तमिलनाडु: आम किसानों की दुर्दशा उजागर करने के लिए अन्नाद्रमुक भूख हड़ताल करेगी

तमिलनाडु: आम किसानों की दुर्दशा उजागर करने के लिए अन्नाद्रमुक भूख हड़ताल करेगी

तमिलनाडु: आम किसानों की दुर्दशा उजागर करने के लिए अन्नाद्रमुक भूख हड़ताल करेगी

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IANS
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Chennai: AIADMK General Secretary Edappadi K. Palaniswami addresses a press conference

(source : IANS) ( Photo Credit : IANS)

चेन्नई, 19 जून (आईएएनएस)। तमिलनाडु के कृष्णागिरी जिले में विपक्षी एआईएडीएमके ने शुक्रवार को भूख हड़ताल की घोषणा की है और मांग की है कि डीएमके सरकार क्षेत्र में आम किसानों के सामने आ रही समस्याओं के समाधान के लिए हस्तक्षेप करे।

एआईएडीएमके महासचिव और पूर्व मुख्यमंत्री एडप्पादी के. पलानीस्वामी ने कहा कि पार्टी सुबह 9 बजे से शाम 5 बजे तक एक दिवसीय भूख हड़ताल करेगी, जिसमें इस मौसम में भारी नुकसान झेलने वाले आम के किसानों के लिए तत्काल मुआवजा और उचित मूल्य निर्धारण तंत्र की मांग की जाएगी।

पलानीस्वामी ने बयान में बताया कि धान और गन्ने के बाद, आम तमिलनाडु में सबसे व्यापक रूप से उगाई जाने वाली फसलों में से एक है।

उन्होंने कहा कि अकेले कृष्णागिरी जिले में 35,000 हेक्टेयर में आम की खेती होती है। इस क्षेत्र से इस साल करीब तीन लाख टन आम का उत्पादन हुआ और दो लाख टन पल्प यानी गूदा निकाला गया। हालांकि, इस मौसम में कीमतों में भारी गिरावट आई है, जिससे हजारों आम किसान गहरे वित्तीय संकट में हैं।

पलानीस्वामी ने आरोप लगाया कि गूदा निर्माता किसानों को केवल 4 से 5 रुपये प्रति किलोग्राम की पेशकश कर रहे हैं, जबकि किसानों ने न्यूनतम 13 रुपये प्रति किलोग्राम की मांग की थी। इसके अलावा, उन्होंने प्रभावित लोगों के लिए 30,000 रुपये का मुआवजा मांगा है।

विपक्ष के नेता ने दावा किया, हालांकि किसानों ने मुआवजे की मांग करते हुए जिला कलेक्टर को याचिकाएं सौंपी हैं, लेकिन अभी तक कोई कार्रवाई नहीं की गई है।

एआईएडीएमके की आलोचना पर तमिलनाडु के कृषि मंत्री एम.आर.के. पन्नीरसेल्वम ने कड़ा जवाब देते हुए कहा कि कृष्णागिरि में आम किसानों के सामने आने वाली समस्याओं को समय पर सरकारी हस्तक्षेप के माध्यम से पहले ही हल कर दिया गया है।

पन्नीरसेल्वम ने बयान में कहा, पिछले तीन वर्षों में मुख्यमंत्री एम.के. स्टालिन के नेतृत्व में हमारी द्रविड़ मॉडल सरकार ने एक अलग कृषि बजट पेश करके और विभाग का नाम बदलकर कृषि और किसान कल्याण विभाग करके किसानों के कल्याण को प्राथमिकता दी है।

एआईएडीएमके पर कटाक्ष करते हुए मंत्री ने कहा, अपने कार्यकाल के दौरान, एआईएडीएमके ने केंद्र सरकार के किसान विरोधी कृषि कानूनों का समर्थन किया। अब, इस तथ्य को पचाने में असमर्थ है कि इस सरकार के तहत किसानों को लाभ मिल रहा है, एडप्पादी पलानीस्वामी निराधार आरोपों के साथ राजनीतिक नाटक कर रहे हैं।

चूंकि राजनीतिक गतिरोध जारी है, इसलिए अब सभी की निगाहें कृष्णागिरी पर टिकी हैं, जहां एआईएडीएमके शुक्रवार को राज्य के आम उत्पादकों के लिए तत्काल राहत की मांग को लेकर विरोध प्रदर्शन करेगी।

--आईएएनएस

एएसएच/केआर

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