भारतीय रिटेल रियल एस्टेट सेक्टर में इंस्टीट्यूशनल प्लेयर की तेजी से बढ़ रही भागीदारी : रिपोर्ट

भारतीय रिटेल रियल एस्टेट सेक्टर में इंस्टीट्यूशनल प्लेयर की तेजी से बढ़ रही भागीदारी : रिपोर्ट

भारतीय रिटेल रियल एस्टेट सेक्टर में इंस्टीट्यूशनल प्लेयर की तेजी से बढ़ रही भागीदारी : रिपोर्ट

author-image
IANS
New Update
Around 35 pc of 650 operational malls in India now meet institutional grade: Report

(source : IANS) ( Photo Credit : IANS)

नई दिल्ली, 3 अक्टूबर (आईएएनएस)। भारतीय रिटेल रियल एस्टेट सेक्टर में इंस्टीट्यूशनल प्लेयर की बढ़ती भागीदारी के साथ, देश भर में 650 संचालित मॉल में से लगभग 30-35 प्रतिशत अब इंस्टीट्यूशनल ग्रेड के हैं। यह जानकारी शुक्रवार को आई एक रिपोर्ट में दी गई।

Advertisment

इस सेक्टर का तीव्र विकास खंडित और क्वांटिटी-ड्रिवन ग्रोथ से क्वालिटी और इंस्टीट्यूशनल कंसोलिडेशन ओर एक बड़े परिवर्तन की गाथा है।

एनारॉक रिसर्च की लेटेस्ट रिपोर्ट के अनुसार, टॉप सात शहरों में 2015 में इंवेट्री का 22 प्रतिशत ग्रेड ए मॉल थे, जो 2027 तक बढ़कर 60 प्रतिशत होने का अनुमान है। इस बीच, वेकेंसी 19 प्रतिशत से घटकर लगभग 9 प्रतिशत हो गई है। यह क्वालिटी और मांग में सुधार का एक बड़ा संकेत है।

रिपोर्ट के अनुसार, यह ट्रेंड टॉप प्लेयर्स में सबसे अधिक दिखाई देता है, जिनके पास कुल मिलाकर 34 मिलियन स्क्वायर फीट में 58 मॉल हैं और अगले 3-5 वर्षों में 42.5 मिलियन वर्ग फुट से अधिक प्राइम रिटेल स्पेस वाले 45 नए मॉल पाइपलाइन में हैं।

एनारॉक रिटेल के सीईओ और एमडी अनुज केजरीवाल ने कहा, इंस्टीट्यूशनल निवेश मेट्रो शहरों से बाहर दूसरे शहरों में तेजी से फैल रहा है। संगठित रिटेल के लिए चंडीगढ़, इंदौर, सूरत, भुवनेश्वर और कोयंबटूर नए ग्रोथ सेंटर हैं, जहां हाइली एस्पिरेशनल आबादी है और परचेसिंग पावर बढ़ रही है।

उन्होंने कहा कि भारतीय रिटेल इंडस्ट्री में बदलाव की वजह उपभोक्ताओं की बदलती उम्मीदें और ग्लोबल ब्रांड्स की स्टैंडर्ड और बेहतर अनुभव वाले स्पेस की पसंद है।

हालांकि, ग्रोथ इंस्टीट्यूशनल निवेश पर भी निर्भर करती है, जिसका मतलब है कि मॉल एसेट को प्राइवेट इक्विटी और आरईआईटी निवेशकों के लिए भी आकर्षक होना चाहिए।

तेज बदलाव के बावजूद भी भारत अभी विकसित अर्थव्यवस्थाओं से पीछे है, क्योंकि देश के पास केवल 110 मिलियन वर्ग फुट का क्वालिटी रिटेल स्टॉक है, जबकि अमेरिका में 700 मिलियन वर्ग फुट से अधिक और चीन में 400 मिलियन वर्ग फुट से अधिक क्वालिटी रिटेल स्टॉक है, जहां मॉल एसेट लगभग पूरी तरह से इंस्टीट्यूशनल स्वामित्व वाले हैं।

रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत का लगातार शहरीकरण और ग्रेड ए मॉल में प्रति माह प्रति वर्ग फुट 1,200-1,600 रुपए की रिटेल बिक्री उत्पादकता देश की विकास क्षमता को दर्शाती है।

--आईएएनएस

एसकेटी/

डिस्क्लेमरः यह आईएएनएस न्यूज फीड से सीधे पब्लिश हुई खबर है. इसके साथ न्यूज नेशन टीम ने किसी तरह की कोई एडिटिंग नहीं की है. ऐसे में संबंधित खबर को लेकर कोई भी जिम्मेदारी न्यूज एजेंसी की ही होगी.

Advertisment