अमरनाथ यात्रा का 18वां दिन: चाक-चौबंद सुरक्षा व्यवस्था के बीच 4 हजार तीर्थयात्रियों का जत्था हुआ जम्मू से रवाना

अमरनाथ यात्रा का 18वां दिन: चाक-चौबंद सुरक्षा व्यवस्था के बीच 4 हजार तीर्थयात्रियों का जत्था हुआ जम्मू से रवाना

अमरनाथ यात्रा का 18वां दिन: चाक-चौबंद सुरक्षा व्यवस्था के बीच 4 हजार तीर्थयात्रियों का जत्था हुआ जम्मू से रवाना

author-image
IANS
New Update
Ramban: Devotees at Shrine Board Camp in Baninal

(source : IANS) ( Photo Credit : IANS)

श्रीनगर, 20 जुलाई (आईएएनएस)। अमरनाथ यात्रा के 18वें दिन श्रद्धालुओं की संख्या तीन लाख के पार पहुंचने की संभावना है। रविवार को 4,388 तीर्थयात्रियों का एक और जत्था जम्मू से कश्मीर के लिए रवाना हुआ। यह यात्रा अभूतपूर्व सुरक्षा के बीच हो रही है।

Advertisment

अब तक 2.75 लाख से ज्यादा तीर्थयात्री बाबा बर्फानी का दर्शन कर चुके हैं।

जम्मू के भगवती नगर यात्री निवास से 4,388 तीर्थयात्री कश्मीर पहुंचते हैं, जबकि इससे चार गुना ज्यादा तीर्थयात्री रोजाना सीधे यहां पहुंचते हैं और या तो ट्रांजिट कैंपों में या दोनों आधार शिविरों में, वहीं पंजीकरण कराते हैं। रविवार को यह संख्या तीन लाख को पार कर जाने की संभावना है।

जम्मू से बालटाल और पहलगाम के दो आधार शिविरों तक और बालटाल व पहलगाम से अमरनाथ गुफा तक के दो मार्गों पर सेना, जम्मू-कश्मीर पुलिस, बीएसएफ, सीआरपीएफ, एसएसबी, सीआईएसएफ और अन्य सुरक्षाकर्मी चौबीसों घंटे पहरा दे रहे हैं। सेना ने यात्रा ड्यूटी पर पहले से तैनात सीएपीएफ की 180 अतिरिक्त कंपनियों के अतिरिक्त 8,000 से ज्यादा विशेष बल तैनात किए हैं।

यात्रा मार्ग पर हर पांच मीटर पर विभिन्न सीएपीएफ इकाइयों के पूरी तरह से सशस्त्र जवान तैनात हैं, और इस असाधारण सतर्कता के कारण इस साल हिमालयी अमरनाथ गुफा मंदिर की तीर्थयात्रा के लिए तीर्थयात्रियों का विश्वास और भी मजबूत हुआ है।

इस साल की अमरनाथ यात्रा के लिए अधिकारियों ने व्यापक बहु-स्तरीय सुरक्षा व्यवस्था की है, क्योंकि यह यात्रा 22 अप्रैल के कायराना हमले के बाद हो रही है, जिसमें पाकिस्तान समर्थित आतंकवादियों ने पहलगाम के बैसरन घाटी में आस्था के आधार पर 26 बेगुनाहों की हत्या कर दी थी।

एक अधिकारी ने बताया, आज 4,388 यात्रियों का एक और जत्था भगवती नगर यात्री निवास से दो सुरक्षा काफिलों में घाटी के लिए रवाना हुआ। 64 वाहनों का पहला सुरक्षा काफिला 1,573 यात्रियों को लेकर सुबह 3.30 बजे बालटाल आधार शिविर के लिए रवाना हुआ, जबकि 115 वाहनों का दूसरा सुरक्षा काफिला 2,815 यात्रियों को लेकर सुबह 4 बजे नुनवान (पहलगाम) आधार शिविर के लिए रवाना हुआ।

10 जुलाई को पहलगाम में छड़ी मुबारक (भगवान शिव की पवित्र गदा) का पूजन किया गया। छड़ी मुबारक के एकमात्र संरक्षक महंत स्वामी दीपेंद्र गिरि के नेतृत्व में संतों के एक समूह द्वारा छड़ी मुबारक को श्रीनगर के दशनामी अखाड़ा भवन स्थित उसके स्थान से पहलगाम ले जाया गया।

पहलगाम में, छड़ी मुबारक को गौरी शंकर मंदिर ले जाया गया, जहां भूमि पूजन हुआ। इसके बाद छड़ी मुबारक को दशनामी अखाड़ा भवन में वापस उसके स्थान पर ले जाया गया।

यह छड़ी मुबारक 4 अगस्त को श्रीनगर स्थित दशनामी अखाड़ा मंदिर से गुफा मंदिर की ओर अपनी अंतिम यात्रा शुरू करेगी और 9 अगस्त को पवित्र गुफा मंदिर पहुँचेगी, जो यात्रा का आधिकारिक समापन होगा।

इस वर्ष, यह यात्रा 3 जुलाई को शुरू हुई और 38 दिनों के बाद 9 अगस्त को समाप्त होगी, जो श्रावण पूर्णिमा और रक्षा बंधन का संयोग है।

यात्री कश्मीर हिमालय में समुद्र तल से 3888 मीटर ऊपर स्थित पवित्र गुफा मंदिर तक या तो पारंपरिक पहलगाम मार्ग से या छोटे बालटाल मार्ग से पहुँचते हैं।

पहलगाम मार्ग का उपयोग करने वाले लोग चंदनवाड़ी, शेषनाग और पंचतरणी से होकर गुफा मंदिर तक पहुंचते हैं, और 46 किलोमीटर की पैदल दूरी तय करते हैं। इस यात्रा में तीर्थयात्री को गुफा मंदिर तक पहुंचने में चार दिन लगते हैं। और, छोटे बालटाल मार्ग का उपयोग करने वालों को गुफा मंदिर तक पहुँचने के लिए 14 किलोमीटर की पैदल यात्रा करनी पड़ती है और दर्शन करने के बाद उसी दिन आधार शिविर लौटना पड़ता है।

सुरक्षा कारणों से इस वर्ष यात्रियों के लिए कोई हेलीकॉप्टर सेवा उपलब्ध नहीं है।

--आईएएनएस

केआर/

डिस्क्लेमरः यह आईएएनएस न्यूज फीड से सीधे पब्लिश हुई खबर है. इसके साथ न्यूज नेशन टीम ने किसी तरह की कोई एडिटिंग नहीं की है. ऐसे में संबंधित खबर को लेकर कोई भी जिम्मेदारी न्यूज एजेंसी की ही होगी.

      
Advertisment