANS)

ढाका, 5 अगस्त (आईएएनएस)। बांग्लादेश की अवामी लीग पार्टी ने मुहम्मद यूनुस के नेतृत्व वाली अंतरिम सरकार की कड़ी आलोचना की है और पिछले एक साल में अल्पसंख्यकों के उत्पीड़न पर गहरी चिंता व्यक्त की है।

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पार्टी ने उल्लेख किया कि यूनुस के शासन में अल्पसंख्यकों पर 2,442 से ज्यादा हमले दर्ज किए गए। घटनाओं को सरकार ने या तो नजरअंदाज किया गया या समर्थन दिया गया।

अवामी लीग ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा, 5 अगस्त, 2024 कोई निर्णायक मोड़ नहीं था। यह एक हरी झंडी थी। सिर्फ 16 दिनों में पूरे देश में हिंसा फैल गयी। लेकिन, दुनिया अब भी यूनुस की सराहना करती है। 1971 का नरसंहार हमारा आखिरी नरसंहार माना जा रहा था। लेकिन यूनुस के शासन में, यह फिर से लौट आया है।

पार्टी ने सवाल किया कि क्या बांग्लादेश अब भी वही देश है या यह छिपा हुआ तालिबानी राज्य बन गया है।

पार्टी ने कहा, अगस्त 2024 से अगस्त 2025 तक, बांग्लादेश में जो कुछ हुआ है, वह 1971 में पाकिस्तानी सेना द्वारा किए गए अत्याचारों से भी बढ़कर है। यूनुस शासन के प्रत्यक्ष संरक्षण में, देश भर में अल्पसंख्यक समुदायों के धार्मिक सफाए, जातीय उत्पीड़न और सुनियोजित नरसंहार का एक समन्वित अभियान चलाया गया है।

देश के कई जिलों में हिंदू अल्पसंख्यकों पर हो रहे अत्याचारों पर पार्टी ने कहा, बारिशाल में एक हिंदू परिवार को पीटा गया और जान से मारने की धमकियां दी गईं। हबीगंज में एक कॉलेज छात्रा मोनप्रिया सरकार लापता हो गई। कमिला में एक हिंदू महिला के साथ उसके घर में सामूहिक बलात्कार किया गया। इसके अलावा, खिलखेत में सरकारी बलों ने एक दुर्गा मंदिर को बुलडोजर से गिरा दिया, जबकि ठाकुरगांव क्षेत्र में मूर्तियों को तोड़ा गया, मंदिरों को जला दिया गया और समुदाय को निर्वासित होने के लिए मजबूर किया गया।

अवामी लीग ने कहा, मदरसे नफरत सिखाते हैं, सेना के अधिकारी हिंदू मंत्रों का मजाक उड़ाते हैं। मंदिर कब्र और आस्था अब युद्ध का मैदान बन गई है।

पार्टी ने आगे कहा कि बांग्लादेश अपने अल्पसंख्यकों के लिए कब्रगाह बन गया है और पिछले साल, जो अशांति के रूप में शुरू हुआ था, वह अब संगठित धार्मिक सफाए में बदल गया है।

अवामी लीग ने कहा, यूनुस सरकार के शासन ने एक क्रूर, सांप्रदायिक राज्य का उदय किया है। यहां अल्पसंख्यक होना अपराध है। धार्मिक पहचान ही आतंक पैदा करती है। पिछले एक साल में, अल्पसंख्यकों को सुनियोजित और निरंतर आतंक का सामना करना पड़ा है। कट्टरपंथियों ने मंदिरों पर हमले किए, महिलाओं के साथ बलात्कार किया, लड़कियों का अपहरण किया, घरों को जलाया इस दौरान सरकार खामोश रही।

--आईएएनएस

पीएके/एएस

डिस्क्लेमरः यह आईएएनएस न्यूज फीड से सीधे पब्लिश हुई खबर है. इसके साथ न्यूज नेशन टीम ने किसी तरह की कोई एडिटिंग नहीं की है. ऐसे में संबंधित खबर को लेकर कोई भी जिम्मेदारी न्यूज एजेंसी की ही होगी.

      
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