बेसिक की अपेक्षा फिटनेस सेंटर, क्लबहाउस जैसी आधुनिक सुविधाओं वाले घरों की बढ़ रही मांग : रिपोर्ट

बेसिक की अपेक्षा फिटनेस सेंटर, क्लबहाउस जैसी आधुनिक सुविधाओं वाले घरों की बढ़ रही मांग : रिपोर्ट

बेसिक की अपेक्षा फिटनेस सेंटर, क्लबहाउस जैसी आधुनिक सुविधाओं वाले घरों की बढ़ रही मांग : रिपोर्ट

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IANS
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Average flat loading hits 40 pc in top Indian cities as buyers seek more amenities

(source : IANS) ( Photo Credit : IANS)

मुंबई, 9 जून (आईएएनएस)। इस वर्ष जनवरी-मार्च की अवधि में एवरेज अपार्टमेंट लोडिंग 40 प्रतिशत तक पहुंच गई, जो 2019 में 31 प्रतिशत थी। इसके अलावा, पिछले कुछ वर्षों में टॉप सात शहरों में बेंगलुरु में एवरेज लोडिंग में सबसे अधिक वृद्धि दर्ज की गई है, जो 2019 में 30 प्रतिशत से बढ़कर 2025 की पहली तिमाही में 41 प्रतिशत हो गई है। यह जानकारी सोमवार को आई एक रिपोर्ट में दी गई।

लेटेस्ट एनारॉक रिसर्च डेटा में पाया गया है कि हाउसिंग प्रोजेक्ट में स्टेट-ऑफ-द- आर्ट की बढ़ती मांग के बीच टॉप शहरों में लोडिंग फैक्टर बढ़ता जा रहा है।

मुंबई मेट्रोपोलिटन एरिया (एमएमआर) ने 2025 की पहली तिमाही में 43 प्रतिशत के साथ टॉप सात शहरों में सबसे ज्यादा लोडिंग दर्ज की। इस क्षेत्र में पिछले कुछ वर्षों में एवरेज लोडिंग में लगातार वृद्धि देखी गई है, जो कि 2019 में 33 प्रतिशत से 2022 में 39 प्रतिशत और 2025 की पहली तिमाही में 43 प्रतिशत हो गई है।

आवासीय अपार्टमेंट में एवरेज लोडिंग फैक्टर सुपर-बिल्ट-अप एरिया और कारपेट एरिया के बीच का अंतर होता है।

रियल एस्टेट (विनियमन और विकास) अधिनियम, 2016 के तहत डेवलपर्स को घर खरीदारों को प्रदान किए गए कुल कारपेट एरिया की जानकारी देना आवश्यक है। हालांकि, वर्तमान में प्रोजेक्ट में लोडिंग फैक्टर को सीमित करने जैसा कोई कानून नहीं है।

एनारॉक ग्रुप के रिसर्च एंड एडवाइजरी, रिजनल डायरेक्टर एंड हेड डॉ. प्रशांत ठाकुर ने कहा, 2025 की पहली तिमाही की रीडिंग्स से पता चलता है कि टॉप 7 शहरों में घर खरीदारों के पास उनके अपार्टमेंट में पूरे स्पेस का 60 प्रतिशत हिस्सा रहने योग्य स्थान है, जबकि शेष 40 प्रतिशत हिस्सा कॉमन एरिया जैसे लिफ्ट, लॉबी, सीढ़ियां, क्लब हाउस, टेरेस है।

दूसरी ओर, चेन्नई में 2025 की पहली तिमाही में सबसे कम एवरेज लोडिंग वृद्धि 36 प्रतिशत दर्ज की गई है, जो सिटी-स्पेसिफिक डिमांड प्रोफाइल के अनुरूप है, जहां घर खरीदार कॉमन एरिया के बजाय अपने घरों के भीतर ही उपयोग करने योग्य स्थान के लिए अधिक भुगतान करना पसंद करते हैं।

दिल्ली-एनसीआर में, एवरेज लोडिंग 2019 में 31 प्रतिशत से बढ़कर 2022 में 37 प्रतिशत और 2025 की पहली तिमाही में 41 प्रतिशत हो गया।

पुणे में, एवरेज लोडिंग 2019 में 32 प्रतिशत थी, जो कि 2022 में बढ़कर 36 प्रतिशत और 2025 की पहली तिमाही में 40 प्रतिशत रही।

हैदराबाद में एवरेज लोडिंग 2019 में 30 प्रतिशत से 2022 में 33 प्रतिशत और 2025 की पहली तिमाही में 38 प्रतिशत की वृद्धि देखी गई।

पहले 30 प्रतिशत या उससे कम लोडिंग को सामान्य माना जाता था।

ठाकुर ने कहा, आज, अधिकतर प्रोजेक्ट में ज्यादा सुविधा लोडिंग एक आम बात हो गई है, आंशिक रूप से इसलिए क्योंकि घर खरीदार अब बुनियादी जीवनशैली सुविधाओं से संतुष्ट नहीं हैं। वे फिटनेस सेंटर, क्लबहाउस, पार्क जैसे बगीचे और भव्य लॉबी की अपेक्षा करते हैं।

महाराष्ट्र को छोड़कर अधिकांश शहरों में घर खरीदार इस बात से अनजान हैं कि वे अपने अपार्टमेंट के भीतर कुल उपयोग योग्य स्थान के लिए कितना भुगतान करते हैं।

--आईएएनएस

एसकेटी/

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