सेवा और आध्यात्मिकता की मिसाल कलाबेन पटेल का निधन

सेवा और आध्यात्मिकता की मिसाल कलाबेन पटेल का निधन

सेवा और आध्यात्मिकता की मिसाल कलाबेन पटेल का निधन

author-image
IANS
New Update
An era of Seva ascends to Heavens: PM Modi with Kalaben Patel in frame captures nation’s sentiment

(source : IANS) ( Photo Credit : IANS)

नई दिल्ली, 11 अगस्त (आईएएनएस)। गुजरात के बारडोली में जन्मीं डॉ. कलाबेन दयाराम भाई पटेल (1925-2025) का 100 वर्ष की आयु में निधन हो गया। वह न सिर्फ एक चिकित्सक और सामाजिक कार्यकर्ता थीं, बल्कि स्वतंत्रता संग्राम, महिला सशक्तिकरण और आध्यात्मिक नेतृत्व की प्रतीक थीं।

Advertisment

एक प्रशिक्षित चिकित्सक डॉ. कलाबेन दयाराम भाई पटेल को गुजरात की महिला विंग की संरक्षक के रूप में उनकी भूमिका के लिए जाना जाता था, जहां उन्होंने ग्रामीण और शहरी निर्वाचन क्षेत्रों में महिलाओं के अधिकारों, सम्मान और सशक्तिकरण की वकालत की।

सोमवार को मोदी आर्काइव ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ इस महान हस्ती की एक तस्वीर साझा करते हुए उन्हें श्रद्धांजलि दी।

मोदी आर्काइव ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा, हम बारडोली की रहने वाली डॉ. कलाबेन दयाराम भाई पटेल (1925-2025) को याद करते हैं। उन्होंने अपना जीवन दूसरों के उपचार, मार्गदर्शन और सेवा में समर्पित कर दिया। उन्होंने गुजरात की महिला विंग की संरक्षक के रूप में नेतृत्व किया और राम मंदिर ट्रस्ट का प्रतिनिधित्व विनम्रता और समर्पण के साथ किया। आज उनका निधन हो गया, लेकिन वे अपने पीछे सेवा और अध्यात्म की एक अद्भुत विरासत छोड़ गईं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी उनसे कई मौकों पर मुलाकात की।

उनका नेतृत्व गांधीवादी सिद्धांतों और व्यावहारिक कार्यों का अनूठा मिश्रण था। उन्होंने महिलाओं को संगठित किया और उन्हें शिक्षा, स्वास्थ्य और नागरिक भागीदारी के लिए प्रेरित किया।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कई मौकों पर डॉ. पटेल से मुलाकात की और उनके सेवा कार्यों और आध्यात्मिक योगदान की प्रशंसा की।

वह राम मंदिर ट्रस्ट से लंबे समय तक जुड़ी रहीं, जहां उन्होंने गरिमा और समर्पण के साथ अपनी जिम्मेदारियां निभाईं। इस भूमिका में उन्होंने आस्था और सेवा के बीच सेतु का काम किया तथा धार्मिक मूल्यों पर आधारित समावेशी आध्यात्मिक स्थानों और सामुदायिक कल्याण की पहल को बढ़ावा दिया।

सोमवार को 100 वर्ष की आयु में उनका निधन हो गया। वे अपने पीछे एक ऐसी विरासत छोड़ गईं, जो उपमा से परे है। जो लोग उन्हें जानते थे, उनके लिए वे एक मार्गदर्शक और मां जैसी थीं।

--आईएएनएस

एकेएस

डिस्क्लेमरः यह आईएएनएस न्यूज फीड से सीधे पब्लिश हुई खबर है. इसके साथ न्यूज नेशन टीम ने किसी तरह की कोई एडिटिंग नहीं की है. ऐसे में संबंधित खबर को लेकर कोई भी जिम्मेदारी न्यूज एजेंसी की ही होगी.

Advertisment