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(source : IANS) ( Photo Credit : IANS)
नई दिल्ली, 13 दिसंबर (आईएएनएस)। भारत की सबसे बड़ी क्रिटिकल मिनरल्स फर्म और दुनिया की सबसे ज्यादा टेक्नोलॉजी वाली शहरी माइनर, एटेरो को रिस्पॉन्सिबल ज्वेलरी काउंसिल (आरजेसी) सर्टिफिकेट मिला है। यह जिम्मेदार बिजनेस आचरण और पारदर्शी कीमती मेटल सप्लाई चेन के लिए दुनिया भर में सबसे सम्मानित पहचानों में से एक है।
यह सर्टिफिकेट केवल उन्हीं संगठनों को प्रदान किया जाता है जो मानवाधिकार, श्रम प्रथाओं, पर्यावरण संरक्षण और जिम्मेदार स्रोत स्रोत के क्षेत्र में कड़े मानकों को पूरा करते हैं।
एटरो अब आरजेसी फ्रेमवर्क के तहत प्रमाणित होने वाली पहली और एकमात्र ई-कचरा कंपनी है, जो इलेक्ट्रॉनिक कचरे से प्राप्त पुनर्चक्रित कीमती धातुओं को दुनिया के कुछ सबसे भरोसेमंद आभूषण घरानों द्वारा उत्पादित सामग्रियों के समान विश्वसनीयता मंच पर रखती है।
आरजेसी में कार्टियर, टिफनी एंड कंपनी, डी बीयर्स, रोलेक्स, बुल्गारी और रिचमोंट जैसे विश्व स्तर पर मान्यता प्राप्त नाम शामिल हैं, जो सभी पता लगाने योग्य और नैतिक आपूर्ति श्रृंखलाओं के लंबे समय से समर्थक हैं।
एटरो इस समूह में उच्च शुद्धता वाले पुनर्चक्रित सोने और चांदी के प्रमाणित उत्पादक के रूप में शामिल होता है, जो पूरी तरह से बेकार इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों से प्राप्त होता है, और पारंपरिक खनन से प्राप्त धातुओं के लिए एक जिम्मेदार विकल्प प्रदान करता है।
एटरो के सह-संस्थापक और सीओओ रोहन गुप्ता ने कहा,“आरजेसी सर्टिफिकेशन महत्वपूर्ण और बहुमूल्य धातुओं के लिए एक जिम्मेदार और पारदर्शी आपूर्ति श्रृंखला बनाने पर केंद्रित वर्षों के प्रयासों का परिणाम है। यह पुनर्चक्रित सामग्रियों की विश्वसनीयता को मजबूत करता है और उच्च उत्सर्जन वाली खनन गतिविधियों की आवश्यकता को कम करके वैश्विक जलवायु लक्ष्यों का समर्थन करता है। हमारा काम यह साबित करता है कि स्थिरता और प्रौद्योगिकी, सामग्री सोर्सिंग को नया रूप दे सकती है, साथ ही महत्वपूर्ण खनिजों में आत्मनिर्भरता हासिल करने की भारत की महत्वाकांक्षाओं को भी समर्थन देती है। हमें आभूषण उद्योग और इन सामग्रियों पर निर्भर उन्नत विनिर्माण क्षेत्रों के लिए एक स्वच्छ और अधिक जिम्मेदार भविष्य में योगदान देने पर गर्व है।”
यह उपलब्धि एटरो की सतत विकास-आधारित मूल्य श्रृंखला के महत्व को रेखांकित करती है। कंपनी का रुड़की स्थित संयंत्र दुनिया के सबसे उन्नत पुनर्चक्रण संयंत्रों में से एक है, जिसे चक्रीय सिद्धांतों के आधार पर डिजाइन किया गया है और पूरी तरह से नवीकरणीय ऊर्जा से संचालित होने के लिए बनाया गया है।
2024 में, रुड़की स्थित संयंत्र ने जलविद्युत ऊर्जा की ओर अपना रूपांतरण पूरा कर लिया, जिससे जीवाश्म ईंधन पर निर्भरता समाप्त हो गई और स्कोप 2 उत्सर्जन में कमी आई। एटरो, ऑन-साइट नवीकरणीय ऊर्जा संयंत्रों और नवीकरणीय ऊर्जा खरीद समझौतों के मिश्रण के माध्यम से हरित ऊर्जा के उपयोग को लगातार बढ़ा रहा है।
अपनी विशेष उन्नत प्रक्रियाओं के माध्यम से, एटरो कोबाल्ट, निकेल, लिथियम, कॉपर, ग्रेफाइट, सिल्वर, गोल्ड और मैंगनीज सहित 22 से अधिक महत्वपूर्ण धातुओं का निष्कर्षण करता है।
रूड़की स्थित संयंत्र में पुनर्प्राप्ति दक्षता 98 प्रतिशत से अधिक और सामग्री शुद्धता 99.9 प्रतिशत से अधिक है। एटरो के पास 47 वैश्विक पेटेंट हैं और सतत संसाधन पुनर्प्राप्ति में दीर्घकालिक नेतृत्व को बनाए रखने के लिए 200 से अधिक पेटेंट के लिए आवेदन किया गया है।
इस उपलब्धि के साथ, एटरो शहरी खनन की भूमिका को स्वच्छ और अधिक सुरक्षित सामग्री आपूर्ति श्रृंखलाओं के लिए एक स्केलेबल मार्ग के रूप में मजबूत करता है और आभूषण और पुनर्चक्रण पारिस्थितिकी तंत्र के भीतर जिम्मेदार कीमती धातु पुनर्प्राप्ति के लिए एक नई दिशा निर्धारित करता है।
--आईएएनएस
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