मणिपुर: कुकी शीर्ष संगठन ने राष्ट्रीय राजमार्ग को फिर से खोलने का फैसला किया

मणिपुर: कुकी शीर्ष संगठन ने राष्ट्रीय राजमार्ग को फिर से खोलने का फैसला किया

मणिपुर: कुकी शीर्ष संगठन ने राष्ट्रीय राजमार्ग को फिर से खोलने का फैसला किया

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IANS
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Apex Kuki body to reopen vital National Highway in Manipur, SoO deal extended by one year

(source : IANS) ( Photo Credit : IANS)

नई दिल्ली/इंफाल, 4 सितंबर (आईएएनएस)। आदिवासी समुदाय की शीर्ष संस्था कुकी-जो काउंसिल (केजेडसी) ने गुरुवार को घोषणा की कि वह इंफाल-दीमापुर राष्ट्रीय राजमार्ग (एनएच-2) पर वाहनों और लोगों की आवाजाही को सुगम बनाएगी।

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एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि गृह मंत्रालय (एमएचए), मणिपुर सरकार के अधिकारियों और कुकी नेशनल ऑर्गनाइजेशन (केएनओ) और यूनाइटेड पीपुल्स फ्रंट (यूपीएफ) के नेताओं के बीच त्रिपक्षीय बैठक के बाद कुकी उग्रवादियों के साथ त्रिपक्षीय निलंबन अभियान (एसओओ) समझौते को भी एक और वर्ष के लिए बढ़ा दिया गया है।

अधिकारी ने बताया कि केजेडसी ने यात्रियों और आवश्यक वस्तुओं की मुक्त आवाजाही के लिए राष्ट्रीय राजमार्ग-2 को खोलने का फैसला किया है।

आधिकारिक बयान में कहा गया है, यह निर्णय गृह मंत्रालय (एमएचए) के अधिकारियों और केजेडसी के एक प्रतिनिधिमंडल के बीच नई दिल्ली में पिछले कुछ दिनों में हुई कई बैठकों के बाद लिया गया। केजेडसी ने एनएच-2 पर शांति बनाए रखने के लिए भारत सरकार द्वारा तैनात सुरक्षा बलों के साथ सहयोग करने की प्रतिबद्धता जताई है।

इसमें कहा गया है कि गृह मंत्रालय, मणिपुर सरकार और केएनओ तथा यूपीएफ के प्रतिनिधियों के बीच गुरुवार को नई दिल्ली में एक त्रिपक्षीय बैठक भी हुई।

बयान में कहा गया कि बैठक का समापन त्रिपक्षीय परिचालन निलंबन (एसओओ) समझौते पर हस्ताक्षर के साथ हुआ, जिसके लिए पुनः बातचीत की गई शर्तों (आधारभूत नियमों) को शामिल किया गया है, जो समझौते पर हस्ताक्षर करने की तिथि से एक वर्ष की अवधि के लिए प्रभावी होंगे।

संशोधित नियमों में मणिपुर की क्षेत्रीय अखंडता को बनाए रखने और राज्य में स्थायी शांति व स्थिरता के लिए बातचीत के जरिए समाधान की जरूरत पर जोर दिया गया है।

बयान के अनुसार, केएनओ और यूपीएफ ने सात निर्दिष्ट शिविरों को संघर्ष-प्रवण क्षेत्रों से दूर स्थानांतरित करने, शिविरों की संख्या कम करने, हथियारों को नजदीकी सीआरपीएफ और बीएसएफ शिविरों में स्थानांतरित करने, और विदेशी नागरिकों को सूची से हटाने के लिए सुरक्षा बलों द्वारा सख्त शारीरिक सत्यापन सुनिश्चित करने पर सहमति जताई है।

एक संयुक्त निगरानी समूह अब नियमों के पालन पर कड़ी नजर रखेगा, और भविष्य में उल्लंघनों को सख्ती से निपटाया जाएगा, जिसमें एसओओ समझौते की समीक्षा भी शामिल हो सकती है।

कुकी-जो काउंसिल ने गुरुवार को एक बयान में कहा कि गृह मंत्रालय ने कांगपोकपी जिले से गुजरने वाले राष्ट्रीय राजमार्ग-2 (इम्फाल-दिमापुर) पर यात्रियों की सुरक्षा को लेकर गंभीर चिंता जताई है। केजेडसी ने स्पष्ट किया कि हाल के दिनों में एनएच-2 पर न तो यात्रियों के साथ कोई अप्रिय घटना हुई है और न ही आवश्यक सामानों के परिवहन में कोई बाधा आई है।

हालांकि, केजेडसी ने गृह मंत्रालय से अनुरोध किया है कि एनएच-2 पर यात्रियों और आवश्यक सामानों के परिवहन की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए केंद्रीय सुरक्षा बलों को तैनात किया जाए। 29 जुलाई 2025 को कांगपोकपी में हुई सार्वजनिक बैठक के प्रस्ताव के अनुसार, केजेडसी ने कांगपोकपी जिले के लोगों से अपील की है कि वे भारत सरकार द्वारा तैनात सुरक्षा बलों के साथ सहयोग करें, ताकि एनएच-2 पर यात्रियों और आवश्यक सामानों के परिवहन की सुरक्षा सुनिश्चित हो सके। यह बयान केडेजसी के आठ नेताओं द्वारा हस्ताक्षरित है।

यूपीएफ और केएनओ ने 22 अगस्त, 2008 को सरकार के साथ एसओओ समझौता किया था। इस समझौते के तहत, 2,266 उग्रवादी कैडर मणिपुर के पहाड़ी इलाकों में विभिन्न नामित शिविरों में रह रहे हैं। हालांकि, राज्य की बहुसंख्यक मेइती समुदाय इस एसओओ समझौते को कुकी उग्रवादी संगठनों के साथ बढ़ाने का विरोध कर रहा है।

--आईएएनएस

पीएसके

डिस्क्लेमरः यह आईएएनएस न्यूज फीड से सीधे पब्लिश हुई खबर है. इसके साथ न्यूज नेशन टीम ने किसी तरह की कोई एडिटिंग नहीं की है. ऐसे में संबंधित खबर को लेकर कोई भी जिम्मेदारी न्यूज एजेंसी की ही होगी.

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