अमिताभ कांत ने जी20 शेरपा के पद से इस्तीफा दिया, 45 वर्ष का रहा सरकारी सेवाकाल

अमिताभ कांत ने जी20 शेरपा के पद से इस्तीफा दिया, 45 वर्ष का रहा सरकारी सेवाकाल

अमिताभ कांत ने जी20 शेरपा के पद से इस्तीफा दिया, 45 वर्ष का रहा सरकारी सेवाकाल

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IANS
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New Delhi: Former CEO of the NITI Aayog and G20 Sherpa Amitabh Kant during a panel discussion on 'Solving the Energy Trilemma: Access, Affordability, Availability' the Raisina Dialogue 2024

(source : IANS) ( Photo Credit : IANS)

नई दिल्ली, 16 जून (आईएएनएस)। अमिताभ कांत ने सोमवार को जी20 शेरपा के पद से इस्तीफा देने की घोषणा की। उन्होंने जी20 शेरपा, नीति आयोग के सीईओ, औद्योगिक नीति एवं संवर्धन विभाग के सचिव समेत कई अन्य पदों पर 45 वर्षों तक समर्पित सरकारी सेवा के बाद इस्तीफा दिया है।

सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स और लिंक्डइन पर माई न्यू जर्नी शीर्षक से एक पोस्ट में कांत ने कहा कि अब उनका लक्ष्य मुक्त उद्यम, स्टार्टअप और थिंक टैंक का समर्थन करना है।

कांत ने एक्स पर एक पोस्ट में लिखा, 45 वर्षों की समर्पित सरकारी सेवा के बाद, मैंने नए अवसरों को अपनाने और जीवन में आगे बढ़ने का निर्णय लिया है। मैं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का बहुत आभारी हूं कि उन्होंने जी20 शेरपा के रूप में मेरा इस्तीफा स्वीकार कर लिया और मुझे कई विकासात्मक पहलों को आगे बढ़ाने और देश के विकास और प्रगति में योगदान करने का अवसर दिया।

अपने सहकर्मियों, साथियों और मित्रों की प्रशंसा करते हुए उन्होंने कहा कि वह अब मुक्त उद्यम, स्टार्टअप, थिंक टैंक और शैक्षणिक संस्थानों को सुविधा और समर्थन देकर विकसित भारत की ओर देश की परिवर्तनकारी यात्रा में योगदान देने के लिए तैयार हैं।

कांत ने कहा कि 2023 में भारत की जी20 अध्यक्षता का नेतृत्व करना उनके करियर में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर था।

लिंक्डइन पर एक पोस्ट में उन्होंने कहा, भारत की जी20 अध्यक्षता पीपल-सेंट्रिक और इंक्लूसिव थी, जिसमें सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में बैठकें आयोजित की गईं। इसने सहकारी संघवाद को मजबूत किया, स्थानीय संस्कृति का जश्न मनाया और देश भर में इंफ्रास्ट्रक्चर को अपग्रेड किया।

उन्होंने अफ्रीकी संघ को जी20 में सफलतापूर्वक शामिल किए जाने पर भी प्रकाश डाला।

इसके अलावा, नीति आयोग के सीईओ के रूप में कांत ने कहा कि उन्होंने आकांक्षी जिला कार्यक्रम जैसे कार्यक्रमों का नेतृत्व किया।

उनके कार्यकाल में भारत के डिजिटल पब्लिक इंफ्रास्ट्रक्चर की नींव रखी गई। साथ ही, पीएलआई स्कीम के जरिए मैन्युफैक्चरिंग, अटल इनोवेशन मिशन के जरिए इनोवेशन और ग्रीन हाइड्रोजन मिशन के जरिए सस्टेनेबिलिटी जैसे नीतिगत सुधारों को आगे बढ़ाया गया।

औद्योगिक नीति और संवर्धन विभाग के सचिव के रूप में उन्होंने ईज ऑफ डूइंग बिजनेस, मेक इन इंडिया और स्टार्टअप इंडिया जैसी पहलों को शुरू करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।

कांत ने कहा कि उनकी यात्रा केरल से शुरू हुई, जहां उन्होंने जमीनी स्तर पर विकास के महत्व को समझा। वहां उनका काम अतुल्य भारत अभियान से प्रेरित था, जो इस विश्वास से पैदा हुआ कि यात्रा और पर्यटन का नौकरियों और विकास पर सबसे अच्छा गुणक प्रभाव पड़ता है।

--आईएएनएस

एसकेटी/

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डिस्क्लेमरः यह आईएएनएस न्यूज फीड से सीधे पब्लिश हुई खबर है. इसके साथ न्यूज नेशन टीम ने किसी तरह की कोई एडिटिंग नहीं की है. ऐसे में संबंधित खबर को लेकर कोई भी जिम्मेदारी न्यूज एजेंसी की ही होगी.

      
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