भारत-अमेरिका के रिश्तों पर चीन की नजर, ड्रैगन ने वाशिंगटन से सहयोग की अपील की

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भारत-अमेरिका के रिश्तों पर चीन की नजर, ड्रैगन ने वाशिंगटन से सहयोग की अपील की

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IANS
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As US signals thaw with India, China calls for cooperation with Washington

(source : IANS) ( Photo Credit : IANS)

नई दिल्ली, 26 दिसंबर (आईएएनएस)। अमेरिका और भारत के बीच रिश्तों में नरमी के संकेत मिलने के बीच चीन ने वॉशिंगटन से सहयोग बढ़ाने की अपील की है। एक दिन पहले ही बीजिंग ने पेंटागन की एक हालिया रिपोर्ट पर अमेरिका पर चीन की रक्षा नीति को गलत तरीके से पेश करने का आरोप लगाया था। इसी क्रम में चीन के सरकारी नियंत्रण वाले समाचार पोर्टल पीपुल्स डेली ऑनलाइन में प्रकाशित एक लेख में अमेरिका-चीन द्विपक्षीय संबंधों, खासकर आर्थिक और व्यापारिक क्षेत्र में सहयोग के महत्व पर जोर दिया गया है।

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लेख में कहा गया, “अंतरराष्ट्रीय संबंध कभी भी पूरी तरह सुगम नहीं रहे हैं। अशांत परिस्थितियों में दिशा को स्थिर रखने और समग्र स्थिति को संभालने के लिए बुद्धिमत्ता और जिम्मेदारी की आवश्यकता होती है।”

आगे कहा गया, “इतिहास की ओर देखें तो सबक स्पष्ट हैं। साझा जिम्मेदारी और भविष्य के हित में चीन और अमेरिका को सहयोग करना चाहिए और वे ऐसा कर भी सकते हैं।”

लेख में इस वर्ष को “विश्व फासीवाद-विरोधी युद्ध में विजय की 80वीं वर्षगांठ” बताते हुए कहा गया कि उस समय चीन और अमेरिका ने कंधे से कंधा मिलाकर लड़ाई लड़ी थी और शांति, न्याय तथा मानव सभ्यता की रक्षा में महत्वपूर्ण योगदान दिया था।

इससे पहले वर्ष की शुरुआत में अमेरिका-चीन व्यापार तनाव उस समय बढ़ गया था, जब राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के प्रशासन ने व्यापार असंतुलन, फेंटेनाइल की अवैध तस्करी और प्रौद्योगिकी हस्तांतरण से जुड़े राष्ट्रीय सुरक्षा मुद्दों का हवाला देते हुए चीनी आयात पर शुल्क दोबारा लगाए और बढ़ाए। इसके जवाब में चीन ने अमेरिकी कृषि उत्पादों, औद्योगिक मशीनरी और दुर्लभ खनिजों सहित प्रमुख निर्यात वस्तुओं पर प्रतिशोधात्मक शुल्क लगाए।

वैश्विक व्यापार में बाधाओं और आर्थिक अनिश्चितता के बीच कूटनीतिक प्रयासों के तहत कई दौर की बातचीत हुई। पिछले महीने दक्षिण कोरिया में राष्ट्रपति ट्रंप और चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग की बैठक से तनाव में कुछ कमी आई। हालांकि, कोई व्यापक औपचारिक व्यापार समझौता नहीं हो सका।

इस बैठक का उल्लेख करते हुए लेख में कहा गया कि “चीन और अमेरिका के बीच शीर्ष नेतृत्व की कूटनीति द्विपक्षीय संबंधों की दिशा तय करने में एक मजबूत आधार का काम करती है।”

गौरतलब है कि गुरुवार को चीन ने पेंटागन की रिपोर्ट की कड़ी आलोचना करते हुए कहा था कि यह चीन की रक्षा नीतियों को तोड़-मरोड़ कर पेश करती है और अमेरिका को अन्य देशों के साथ चीन के कूटनीतिक संबंधों में हस्तक्षेप से बचना चाहिए।

अमेरिकी रक्षा विभाग की रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत और चीन के बीच राजनयिक प्रयासों के बावजूद चीन वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर भारत के साथ संभावित सैन्य टकराव की तैयारी जारी रखे हुए है। रिपोर्ट में अक्टूबर 2024 में एलएसी पर शेष तनावपूर्ण बिंदुओं से पीछे हटने के समझौते के बावजूद सतर्कता बरतने की सलाह दी गई है।

इस बीच, नई दिल्ली ने हाल ही में अरुणाचल प्रदेश की एक भारतीय नागरिक को शंघाई हवाई अड्डे पर कथित तौर पर हिरासत में लिए जाने और उसके जन्मस्थान को लेकर परेशान किए जाने का मुद्दा उठाया है।

चीन अमेरिका द्वारा ताइवान को रिकॉर्ड हथियार बिक्री और अमेरिकी राष्ट्रीय सुरक्षा रणनीति (एनएसएस) दस्तावेज को लेकर भी सतर्क है, जिसमें “किसी एक प्रतिस्पर्धी राष्ट्र के वर्चस्व को रोकने” के लिए सहयोगियों और साझेदारों के साथ तालमेल की बात कही गई है।

--आईएएनएस

डीएससी

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