एम्स और आईआईटी दिल्ली मिलकर बनाएंगे स्वास्थ्य सेवा के लिए एआई सेंटर

एम्स और आईआईटी दिल्ली मिलकर बनाएंगे स्वास्थ्य सेवा के लिए एआई सेंटर

एम्स और आईआईटी दिल्ली मिलकर बनाएंगे स्वास्थ्य सेवा के लिए एआई सेंटर

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IANS
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AIIMS Delhi, IIT Delhi to establish Center of Excellence for AI in healthcare (Photo: IIT Delhi)

(source : IANS) ( Photo Credit : IANS)

नई दिल्ली, 4 जून (आईएएनएस)। अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) और भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) दिल्ली ने मिलकर स्वास्थ्य सेवा में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) के लिए एक खास केंद्र (एआई-सीओई) बनाने का फैसला लिया है। दोनों संस्थानों ने इसके लिए एक समझौते (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए हैं।

यह एआई-सीओई एआई की मदद से ऐसी तकनीक विकसित करेगा, जो देश के प्रमुख स्वास्थ्य कार्यक्रमों को बेहतर बनाएगी। इसका मकसद मरीजों को बेहतर और सस्ती स्वास्थ्य सेवाएं देना, खासकर उन लोगों को जो दूर-दराज या गरीब इलाकों में रहते हैं।

एम्स दिल्ली के निदेशक प्रो. एम. श्रीनिवास ने कहा कि यह समझौता देश में स्वास्थ्य सेवाओं को बदल सकता है। वहीं, आईआईटी दिल्ली के निदेशक प्रो. रंगन बनर्जी ने बताया कि यह केंद्र सस्ती स्वास्थ्य सेवाओं के लिए नए रास्ते खोलेगा और भारतीयों के जीवन पर असर डालेगा।

पिछले साल शिक्षा मंत्रालय ने मेक एआई इन इंडिया, मेक एआई वर्क फॉर इंडिया योजना के तहत 330 करोड़ रुपये का अनुदान दिया था। यह केंद्र इस पैसे का इस्तेमाल करके एआई तकनीक विकसित करेगा।

इस प्रोजेक्ट को प्रो. चेतन अरोड़ा आईआईटी दिल्ली से लीड करेंगे। उन्होंने कहा, यह केंद्र नई तकनीक बनाएगा, स्वास्थ्य कर्मियों को प्रशिक्षण देगा और दूरदराज के लोगों तक बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं पहुंचाएगा। हमारा लक्ष्य स्वास्थ्य सेवाओं को बेहतर बनाने, स्वास्थ्य सेवा प्रदाताओं को बेहतर कौशल प्रदान करने और हमारी आबादी के दूरदराज और हाशिए पर पड़े वर्गों के लिए गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवा की पहुंच में सुधार करने के लिए अत्याधुनिक एआई सॉल्यूशन विकसित करना है।

विशेषज्ञों ने बताया कि यह राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर एक प्रमुख अनुसंधान और संसाधन केंद्र के रूप में काम करेगा और इसका उद्देश्य स्वदेशी रूप से विकसित एआई सिस्टम और समाधानों का उपयोग करके राष्ट्रीय पब्लिक हेल्थ सिस्टम में क्रांति लाना है।

आईआईटी दिल्ली और एम्स दिल्ली पहले भी कई प्रोजेक्ट्स पर साथ काम कर चुके हैं, जिसमें सेंटर फॉर एडवांस्ड रिसर्च एंड एक्सीलेंस इन डिसेबिलिटी एंड असिस्टिव टेक्नोलॉजी (केयर-डीएटी) भी शामिल है, जो विकलांग व्यक्तियों के लिए सहायक तकनीक विकसित करने के लिए काम कर रहा है।

--आईएएनएस

एमटी/एएस

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