महंगे बाजार के बावजूद 2026 में सक्रिय निवेशक कमा सकते हैं 22 प्रतिशत तक मुनाफा : रिपोर्ट

महंगे बाजार के बावजूद 2026 में सक्रिय निवेशक कमा सकते हैं 22 प्रतिशत तक मुनाफा : रिपोर्ट

महंगे बाजार के बावजूद 2026 में सक्रिय निवेशक कमा सकते हैं 22 प्रतिशत तक मुनाफा : रिपोर्ट

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IANS
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Active investors may earn up to 22 pc in 2026 despite expensive market valuations

(source : IANS) ( Photo Credit : IANS)

नई दिल्ली, 24 दिसंबर (आईएएनएस)। बुधवार को आई एक रिपोर्ट के अनुसार, भारतीय शेयर बाजार का 63 प्रतिशत हिस्सा अपनी ओवरवैल्यू लग रहा है। इसके बावजूद, साल 2026 में सक्रिय निवेशकों के लिए अच्छे मुनाफे के मौके हैं। निवेशकों के पास कई अवसर होंगे, जहां वे अच्छा मुनाफा कमा सकते हैं।

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ओमनीसाइंस कैपिटल की रिपोर्ट के मुताबिक, निफ्टी 500 का प्राइस-टू-अर्निंग्स (पीई) रेशियो 24 गुना से ज्यादा है, जो महंगा लगता है, लेकिन 36 बड़ी कंपनियों और 46 मिड-कैप कंपनियों का वैल्यूएशन कम है। इसका मतलब है कि इन स्टॉक्स में निवेश करना फायदेमंद हो सकता है।

रिपोर्ट में कहा गया है कि 66 प्रतिशत निफ्टी 500 के स्टॉक्स महंगे हैं, लेकिन वैल्यूएशन का दबाव स्मॉल कैप शेयरों पर ज्यादा दिखता है।

रिपोर्ट के अनुसार, 150 स्मॉल कैप कंपनियों में से 89 कंपनियों के शेयर के भाव कम हैं। वहीं, 100 बड़ी कंपनियों में से 63 प्रतिशत कंपनियों के शेयर भी सही कीमत पर या सस्ते हैं। इससे साफ है कि सक्रिय निवेशक इन कंपनियों में निवेश कर सकते हैं और अच्छा-खासा मुनाफा कमा सकते हैं।

सेक्टरवार विश्लेषण से पता चला कि फाइनेंशियल्स, यूटिलिटीज और इंडस्ट्रियल्स जैसे सेक्टरों में कंपनियों के शेयर का मूल्य सही है या कम कीमत पर है, जिनमें क्रमशः लगभग 70, 18 और 83 कंपनियां शामिल हैं।

रिपोर्ट में कहा गया, भारतीय बाजार में सक्रिय निवेशकों के लिए अच्छा मुनाफा बनाने के कई मौके हैं, चाहे वह सेक्टर आधारित हो या फिर बाजार पूंजीकरण (मार्केट कैप) के हिसाब से।

रिपोर्ट में कंज्यूमर स्टेपल्स, हेल्थकेयर और आईटी जैसे सेक्टरों में निवेश करते समय सतर्क रहने की सलाह दी गई है। इन सेक्टरों में महंगे मूल्यांकन हैं और कम वृद्धि का अनुमान है, जो इस बात का संकेत है कि इन सेक्टरों में निवेश करना उतना फायदेमंद नहीं हो सकता। फिर भी, इन तीनों सेक्टरों में 60 से ज्यादा कंपनियां ऐसी हैं जिनका वैल्यूएशन सही या कम है।

रिपोर्ट के अनुसार, अगर कमाई में 15 प्रतिशत से ज्यादा बढ़ोतरी होती है, तो पैसिव निवेशक को सिंगल डिजिट या मिड-टीन्स रिटर्न यानी कम रिटर्न मिल सकता है। लेकिन जो सक्रिय निवेशक गलत वैल्यूएशन वाले स्टॉक्स में निवेश करेंगे, उन्हें 18 से 22 प्रतिशत तक रिटर्न मिल सकता है।

रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि आर्थिक मोर्चे पर भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) की स्थिति मजबूत बनी हुई है। भारत में कुल संपत्तियों की तुलना में जीडीपी का अनुपात संतुलित है, जिससे केंद्रीय बैंक के पास नीतियां बनाने और उन्हें लागू करने की पर्याप्त गुंजाइश बनी रहती है। यह स्थिति कई पश्चिमी देशों से बेहतर है। रिपोर्ट के अनुसार, वैश्विक सार्वजनिक कर्ज ने ऐतिहासिक उच्च स्तर पर पहुंच गया है, लेकिन मौजूदा हालात किसी बड़े या तुरंत आने वाले संकट की ओर इशारा नहीं करते।

--आईएएनएस

डीबीपी/एएस

डिस्क्लेमरः यह आईएएनएस न्यूज फीड से सीधे पब्लिश हुई खबर है. इसके साथ न्यूज नेशन टीम ने किसी तरह की कोई एडिटिंग नहीं की है. ऐसे में संबंधित खबर को लेकर कोई भी जिम्मेदारी न्यूज एजेंसी की ही होगी.

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