भारत में 88 प्रतिशत मैन्युफैक्चरर्स अपने ऑपरेशंस का विस्तार करने की बना रहे योजना: रिपोर्ट

भारत में 88 प्रतिशत मैन्युफैक्चरर्स अपने ऑपरेशंस का विस्तार करने की बना रहे योजना: रिपोर्ट

भारत में 88 प्रतिशत मैन्युफैक्चरर्स अपने ऑपरेशंस का विस्तार करने की बना रहे योजना: रिपोर्ट

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IANS
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Gorakhpur Link Expressway

(source : IANS) ( Photo Credit : IANS)

नई दिल्ली, 28 जून (आईएएनएस)। भारत सरकार की ओर से इन्फ्रास्ट्रक्चर पर फोकस होने के कारण 88 प्रतिशत मैन्युफैक्चरर्स देश में अपने ऑपरेशंस को बढ़ाने के लिए पूंजीगत निवेश करने की योजना बना रहे हैं। यह जानकारी एक रिपोर्ट में दी गई।

कुशमैन और वेकफील्ड की रिपोर्ट में बताया गया कि मजबूत नीतिगत समर्थन और बड़े पैमाने पर इन्फ्रास्ट्रक्चर में निवेश के कारण भारत का मैन्युफैक्चरिंग और लॉजिस्टिक्स इकोसिस्टम बड़े परिवर्तन के दौर से गुजर रहा है।

रिपोर्ट में बताया गया कि भारतमाला, सागरमाला, डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर और नेशनल इंडस्ट्रीयल कॉरीडोर डेवलपमेंट जैसी सरकार की बड़ी इन्फ्रास्ट्रक्चर परियोजनाओं के प्रभाव को लेकर उच्च आशावाद बना हुआ है।

रिपोर्ट के अनुसार, 86 प्रतिशत मैन्युफैक्चरर्स का मानना है कि इन परियोजनाओं ने उनके व्यावसायिक परिचालन को सकारात्मक रूप से प्रभावित किया है, जबकि 95 प्रतिशत ने बताया कि इसके परिणामस्वरूप लॉजिस्टिक्स और परिवहन इन्फ्रास्ट्रक्चर तक उनकी पहुंच में सुधार हुआ है।

रिपोर्ट में बताया गया कि बड़े उद्यमों के लिए यह प्रभाव और भी अधिक है, क्योंकि 94 प्रतिशत का कहना है कि ये अपग्रेड्स उनकी विस्तार योजनाओं को आकार देने में महत्वपूर्ण रहे हैं।

इन्फ्रास्ट्रक्चर के निर्माण ने औद्योगिक विस्तार के लिए आधार तैयार किया है, प्रोडक्शन-लिंक्ड इंसेंटिव (पीएलआई) योजनाओं और ‘मेक इन इंडिया’ जैसी सरकारी नीतियां रणनीतिक प्राथमिकताओं को आकार दे रही हैं।

कुशमैन एंड वेकफील्ड के कार्यकारी प्रबंध निदेशक (मुंबई और न्यू बिजनेस) गौतम सराफ ने कहा, भारत का मैन्युफैक्चरिंग क्षेत्र संरचनात्मक बदलाव के दौर से गुजर रहा है। हमारे निष्कर्ष इन्फ्रास्ट्रक्चर में निवेश, नीतिगत स्पष्टता और उद्योग के इरादे के बीच मजबूत तालमेल का संकेत देते हैं।

उन्होंने आगे कहा कि इस गति को बनाए रखने के लिए, भारत को विशेष रूप से लॉजिस्टिक्स, एकीकृत सुविधाओं और एमएसएमई उत्पादकता में लागत और क्षमता के बीच के गहरे अंतर को दूर करना होगा।

--आईएएनएस

एबीएस/

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