कोई धारणा बनाने से पहले 'फुले' देखें ब्राह्मण : निर्देशक अनंत महादेवन

कोई धारणा बनाने से पहले 'फुले' देखें ब्राह्मण : निर्देशक अनंत महादेवन

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IANS
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Ananth Mahadevan, director of 'Phule', appeals to the Brahmin community to watch the film before passing judgment

(source : IANS) ( Photo Credit : IANS)

मुंबई, 19 अप्रैल (आईएएनएस)। फुले के निर्माता अनंत महादेवन ने ब्राह्मणों से अनुरोध किया कि वे कोई राय बनाने से पहले फिल्म जरूर देखें। आईएएनएस से खास बातचीत में अनंत महादेवन ने अपनी फिल्म, इसकी विषय-वस्तु और सेंसर बोर्ड के सुझाए बदलावों के बारे में खुलकर बात की।

निर्देशक अनंत महादेवन की फिल्म फुले समाज सुधारक ज्योतिराव गोविंदराव फुले और उनकी पत्नी सावित्रीबाई फुले के जीवन पर आधारित है। रिलीज से पहले, फिल्म को ब्राह्मणों के कुछ वर्गों से विरोध का सामना करना पड़ रहा है। फिल्म का ट्रेलर देखने के बाद दावा किया गया कि फिल्म में ब्राह्मणों की गलत छवि पेश की गई है।

फुले के निर्माता अनंत महादेवन ने विरोध को देखते हुए कहा कि आहत समुदाय पहले फिल्म देखे और फिर अपनी राय दें। उन्होंने कहा कि उन्होंने सेंसर बोर्ड द्वारा सुझाए गए सभी नियमों का पालन किया है।

केंद्रीय फिल्म प्रमाणन बोर्ड (सीबीएफसी) द्वारा सुझाए गए बदलावों पर अपने विचार साझा करते हुए महादेवन ने आईएएनएस को बताया, वह शायद जरूरत से ज्यादा सतर्क थे और उनके पास कुछ सिफारिशें थीं, कुछ बदलाव थे जो वह चाहते थे कि हम करें।

उन्होंने कहा कि इन बदलावों के बावजूद भी फिल्म का प्रभाव कम नहीं हुआ है। हमने इसका पालन किया क्योंकि हम कानून के अनुसार चलना चाहते हैं, लेकिन एकमात्र बात यह है कि हम थोड़े अधिक संवेदनशील हो गए हैं, भले ही उन शब्दों को बरकरार रखा गया हो, भले ही उन बिंदुओं को बरकरार रखा गया हो, मुझे नहीं लगता कि किसी को इस पर आपत्ति होगी, लेकिन कहीं न कहीं हमें इसमें सुधार करना पड़ा, लेकिन मैं आपको आश्वस्त करना चाहता हूं कि इससे फिल्म का प्रभाव कम नहीं होगा।

सीबीएफसी की तरफ से निर्माताओं को इस फिल्म से मांग, महार और पेशवाई जैसे शब्द हटाने को कहा गया। इसके अलावा, झाड़ू लिए हुए आदमी के दृश्य को सावित्रीबाई पर गोबर के उपले फेंकते लड़के से बदलने को कहा गया और 3000 साल पुरानी गुलामी को बदलकर कई साल पुरानी कर दिया गया। 25 अप्रैल को सभी को फुले देखने के लिए आमंत्रित करते हुए, निर्माता ने कहा कि उन्हें सेंसर बोर्ड से क्लीन यू सर्टिफिकेट मिला है।

उन्होंने कहा कि सीबीएफसी ने खुद फिल्म का समर्थन किया है और कहा कि फिल्म को युवा पीढ़ी को देखना चाहिए क्योंकि ज्योतिराव और सावित्रीबाई फुले ने अपनी किशोरावस्था में एक क्रांति शुरू की थी जो अभी भी जारी है। इस प्रोजेक्ट में प्रतीक गांधी ज्योतिराव फुले और पत्रलेखा सावित्रीबाई फुले की भूमिका में नजर आएंगे।

--आईएएनएस

पीएसएम/केआर

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