मनीष सिसोदिया पर फिर कसा एसीबी का फंदा, जांच के लिए बुलाया
एयर इंडिया ने अहमदाबाद विमान हादसे में खोए अपने क्रू मेंबर्स को किया याद
एयर इंडिया ने रखरखाव के चलते आठ घरेलू और अंतरराष्ट्रीय उड़ानों को रद्द किया
सोनम कपूर की प्लेलिस्ट में हैं ‘करियर का सबसे खास गाना’
PM Modi Bihar Visit Live: पीएम मोदी सिवान से दिया बिहार को तोहफा, कई विकास परियोजनाओं का किया उद्घाटन और शिलान्यास
‘युद्ध में हिंदुओं के सामने हमारा जज्बा अलग होता है’, पाकिस्तानी सांसद ने कहा- यहूदियों-ईसाइयों को मारेंगे
सीएम योगी सरकारी भ्रष्टाचार और अफसरों की द्वेषपूर्ण मनमानी पर सख्त कदम उठाएं : मायावती
एयर इंडिया हादसे के बाद 220 डीएनए सैंपल मैच, परिजनों को सौंपे गए 202 शव
कुणाल खेमू ने खोला फिटनेस सफर का राज, फैंस बोले- 'जहर लग रहे हो भाई'

रेपो रेट में एक और कटौती से किफायती रियल एस्टेट में आएगी तेजी : विशेषज्ञ

रेपो रेट में एक और कटौती से किफायती रियल एस्टेट में आएगी तेजी : विशेषज्ञ

रेपो रेट में एक और कटौती से किफायती रियल एस्टेट में आएगी तेजी : विशेषज्ञ

author-image
IANS
New Update
Residential real estate: 'Silicon Valley' Bengaluru emerges as major investment destination for NRIs

(source : IANS) ( Photo Credit : IANS)

नई दिल्ली, 3 जून (आईएएनएस)। उद्योग विशेषज्ञों ने मंगलवार को कहा कि भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) की मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) की बैठक में ब्याज दरों में कटौती का असर कम उधारी लागत पर पड़ना, आवासीय रियल एस्टेट की मांग को बनाए रखने के लिए जरूरी है। खास तौर पर किफायती हाउसिंग सेगमेंट में, जो कि ब्याज दरों में उतार-चढ़ाव के प्रति संवेदनशील है।

मौजूदा सौम्य मुद्रास्फीति के माहौल और वित्त वर्ष 2025 में दर्ज 6.5 प्रतिशत की जीडीपी वृद्धि को देखते हुए, रिजर्व बैंक इस शुक्रवार (6 जून) को 25-बीपीएस रेपो दर में कटौती कर सकता है।

नाइट फ्रैंक इंडिया के चेयरमेन और मैनेजिंग डायरेक्टर शिशिर बैजल ने कहा, 3.6 लाख करोड़ रुपए के सरप्लस के साथ लिक्विडिटी की स्थिति में सुधार होना ब्याज दर में कटौती को मजबूत बनाता है, जो मौद्रिक ट्रांसमिशन की प्रभावशीलता को बढ़ाता है। इसके अतिरिक्त, जी-सेक यील्ड में नरमी आरबीआई के मुद्रास्फीति और लिक्विडिटी मैनेजमेंट में बॉन्ड बाजार के विश्वास को दर्शाती है और दरों में ढील के औचित्य को मजबूत करती है।

अनुमानित दर कटौती के साथ इस चक्र में नीति दर में संचयी कमी 75 आधार अंक होगी।

हालांकि, अब ध्यान ट्रांसमिशन की गति और व्यापकता पर केंद्रित होना चाहिए।

बैजल ने आगे कहा, कुछ वाणिज्यिक बैंकों ने अपने एमसीएलआर और आधार दरों को कम करना शुरू कर दिया है, समायोजन मामूली रहे हैं। लिक्विडिटी की स्थिति स्थिर होने के साथ अब वाणिज्यिक बैंकों के लिए उधारकर्ताओं को नीतिगत ढील का लाभ देने में तेजी लाने की अधिक गुंजाइश है। यह उपभोक्ता मांग और निजी निवेश को बढ़ावा देने और अंततः आर्थिक विकास को समर्थन देने के लिए महत्वपूर्ण होगा।

केंद्रीय बैंक के इस वर्ष अप्रैल तक 50 आधार अंकों की कटौती के बाद वित्त वर्ष 2026 में रेपो दर में 50 आधार अंकों (बीपीएस) की कटौती करने का अनुमान है।

क्रिसिल के लेटेस्ट नोट के अनुसार, बैंक ऋण दरों में कमी आनी शुरू हो गई है, जिससे घरेलू मांग को समर्थन मिलना चाहिए।

विशेषज्ञों ने कहा कि किफायती कैटेगरी में मासिक आय में ईएमआई का महत्वपूर्ण हिस्सा होने के कारण, ऋण दरों में मामूली कमी भी खरीद निर्णयों को प्रभावित कर सकती है, जिससे इस मूल्य-संवेदनशील मांग सेगमेंट को समर्थन देने के लिए आवश्यक गति मिल सकती है।

--आईएएनएस

एसकेटी/जीकेटी

Advertisment

डिस्क्लेमरः यह आईएएनएस न्यूज फीड से सीधे पब्लिश हुई खबर है. इसके साथ न्यूज नेशन टीम ने किसी तरह की कोई एडिटिंग नहीं की है. ऐसे में संबंधित खबर को लेकर कोई भी जिम्मेदारी न्यूज एजेंसी की ही होगी.

      
Advertisment