अवामी लीग ने बांग्लादेश में गहराते आर्थिक संकट पर जताई चिंता

अवामी लीग ने बांग्लादेश में गहराते आर्थिक संकट पर जताई चिंता

अवामी लीग ने बांग्लादेश में गहराते आर्थिक संकट पर जताई चिंता

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IANS
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Beijing: Chief Adviser of Bangladesh Muhammad Yunus visits Peking University

(source : IANS) ( Photo Credit : IANS)

ढाका, 11 अक्टूबर (आईएएनएस)। बांग्लादेश की अवामी लीग ने शनिवार को देश के रेडीमेड परिधान उद्योग की बिगड़ती स्थिति पर चिंता व्यक्त की और कहा कि जिसे कभी राष्ट्र का गौरव माना जाता था, वह अब अनगिनत परिवारों को गरीबी में धकेल रहा है।

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पार्टी ने कहा कि जो कारखाने पहले देश की अर्थव्यवस्था को जीवित रखते थे, वे एक के बाद एक बंद हो रहे हैं, जिससे हजारों कपड़ा मजदूर बेरोजगार होकर सड़कों पर आ गए हैं और जीविका चलाने के लिए कोई भी काम ढूंढने के लिए संघर्ष कर रहे हैं।

नेतृत्व, दिशा और स्थिरता में विफलता के लिए मोहम्मद यूनुस के नेतृत्व वाली अंतरिम सरकार की आलोचना करते हुए, अवामी लीग ने कहा कि विश्वास बहाल करने के बजाय, उनकी नीतियों ने अर्थव्यवस्था को पंगु बना दिया है।

पार्टी ने जोर देकर कहा, कारखाने बंद हो रहे हैं, निवेशकों का विश्वास उठ गया है, और सरकार या तो कार्रवाई करने को तैयार नहीं है या असमर्थ है। यूनुस के शासन में बांग्लादेश न केवल आर्थिक मंदी का सामना कर रहा है, बल्कि वह अस्तित्व के संकट का भी सामना कर रहा है, जहां मजदूर वर्ग और गरीबों के बीच की रेखा पूरी तरह से मिट रही है।

अवामी लीग के अनुसार, अर्थव्यवस्था के पुनर्निर्माण पर ध्यान केंद्रित करने के बजाय, यूनुस शासन ने राजनीतिक बदला लेने की नीति अपनाई और पार्टी से जुड़े माने जाने वाले व्यवसायों की जांच की गई, उन्हें परेशान किया गया, या चुपचाप बाहर निकाल दिया गया।

पार्टी ने जोर देकर कहा, इस प्रक्रिया में सैकड़ों कारखाने बंद हो गए और हजारों मजदूरों ने अपनी नौकरियां खो दीं। जो सुधार का दौर हो सकता था, वह वर्षों में सबसे खराब औद्योगिक मंदी में बदल गया।

पार्टी ने इस बात पर जोर दिया कि पूरे बांग्लादेश में हजारों पूर्व फैक्ट्री मजदूर अपने कारखाने बंद होने के महीनों बाद भी अपने बकाया वेतन का इंतजार कर रहे हैं। पार्टी ने कहा कि गाजीपुर, नारायणगंज और सावर जैसी जगहों पर, मजदूर रोजाना बंद दरवाजों के बाहर इकट्ठा होते हैं और अपने हाथों में ऐसे नियुक्ति पत्र लिए रहते हैं जिनका कोई मतलब नहीं रह गया है।

इस बात पर जोर देते हुए कि ये अलग-थलग कहानियां नहीं हैं, अवामी लीग ने कहा कि ये यूनुस के असफल आर्थिक प्रयोग का चेहरा हैं।

अवामी लीग ने कहा, स्थायी नौकरियां गंवाने वालों में से कई अनौपचारिक अर्थव्यवस्था में धकेल दिए गए हैं, जहां वे दिहाड़ी मजदूर, रिक्शा चालक या रेहड़ी-पटरी वाले के रूप में काम कर रहे हैं, और मुश्किल से गुजारा कर पा रहे हैं। शिक्षित युवाओं के लिए स्थिति और भी बदतर है, जब नौकरियां ही नहीं मिलतीं तो डिग्रियों का कोई मतलब नहीं होता। बांग्लादेश की युवा पीढ़ी के दिलों में उम्मीदें धीरे-धीरे दम तोड़ रही हैं।

इसमें आगे कहा गया है, मुहम्मद यूनुस के शासन में बांग्लादेश के सबसे बड़े संसाधन, उसके मेहनती लोगों के साथ विश्वासघात किया गया है। विकास का वादा गरीबी के दुःस्वप्न में बदल गया है, और देश का कभी उज्ज्वल भविष्य अब खतरे में है।

--आईएएनएस

डीकेपी/

डिस्क्लेमरः यह आईएएनएस न्यूज फीड से सीधे पब्लिश हुई खबर है. इसके साथ न्यूज नेशन टीम ने किसी तरह की कोई एडिटिंग नहीं की है. ऐसे में संबंधित खबर को लेकर कोई भी जिम्मेदारी न्यूज एजेंसी की ही होगी.

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